आगरा के एक लड़के के पीछे पड़ी नागिन, 14 दिन में 7 बार काटा, फिर भी जिंदा है लड़का!
कहते हैं नाग या नागिन अगर बदला लेने की ठान लें तो उन्हें दुनिया की कोई भी ताकत रोक नहीं सकती, या फिर आपने पूर्वजन्म में किसी सांप को मारा है या उसके साथ गलत किया है तो उसका बदला इस जन्म में भी सांप आपको डंसकर ले सकता है, कुछ दिनों पहले राजस्थान से एक बदले की ऐसी ही कहानी सामने आई थी, तांत्रिकों के दावों ने बड़े-बड़े डॉक्टर्स को हैरान कर दिया था. हम वो कहानी सुनाएं उससे पहले आपको उत्तर प्रदेश के आगरा की तस्वीरें दिखाते हैं. ये तस्वीरें ग्लोबल भारत टीवी के संवाददाता आदित्य मुदगल ने भेजी है. जिसमें आप देख सकते हैं, कैसे तांत्रिकों की पूरी टीम थाली बजा रही है, सांप को बुलाने के लिए टोने-टोटके किए जा रहे हैं. बीते 15 दिनों से आगरा के मनकेड़ा गांव के लोग ढंग से सोए नहीं है, परिवार का दावा है कि पहली बार 6 सितंबर को सांप ने रजत चहर को डंसा था, उसके बाद से वो 7 बार अब तक लड़के को काट चुका है, लेकिन जैसे ही लोग पकड़ने जाते हैं वो गायब हो जाता है. 20 साल के रजत की मां कहती है कि एक सेकेंड के लिए भी लड़के को छोड़ दो तो सांप डंस लेता है.

डॉक्टर कहते हैं सांप ने नहीं काटा, पर लड़का कहता है जब भी अकेला होता हूं काट लेता है
8 सितंबर से सात-आठ बार इसको सांप काट चुका है, आखिर 20 तारीख शाम को काटा, हर तीसरे दिन काटता है. एक सेकेंड के लिए भी छोड़ दो तो काट लेता है.

रजत के पिता कहते हैं कि सांप के डंसने के बाद वो चिखता है, चिल्लाता है, लेकिन जब तक हमलोग वहां पहुंचते हैं, सांप गायब हो जाता है. ये कोई अदृश्य शक्ति लग रही है, इसीलिए हमने बायगीरों यानि झाड़-फूंक करने वालों की पूरी टीम बुलाई है, ताकि हमारे लड़के को उस नागिन से छुटकारा मिल सके.

तांत्रिक का दावा है कि जैसे ही उस सांप का पता चलेगा वो लड़के के मुंह से ही सारी बातें कहलवा देंगे, ये पुनजर्न्म का चक्कर है.
मैं कम से कम 50 साल से ये कर रहा हूं, मैं हर मरीज को ठीक करता हूं, पूर्वजन्म का असर है ये, अगर सांप मिल जाता है, इसी के मुंह से कहलवाऊंगा, मैं कुछ नहीं कहूंगा.

कोई कह रहा पूर्वजन्म का दोष,तो कोई बता रहा नाग-नागिन की कहानी,पर सच कुछ और है
लेकिन विज्ञान के इस युग में तंत्र-मंत्र कितना कारगर होगा ये आप खुद जानते हैं, बिहार-यूपी और खासकर ग्रामीण इलाकों में सांप काटने पर लोग अस्पताल बाद में पहले सांपों के देवता के मंदिर में जाते थे, वहां मंदिर की परिक्रमा करते, भगवान से मन्नते मांगते और किसी से झाड़-फूंक करवाते थे, लेकिन अब दौर तेजी से बदला है, गांव के लोग भी अब सांप-बिच्छू काटने पर पहले अस्पताल दौड़ते हैं, रजत के पिता ने भी यही किया था, जब 6 सितंबर की रात 9 बजे वो घर के बाहर टहल रहा था तो पहली बार सांप ने डंसा, जिसके बाद घरवाले उसे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे लेकिन वहां डॉक्टर ने देखते ही कह दिया कि मुझे तो सांप काटने के लक्षण ही नहीं दिख रहे, लेकिन दूसरी बार 8 सितंबर को सांप ने फिर काटा तो घरवाले उसे लेकर बायगीरों के पास पहुंचे, उनसे झाड़-फूंक करवाई, लेकिन उसके बाद हर दूसरे-तीसरे दिन सांप उसे डंसता रहा,

ये कहानी सुनकर लोगों को रामपुर के एहसान की याद आ रही है. जिसे सात महीने में सात बार सांप ने डंसा, बाद में पता चला कि सात महीने पहले उसने सांप को मारा था, उसी का बदला नागिन ले रही है. लेकिन आगरा के रजत की कहानी राजस्थान की उस महिला से मिलती-जुलती है, जिसे सांप ने तीन बार डंसा और जब इलाज करवाने जाती थी तो डॉक्टर्स ये कहकर इलाज से मना कर देते थे कि सांप कांटने के कोई लक्षण ही नहीं है, बाद में तांत्रिकों की टीम ने रातभर तंत्र-मंत्र किया और फिर कहा कि ये महिला पिछले जन्म में उस सांप के साथ रिलेशन में थी, लेकिन महिला ने सांप को धोखा दे दिया था इसलिए वो अब इस जन्म में बदला ले रहा है. हालांकि इन बातों में कितनी सच्चाई है ये हम नहीं बता सकते. क्योंकि विज्ञान के इस युग में भूत-प्रेत, अंधविश्वास, नाग-नागिन का बदला और इच्छाधारी सांप की बातें सिर्फ कहानियां ही लगती हैं.