अखिलेश के सामने भगवान राम का अपमान! स्वामी प्रसाद ने लगाया नारा
स्वामीप्रसाद मौर्य क्या समाजवादी पार्टी के लिए नए विभीषण साबित होंगे. क्योंकि जब से वो सपा में आय़े हैं तब से लगातार अखिलेश के लिए सेल्फ गोल कर रहे हैं और अखिलेश उसी पर ताली बजा रहे हैं. मुलायम सिंह यादव जब जिंदा थे तो कहा करते थे कि अखिलेश समाजवादी पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हैं. यादव परिवार के एक नेता को तब विभीषण कहा जाता है लेकिन अब ये उपाधि स्वामी प्रसाद मौर्य के पास आ गई है. अब उन्होंने भगवान राम को लेकर इतना विवादित बयान दे दिया है. जो समाजवादी पार्टी के लिए रसातल में जाने की वजह बन सकता है. बड़ी बात ये है कि ये बयान अखिलेश यादव की मौजूदगी में दिया गया है. इससे पगले जब रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था तब भी समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल हुई थी. उनके प्रवक्ताओं को अपना बचाव करना मुश्किल हो रहा था लेकिन इस बार तो उन्होंने जलते कढ़ाव में हाथ डाला है. क्योंकि ये वही नारा है जो किसी जमाने में बसपा बीजेपी के खिलाफ लगाया करती थी लेकिन सोशल मीडिया के आज के जमाने में इस बयान से क्या हो सकता है. क्या उनको अखिलेश यादव की भी शह है. क्या अखिलेश यादव भी मुलियम सिंह की तरह मुस्लिम तुष्टीकरण पर पूरे तरीके से उतर आए हैं.

स्वामीप्रसाद मौर्य नारा हवा में उड़ गए जय श्रीराम
स्वामीप्रसाद मौर्य के खिलाफ दो जगह शिकायत दर्ज की गई है. रायबरेली में अखिलेश यादव के सामने जो स्वामीप्रसाद मौर्य ने बयान दिया वो हम आपको बताना भी नहीं चाहते. ये वही नारा था जो कांशीराम के जमाने में जब सपा से बसपा का गठबंधन हुआ था तब मंच से लगाया जाता था.
लेकिन अब के दौर में भगवान राम को इस तरीके से राजनीति में घसीटकर अगर स्वामीप्रसाद मौर्य को वोट की उम्मीद है तो इससे उनका नुकसान ही होगा. क्या भगवान राम के खिलाफ नारेबाजी से मुसलामन उन्हें वोट दे देंगे या फिर दलित उनके साथ आ जाएंगे आप ही बताइए.
वैसे भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर राजनीतिक और विचारात्मक तौर पर लोग कितना भरोसा कर सकते हैं. उसकी कलई तीन तथ्यों से खुल जाएगी.

पहला तथ्य- स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बसपा में थे, फिर बीजेपी और अब सपा में आ गए तो विचारधारा आप समझ सकते हैं.
दूसरा तथ्य- 2014 में बसपा मे रहते हुए स्वामीप्रसाद मौर्य ने गौरी गणेश की पूजा पर सवाल उठाये.
तीसरा तथ्य- 2017 में बीजेपी में रहते हुए स्वामीप्रसाद मौर्य ने कहा था कि, मुस्लिम समुदाय के लोग तीन तलाक अपनी हवस मिटाने के लिए करते हैं.
भगवान राम पर विवादित बयान स्वामी प्रसाद मौर्य

और अब सपा में रहते हुए उन्होंने रामचरितमानस के बाद भगवान राम पर विवादित बयान दिया है. इससे आपको उनकी विचारधारा साफ समझ आ जाती है. अब बात कीजिए उनकी राजनीतिक ताकत की तो 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वामीप्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से कहकर अपनी मनपसंद सीट ली और विधानसभा हदल ली लेकिन वहां से भी हार गए तो उनके पीछे कितने वोट हैं ये भी साफ है. दूसरा उनकी बेटी अभी भी बीजेपी की सांसद हैं तो उनका खुद का समाज ही स्वामीप्रसाद मौर्य पर भरोसा क्यों करे और उनकी बेटी पर क्यों ना करे. क्या इसका जवाब स्वामीप्रसाद मौर्य देंगे.,
लेकिन सपा के कार्यकर्ता अपने नेता से ये सवाल करना चाहते हैं कि अखिलेश यादव स्वामीप्रसाद मौर्या के पीछे क्यों खड़े हैं. जब उनके सामने मंच से भगवान श्री राम को लेकर आपत्तिजनक नारे लगाये जा रहे थे तब वो क्यों नहीं बोले. क्या उन्हें सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए. किसी हिंदू के वोट की उन्हें कोई जरूरत नहीं है. क्या दलित भगवान राम को नहीं मानते. क्या इस देश के मुसलमान भगवान राम की इज्जत नहीं करते.