गांवों में आप जितने पैसे में दो-चार बीघा जमीन खरीदेंगे, उतने में शहर में एक कमरा, रसोई, हॉल और बाथरूम वाला 1 बीएचके मिलेगा, मतलब कीमत जगह के हिसाब से तय होती है, एक ऐसी ही जगह मुंबई के मालाबार हिल्स में राजभवन के नजदीक है, जहां अभी खुदाई का काम शुरू ही हुआ है, दीवारे जुड़नी शुरू भी नहीं हुई है, पर एक बिजनेसमैन ने 15 करोड़ का चेक काटकर दे दिया और कहा 29वां, 30वां और 31वां फ्लोर मेरा होगा, हिंदुस्तान के इतिहास में इतनी मंहगी डील अब तक किसी फ्लैट की नहीं हुई, फरवरी के महीने में सबसे पहले गोयनका ग्रुप के चेयरमैन बीके गोयनका ने 240 करोड़ के फ्लैट की डील की, जिसके बाद उसे हिंदुस्तान की सबसे बड़ी फ्लैट डील कहा गया, लेकिन अब उससे भी एक कदम आगे बढ़कर एक बिजनेसमैन ने 252 करोड़ में तीन फ्लोर के फ्लैट की डील की है. इस डील की महंगाई का अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि एक स्कवॉयर फुट की कीमत करीब 1 लाख रुपये है, मतलब जितनी जमीन में आप ढंग से खड़े हो पाएंगे, उतनी जमीन की कीमत ही 1 लाख से ज्यादा है, खबर यहां तक है कि उस फ्लैट में अंबानी के घर एंटीलिया की तरह ही कई आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी, स्विमिंग पुल, क्लब और जिम तो खैर कई रइसों के घर में होता है. पर इसमें कई नई चीजें लगेंगी, अब आप सोच रहे होंगे कि इतना महंगा घर खरीदा किसने तो उनका नाम है नीरज बजाज, जो एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं.

नीरज बजाज बजाज ग्रुप की स्थापना करने वाले जमनालाल बजाज के पोते हैं, फिलहाल बजाज ग्रुप को चला रहे हैं
बजाज ऑटो जो पल्सर समेत कई बाइक बनाती हैं,उसके चेयरमैन नीरज बजाज ही हैं, कई जिम्मेदारियां संभालते हैं
69 साल के नीरज बजाज ने हार्वर्ड से MBA किया, भारत के नंबर1 टेनिस खिलाड़ी भी रहे, कई मेडल हासिल किया
कहते हैं नीरज बजाज ने बजाज ग्रुप में कई तरह के बदलाव किए, यही वजह है कि जमनलाल बजाज के दौर वाला बजाज एक तरह से जनता की जरूरत बन गया है. बजाज के कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने से लेकर लोगों को लोन देकर बजाज ने पब्लिक के बीच ऐसी पकड़ बनाई कि दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की होने लगी. आज भी जिन्हें बैंकों से लोन नहीं मिलता, वो अक्सर बजाज ग्रुप की ओर आस भरी निगाहों से देखते हैं, जिन्हें कर्ज तो मिलता है पर ब्याज दर काफी ऊंची होती है, कई लोग इसकी ईएमआई भरते-भरते तंग आ जाते हैं, लेकिन वक्त पर पैसा मिल जाए तो कइयों को ब्याज का दुख भी नहीं होता. अगर आपने भी कभी बजाज ग्रुप से ऐसा कर्ज लिया है तो इसका अनुभव बेहतर जानते होंगे, बाकी बिजनेस का तो उसूल ही यही है कि जमकर मेहनत करो और जमकर कमाओ, चाहे वो अंबानी हों या अडाणी या फिर देश दुनिया का कोई बिजनेसमैन जिनका बिजनेस सीधा जनता से जुड़ा होता है वो जनता से ही ज्यादा मुनाफा कमाकर धीरे-धीरे रईस बन जाते हैं, और हम वहीं के वहीं रह जाते हैं, इसीलिए आज के दौर में ये जरूर मानकर चलिए कि अगर आप तीन भाई हैं, तो एक नौकरी करे, दूसरा बिजनेस करे और तीसरा अपने हिसाब का काम करे, क्योंकि 252 करोड़ का फ्लैट तो छोड़िए आप लाख रुपये महीने वाली नौकरी से 5 करोड़ का फ्लैट भी नहीं खरीद पाएंगे.