न गाड़ी,न बंगला,ना ही करोड़ों का बैंक बैलेंस, सिर्फ इतनी संपत्ति के मालिक हैं PM मोदी
सैलरी, गिफ्ट और खरीदी हुई जमीन तक कर दी दान,देश ने ऐसा PM अब तक नहीं देखा
कलाम सैलरी नहीं लेते थे,3 राष्ट्रपति 30 फीसदी सैलरी लेते थे, मोदी लेकर दान दे देते हैं

75 सालों के इतिहास में हिंदुस्तान ने 15 प्रधानमंत्री और 15 राष्ट्रपति देखे. लेकिन न तो कलाम साहब जैसा कोई राष्ट्रपति हुआ और ना ही मोदी जैसा प्रधानमंत्री. कलाम साहब सैलरी का एक रुपया नहीं लेते थे, जबकि मोदी सैलरी तो लेते हैं, लेकिन ज्यादातर पैसा दान कर देते हैं. हम आपको बताते हैं कि 20 सालों तक सत्ता में रहने के बाद मोदी की संपत्ति कैसे एक विधायक और सांसद से भी कम है, लेकिन उससे पहले सुनिए कहानी उस एक करोड़ की जमीन की, जिसे मोदी ने अपनी सैलरी के पैसे से खरीदा, फिर भी कांग्रेसियों ने कहा कि झोल है, और मोदी ने वो जमीन दान कर दी.
दरअसल मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने गांधीनगर सेक्टर 1 में प्लॉट नंबर 411 खरीदा. उस वक्त उसकी कीमत थी 1 लाख 30 हजार रुपये. मोदी ने ये बात अपने चुनावी हलफनामे में कही और फिर अक्षय कुमार को दिए इंटरव्यू में भी बताया. लेकिन कुछ कांग्रेसी इस पर भी सवाल उठाने लगे, केस सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां सुनवाई में पता चला कि इसके 4 खरीददार थे, अरुण जेटली और मोदी ने मिलकर 50 फीसदी प्लॉट का हिस्सा खरीदा था. इसके अलावा दो और पार्टनर थे. साल 2021 में इसकी कीमत 1 करोड़ 10 लाख लगाई गई. जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई तो मोदी ने कहा ये सवाल फालतू है, मैंने तो पहले से ही सोच रखा है इसे पार्टी को दान कर दूंगा, मुझे जमीन का क्या काम है. हालांकि ये पहली बार नहीं था जब मोदी ने अपनी संपत्ति दान की बल्कि साल 2020 तक वो 103 करोड़ की संपत्ति दान कर चुके हैं.

बतौर CM जितने गिफ्ट मिले सबकी नीलामी करवाई और कन्या केलवानी फंड में 89.96 करोड़ दान दिया
2014 में पीएम बनने पर गुजरात के सरकारी कर्मचारियों की बेटियों की पढ़ाई के लिए 21 लाख रुपये दिए
नमामि गंगे मिशन के लिए दो बार गिफ्ट की नीलामी करवाई, करीब 12 करोड़ रुपये इसके लिए दान दिया
2019 में अपनी निजी बचत से मोदी ने कुंभ मेले के स्वच्छता कर्मचारियों के फंड में 21 लाख रुपये दिए
कोरोनाकाल में पीएम केयर्स फंड की शुरुआत की गई तो पीएम मोदी ने उसमें 2.25 लाख रुपये दान दिया
दान देने की वजह से ही मोदी की संपत्ति बढ़ने की बजाय 27 प्रतिशत घटी है. अब उनके पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है, मतलब जमीन, बंगला, कार कुछ भी नहीं. PMO ने बताया कि पीएम मोदी के पास 1.73 लाख की सोने की 4 अंगुठियां, पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग स्कीम में 9 लाख 5 हजार 105 रुपये और लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी वैल्यु 1 लाख 89 हजार 305 रुपये है. कुल मिलाकर पीएम मोदी के पास 2.23 करोड़ की संपत्ति है, बैंक में जमा पैसों में 26 लाख का इजाफा हुआ है. इतनी संपत्ति आपको किसी सांसद या विधायक की मिल जाएगी. आज की तारीख में प्रधानमंत्री की सैलरी 2 लाख रुपये महीना है, जबकि राष्ट्रपति को 5 लाख रुपये महीना मिलता है, लेकिन आजादी के वक्त राष्ट्रपति को सिर्फ दस हजार रुपये और प्रधानमंत्री को उनसे भी कम वेतन मिलता था.
देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद सिर्फ 30 फीसदी वेतन लेते थे,पूरे कार्यकाल में कोई गिफ्ट नहीं लिया
नीलम संजीव रेड्डी और एस राधाकृष्णन 30 फीसदी वेतन लेते थे और 70 फीसदी गरीबों को दान देते थे
उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने सैलरी नहीं ली और अपनी पूरी संपत्ति गरीबों के लिए दान कर दी थी
लेकिन किसी भी प्रधानमंत्री ने दान करने का बड़ा दिल नहीं दिखाया, लाल बहादुर शास्त्री ने सादगी दिखाई
इसिलिए देश कहता है कि स्वतंत्रता सेनानियों का असली सम्मान मोदी ने किया है. जब राजेन्द्र प्रसाद ने सैलरी छोड़ी तो नेहरू भी कैबिनेट मंत्रियों की तरह सिर्फ 3 हजार रुपये महीना सैलरी लेने लगे थे. लेकिन उनके बाद जितने भी प्रधानमंत्री हुए किसी ने न तो इस परंपरा को आगे बढ़ाया और ना ही पेंशन पर रोक लगाई. नतीजा ये हुआ कि अब मोदी ऐसा कर रहे हैं तो कई नेता नाराज हैं, हो सकता है रिटायरमेंट के बाद पेंशन छोड़कर मोदी बड़ा संदेश दें…