1 युग था जब ताजमहल-कुतुबमीनार बना, 1 युग ये है जब काशी-महाकाल का निर्माण हुआ
भारत की सभ्यता में ताजमहल की मार्केटिंग बहुत हुई अब महाकाल का भव्य कॉरिडोर देखो
हमें ग़लत इतिहास इसलिए पढ़ाया गया ताकि हम गुलामी की यादों को हमेशा ताजा रख पाए…लेकिन एक वक्त आता है जब बाहुबली पैदा होता है…वो हर जंजीरों को तोड़ देता है…मोदी कौन हैं ? सत्ता में क्यों आए हैं ? क्या इतिहास दोहराने आए हैं? मिटाकर नया लिखने आए हैं? या फिर काशी-महाकाल की अलख जगाने आए हैं! एक साल के भीतर महाकाल के चरणों में दूसरा तोहफा समर्पित होने वाला है…उज्जैन में महाकाल का मंदिर है…जिन्हें दुनिया महाकाल कहती है…कहते हैं काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का ? मोदी भी भक्तों की भीड़ में महाकाल के एक भक्त हैं! हर दुश्मन से बचाने वाले महाकाल ही हैं…750 करोड़ खर्च होकर महाकाल का भव्य कॉरिडोर बनकर तैयार है…योगी सरकार की तरह शिवराज सरकार सनातन सभ्यता का पताका लहराने वाली है…11 अक्टूबर को मोदी उद्घाटन करेंगे…ये इतना भव्य है कि आपकी आंखें पलक झपकना भूल जाएंगी…काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है! हम आपको महाकाल कॉरिडोर का एक वीडियो दिखाते हैं…महाकाल कॉरिडोर कुछ ऐसा होगा…जिसकी भव्यता देख कई झूठ से गढ़े इतिहास का कद बौना हो जाएगा…ये देश का दुर्भाग्य है कि जिन आतताइयों ने हमारे मंदिरों को तोड़ा था, हमें उनका इतिहास शान से पढ़ाया जाता रहा है…आपको इतिहास की दर्दनाक घटना बताया उससे पहले ये EXCLUSIVE तस्वीरें देखिए…विकास के साथ ये सनातन संस्कृति का नया अय्धाय होगा

राम मंदिर, बाबा विश्वनाथ, अब महाकाल, बीजेपी हिन्दुत्व के उस मिशन को पूरा कर रही है, जिसे सैकड़ों साल से मिटाया जा रहा है! PM मोदी उस मिशन को पूरा कर रहे हैं जिसकी आज की पीढी तो विरोध कर सकती है, लेकिन सैकड़ों साल की पीढी सिर्फ इतिहास पढ़ेगी…इस देश में कभी मंदिरों का ऐसा निर्माण नहीं देखा गया! हमेशा मंदिरों को तोड़ने का वीडियो सबने देखा…राजस्थान में गहलोत सरकार ने 300 साल पुराना वीडियो शिव का तोड़वा दिया…लेकिन मोदी ने 10 महीने में ही दो विशाल कॉरिडोर दे दिया है…काशी विश्वनाथ और महाकाल की ये तस्वीरें देखकर आपको कैसा लगता है? इसी को कहते हैं भारत बदल रहा है? कहा जाता है, महाकाल से ही पूरी धरती चलती है…चंद्रमा का चलना हो या सूरज का तपना हो…सबकुछ महाकाल को साक्षी मानकर ही होता है…लेकिन 12वीं शताब्दी में मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया…लेकिन 300 साल पहले मराठों ने महाकाल को फिर पुनरर्जिवत किया…
पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ उज्जैन का अस्तित्व रहा है
भगवान राम ने अपने पिता का श्राद्ध उज्जैन में किया
भगवान कृष्ण ने यहां पांच साल पहले शिक्षा ग्रहण की

भारत की सभ्यता में ताजमहल की मार्केटिंग बहुत हुई अब महाकाल का भव्य कॉरिडोर देखो
2000 साल पहले सम्राट विक्रमादित्य युग में ये मंदिर दुनिया की शान था…लेकिन दिल्ली में कुतुबुद्दीन ऐबक का शासन आया फिर मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज की हत्या की…उसके बाद देश में सानत संस्कृति की पतन शुरू हुआ….1235 में गुलाम वंश के इल्तुतमिश का राज स्थापित हुआ तो उसने उज्जैन के सारे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया…इन मंदिरों में बाबा महाकाल का मंदिर भी शामिल था…आज जो मंदिर वो सिर्फ 300 साल पहले बना था…लेकिन ये युग मोदी का है…जो गुलाम वंश से लेकर मोहम्मद गौरी, कुतुबुद्दीन ऐबक का इतिहास मिटाया जा रहा है, मोदी कुछ वैसा ही कर रहे हैं जैसा सम्राट विक्रमादित्य, कालीदास, राजाभोज ने अपने युग में आतताइयों से लड़कर सभ्यता को बचाए रखा…20 हेक्टेयर में फैला महाकाल कॉरिडोर की भव्यता दुनिया देखेगी…ये वक्त ऐसा है जहां इतिहास खुद को दोहराएगा…मोदी के बाद योगी होंगे…बाकी मंदिरों का निर्माण ऐसा ही होगा…जब देश में कोई विदेशी नेता आता है तो शान से उसे ताजमहल और कुतुबुमीनार दिखाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा…अब काशी विश्वनाथ जाएंगे…महाकाल के मंदिर जाएंगे…क्योंकि ये परिसर इतना विशाल है कि पूरा मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा.
विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन होंगे.
शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह को बेहद नजदीक से देख पाएंगे
महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल
नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट का विकास भी
कॉरिडोर में हर घंटे करीब एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.
त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही महाकाल पथ का बड़ा द्वार बन रहा है बीच में फाउन्टेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भी होगा. इसके सामने पवेलियन जैसी व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई है…यानि भारत का ये महाकाल मंदिर, दुनिया में नई पहचान स्थापित करने वाला है…क्योंकि मोदी युग है तो मुमकिन है