कहते हैं इज्जत इंसान की नहीं बल्कि उसके काम की होती है, यही बात खिलाड़ियों पर भी लागू होती है, अब तक टीम इंडिया ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी को ढो रही थी, यहां तक कि वर्ल्ड कप में भी रोहित और द्रविड़ पंत को ही ले जाने को तैयार बैठे थे, लेकिन अब दिनेश कार्तिक ने पूरा खेल ही बदल दिया है, टीम इंडिया में 15 साल पुरानी कहानी फिर से दोहराई जा सकती है, वो किस्सा हम आपको सुनाएं उससे पहले ये दो तस्वीरें देखिए. इन दोनों तस्वीरों में तीन दिन का अंतर है, पहली तस्वीर 20 सितंबर की है, जब दिनेश कार्तिक की गर्दन रोहित ने पकड़ ली थी, जबकि दूसरी तस्वीर 23 सितंबर की है, जब रोहित दौड़कर दिनेश कार्तिक से गले मिलने जा पहुंचे, क्योंकि रोहित को न सिर्फ अपनी गलती का आभास हुआ बल्कि वो ये भी समझ गए कि कार्तिक अगर टीम में है, तो फिर पांड्या जैसे फिनिशर चलें या न चलें, सूर्यकुमार यादव का बल्ला चले या न चले, हम मैच जीत सकते हैं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में हुए मुकाबले में भी यही हुआ, पांड्या 11 रन बनाकर आउट हो गए, सूर्यकुमार जीरो पर चलते बने, कोहली का बल्ला भी कमाल नहीं दिखा सका, अगर फील्ड पर टिके रहे तो सिर्फ और सिर्फ रोहित, आखिर में दिनेश कार्तिक उतरे, पहली ही बॉल पर छक्का जड़ा और फिर दूसरी बॉल पर चौका मारकर मैच जीता दिया. मैच के बाद रोहित ने कहा कि मैं तो पंत को भेजने वाला था लेकिन आखिर वक्त में फैसला बदल लिया.

हम यह सोच रहे थे कि क्या ऋषभ पंत को भेजा जा सकता है, मगर मुझे लगा कि सैम्स आखिरी ओवर डालेंगे और वह ऑफ कटर ही गेंदबाजी करते हैं, इसलिए मैंने सोचा कि डीके को ही अंदर आने दें. वह वैसे भी हमारे लिए वह (फीनिशर) भूमिका निभा रहे हैं.
बीते कुछ समय में रोहित हमेशा गलत फैसलों की वजह से चर्चा में रहे हैं लेकिन पहली बार उन्होंने कार्तिक जैसे अनुभवी खिलाड़ी पर भरोसा जिताया और कार्तिक भरोसे पर खरे उतरे. कार्तिक ने मैच के बाद ये भी कहा कि मैंने कोई क्रेडिट नहीं लिया बल्कि रोहित ने शानदार बल्लेबाजी की है, वर्ल्ड क्लास बॉलर के सामने जैसे रोहित ने रन बनाए उससे बता दिया कि वो दुनिया के बेस्ट बैट्समैन हैं, डीके का ये बयान और उनका खेल वर्ल्ड कप में उनकी एंट्री के रास्ते खोल देगा. क्योंकि अब तक दिनेश कार्तिक टीम से लगभग बाहर ही रहे हैं, धोनी युग में तो दिनेश कार्तिक की बात तक कोई नहीं करता था, टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर सबा करीम ने कुछ दिनों पहले ही इसे लेकर बड़ा खुलासा किया था, उन्होंने कहा था कि

धोनी और कोहली की वजह से दिनेश कार्तिक को टीम में जगह नहीं मिल पाई. जब दिनेश कार्तिक कुछ साल पहले उपरी क्रम में बल्लेबाजी करते थे, तो हम सभी सोच रहे थे कि वो क्षमता के बावजूद प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहे थे। वो तब असफल हो रहे थे क्योंकि उनकी भूमिका के बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी.

सिर्फ धोनी और कोहली ही नहीं बल्कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भी दिनेश कार्तिक का करियर खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं, कभी गांगुली ने कहा था कि पता नहीं ऐसे-ऐसे लोग टीम में कहां से आ जाते हैं, इसीलिए गांगुली के रहते दिनेश कार्तिक को टीम में शामिल करना बड़ी चुनौती साबित हो रही थी, लेकिन लोगों की मांग के बाद जब कार्तिक को जगह मिली तो उन्होंने बता दिया कि अगर वर्ल्ड कप में जगह मिली तो वो बेहतर फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं.