जैसे ही अरबाज की तस्वीर मीडिया में आई, गुजरात के जेल में बंद अतीक भी अंदर तक हिल गया, यूपी में बैठे बड़े-बड़े माफियाओं के पैर थर्र-थर्र कांपने लगे, क्योंकि बाबा के आदेश पर पुलिस ने जो प्लान तैयार किया है, वो है ऑपरेशन माफिया, मिट्टी और बुलेट, और इसी ऑपरेशन के तहत उमेश यादव केस का पहला आरोपी अरबाज, जो उस वक्त क्रेटा कार चला रहा था, जिसने कार में बैठे बाकी 6 लोगों को सारे सामान मुहैया करवाए थे, उसे यूपी पुलिस ने ढेर कर दिया. ये कार्रवाई भले ही आज हुई लेकिन तैयारी पूरे 96 घंटे से चल रही थी. यूपी पुलिस पर इस बात का प्रेशर था कि घटना के 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एक भी आरोपी नहीं पकड़ा जा रहा, 40 संदिग्धों से पूछताछ की, कइयों को हिरासत में लिया, पर असल गुनाहगार अब भी बाहर हैं, इसीलिए उसने ऐसा जाल बिछाया कि एक आरोपी उसमें खुद ही आकर फंस गया.
पुलिस ने हर जगह अपने मुखबिर लगा रखे थे, एक ऐसे ही मुखबिर ने सोमवार दोपहर ये बताया कि धूमनगंज के नीवां इलाके में आरोपी अरबाज छिपा हुआ है. ये वही एरिया है जहां उमेश यादव पर हमला हुआ, चूंकि आरोपी ये मानकर चल रहा था कि पुलिस अब बाहर-बाहर तलाश करेगी तो वो वहां निश्चिंत बैठा था, लेकिन उसे नहीं पता था कि यहां ऑपरेशन अरबाज की अलग से प्लानिंग चल रही है.

उसके छिप होने की सूचना मिलते ही पुलिस के कुछ लोग सादी वर्दी में और कुछ बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पूरी तैयारी के साथ पहुंचे, अच्छी बात ये थी कि पुलिस की प्रयागराज एसटीएफ यूनिट तो पहले से अलर्ट थी ही, लखनऊ से भेजे गए दो स्पेशल डीसीपी भी पूरी तरह तैयार बैठे थे, उनके दिमाग में माफिया को मिट्टी में मिलाने का बाबा का आदेश चल रहा था. ऐसे में जैसे ही वो उस जगह पर पहुंचे आरोपी ने पुलिस को देखते ही बाइक से भागने की कोशिश की.

लेकिन जब लगा कि भाग नहीं पाऊंगा तो पुलिस पर ही हमला कर दिया, और फिर तो पुलिस को मौका मिल गया. आरोपी के एक हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ, जिसके बाद तो इस ऑपरेशन को लीड कर रहे पुलिस अधिकारी ने उसे ऐसा जवाब दिया कि पैर के साथ-साथ उसका सीना भी जवाब दे गया. हालांकि तब भी वो सिर्फ घायल ही था,लेकिन अस्पताल जाते ही उसने दम तोड़ दिया. अब इस कहानी के 6 किरदार बाकी हैं, जिनमें से अगला नंबर किसका होगा ये कहना मुश्किल है, पर इतना जरूर कह सकते हैं कि एक भी आरोपी बचेगा नहीं, क्योंकि प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने पहले ही कह दिया कि ऐसी कार्रवाई करेंगे कि वो नजीर बन जाएगी. उधर अतीक को यूपी लाने की तैयारी चल रही है और इधर यूपी में तडा़तड़ एनकाउंटर हो रहे हैं, जिससे अतीक के गुर्गे जो अब तक उछल रहे थे, उन्होंने अपना नया ठिकाना ढूंढना शुरू कर दिया है, या तो वो तख्ती लगाकर थाने आएंगे और कहेंगे साहब हमें अरेस्ट कर लो या यूपी छोड़कर भाग जाएंगे, क्योंकि सवाल सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं बल्कि सवाल यूपी के सम्मान से जुड़ा है.

सीएम योगी विदेशों तक में यूपी की छवि मजबूत कानून व्यवस्था और बुलडोजर वाली बना रहे हैं
विदेशों से करोड़ों का निवेश आने वाला है, 32 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव भी तैयार हुआ है
अगर कानून व्यवस्था मजबूत नहीं हुई, अपराधी पहले की तरह तांडव करते रहे तो निवेशक भागेंगे

इसके अलावा प्रदेश की जनता ने सीएम योगी को जो सोचकर चुना है, वो भी उद्देश्य पूरा नहीं होगा, इसीलिए योगी प्रयागराज की घटना के बाद से काफी गुस्से में हैं और उनके आदेश के बाद पुलिस ऐसे एक्शन मोड में दिख रही है जैसे लग रहा है इस बार एसटीएफ सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे यूपी से माफियाओं का सफाया करके ही मानेगी. हालांकि कार्रवाई के इस तरीके के बाद बाद कई लोग कह रहे हैं कि अच्छा हुआ, जबकि कुछ लोगों को पुलिस की ये पॉलिसी अच्छी नहीं लग रही, आपको ये तरीका कैसा लगता है हमें कमेंट में बता सकते हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी आपके लिए ये जानना है कि अगला नंबर किसका होने वाला है, वो बात अलग है मौत बताकर नहीं आती, पर इस बार ये तय है कि क्रेटा कार में जो बाकी के 6 लोग सवार थे, उनमें से कोई न कोई अगले कुछ दिनों में पुलिस के हत्थे चढ़ेगा, जिसे मिट्टी में मिलाने का पुलिस प्लान बनाएगी औऱ फिर उसने गलती तो उस पर बुलडोजर की जगह बुलेट चलेगा.