
दोषी साबित होते ही अपने ही मंत्री के घर पर योगी चलाएंगे बुलडोजर, डर से भागा मंत्री,
कोर्ट में जज सुना रहे थे फैसला, तभी मंत्रीजी फाइल लेकर हो गए गायब, पुलिस दौड़ती रही पीछे
अपने इन दो मंत्रियों से सबसे ज्यादा खफा हैं सीएम योगी, जज के नाक में भी कर दिया है दम
क्या अपने ही मंत्री के घर योगी चलाएंगे बुलडोजर,गलती मिलने पर CM योगी नहीं देते हैं माफी
कानपुर की अदालत में मंत्रीजी पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे थे, जज साहब ने मुकदमा सुना और कहा कि मंत्री दोषी है, अब सजा के लिए दोनों पक्ष के वकील बहस कर लें, फिर अदालत इस नतीजे पर पहुंचेगी कि सजा कितनी देनी है. लेकिन जज साहब सजा सुनाते उससे पहले ही मंत्रीजी ने पूरा खेल पलट दिया, जिस फाइल को पढ़कर जज साहब को फैसला देना था वो फाइल ही उनकी नजरों से गायब हो गया, लोग कह रहे हैं वकील की मदद से मंत्रीजी ने वो फाइल गायब की और ऐसे भागे जैसे रेस का कंपटीशन चल रहा हो, अब उन मंत्रीजी को पुलिस, जज और वकील सब तलाश रहे हैं, और सीएम योगी अलग खफा हैं. पहले सुनिए मुकदमा क्या है फिर एक और मंत्री की ऐसी ही कहानी सुनाते हैं और बताते हैं इन दोनों को योगी कितनी बड़ी सजा सुनाने वाले हैं.
ये हैं योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान, आज से 31 साल पहले समाजवादी पार्टी के बड़े कद्दावर नेता माने जाते थे, सपा छोड़कर कांग्रेस में गए और उसके बाद विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले बीजेपी में आए और योगी के मंत्रिमंडल तक में शामिल हो गए. साल 1991 में इनके घर से पुलिस ने एक अवैध हथियार पक़ड़ा था और मुकदमा दर्ज किया था आर्म्स एक्ट का. 31 साल तक सुनवाई चली औऱ कानपुर की अपर मुख्य महानगर मस्जिट्रेट-3 की अदालत ने इन्हें दोषी पाया लेकिन सजा से पहले ही फाइल लेकर खुद फरार हो गए, कोई कह रहा मंत्रीजी मिल्खा सिंह से भी तेज भागे तो कोई कह रहा है इन्होंने कोर्टरूम को कॉमनवेल्थ गेम्स की तरह समझ लिया और लगे भागने. अब रजिस्ट्रार के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है. हालांकि मंत्रीजी कह रहे हैं कि मीडिया में उनके खिलाफ गलत जानकारी चलाई जा रही है, लेकिन फाइल लेकर नहीं भागे होते तो शायद पेशकार मुकदमा दर्ज नहीं करवाते और अब तक इन्हें सजा भी सुनाई जा चुकी होती.

अब सुनिए दूसरे मंत्रीजी की कहानी. ये हैं संजय निषाद, जिनके खिलाफ गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है, और 10 अगस्त तक कोर्ट में पेश होने को कहा है. इनके ऊपर साल 2015 में निषाद जाति के आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन को भड़काने का आरोप है, अब 10 अगस्त को संजय निषाद क्या राकेश सचान की तरह कुछ करेंगे या शांति से पेशी होगी पता नहीं. लेकिन कहा जा रहा है कि योगी इन दोनों मंत्रियों को बिल्कुल बख्शने के मूड में नहीं हैं.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि राकेश सचान और संजय निषाद दोनों योगी के बुलडोजर के डर से डरे हैं
राकेश सचान तो कोर्ट से भागने के बाद आवास पर भी नहीं आए, किसी को नहीं पता है वो कहां गए हैं
रविवार को न तो जनता दरबार लगाया और ना मिर्जापुर जाकर सरकार के 100 दिनों का काम गिनवाया
ऐसे मंत्रियों को योगी अपने मंत्रिमंडल में रखकर खुद की किरकिरी नहीं करवाएंगे, बुलडोजर चल सकता है
सीएम योगी की पॉलिसी शुरू से ही साफ रही है कि राजनीति का अपराधीकरण नहीं होने देंगे. संसद से लेकर विधानसभा तक में आधे से ज्यादा दागी सांसद विधायक बैठे हैं. अगर योगी ने ऐसे मंत्री को नहीं हटाया जो अदालत के आदेश की ऑरिजनल कॉपी लेकर ही भाग जाए तो समाज में सही संदेश नहीं जाएगा. नेता हो या मंत्री या फिर अधिकारी, योगी गलती मिलने पर अपने स्टाइल में सजा देते हैं, इसलिए यूपी में ये कहावत फेमस है कि सबसे पंगा लेना लेकिन योगी से मत लेना क्योंकि गलती मिली तो यहां माफी नहीं मिलती, जिसने जनता को सताया योगी ने उसे जेल और कानून का खौफ दिखाया. जेलों में बंद बड़े-बड़े माफिया इसके बड़े उदाहरण हैं.