5G से आपकी कार बन जाएगी उड़नखटोला, दिल्ली में बैठकर गांव में रखी कार करिए कंट्रोल!
आप दिल्ली में नौकरी करने आए हैं और घर पर आपकी मां को दवा की जरूरत है, घर पर कार खड़ी है लेकिन उसे कोई चलाने वाला नहीं है तो आप उसे यहीं बैठे-बैठे कंट्रोल कर सकते हैं, बस मेडिकल तो वो गाड़ी खुद ही पहुंच जाएगी, बस मेडिकल वाले भइया को उसमें दवा डालनी होगी और कार वापस घर आ जाएगी, सुनकर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये अगले 10 दस सालों में सच होने वाला है, पहले विदेशों में तकनीक आ जाती थी और भारत इंतजार करता था, लेकिन भारत में भी हर एडवांस तकनीक आएगी, और इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगने वाला.
अगर ज्यादा समय लगने वाला होता तो पीएम मोदी दिल्ली में बैठकर स्वीडन की कार को कंट्रोल नहीं कर पाते, ये तस्वीरें वहीं की हैं. हम आपको इस वीडियो में बताएंगे ये कैसे संभव होगा, 5जी आपकी कार कैसी-कैसी कलाकारी दिखाएगी, लेकिन उससे पहले काम की बात ये है कि अगर कर्जा लेकर कार खरीदने जा रहे हैं तो रुक जाइए.
पहली बात तो ये है कि आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ा दिया है तो आपको लोन लेने से बचना चाहिए, कार के लिए लोन वैसे भी महंगा मिलेगा, इसके अलावा दूसरी बात ये है कि कई कंपनियां स्मार्ट कार पर काम कर रही हैं, जो अगले कुछ सालों में आपको इंडिया दिखेंगी, आप सोचेंगे स्मार्टफोन और स्मार्ट सिटी तो सुना है ये स्मार्ट कार क्या होगी, तो हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं, इसका हाल बिल्कुल भी स्मार्ट सिटी वाला नहीं होगा, अक्सर ड्राइवरलेस कार इलेक्ट्रिक होती हैं, भारत में दिल्ली से मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की तैयारी तेजी से चल रही है, मतलब 5जी भले ही आज आया हो लेकिन सरकार पहले से ही पूरी तैयारी कर चुकी है. क्योंकि 5जी के लॉन्च के बाद इंडिया से नेटवर्क में दिक्कत वाला लफड़ा हमेशा-हमेशा के लिए खत्म होने वाला है.

ड्राइवरलेस कार के लिए गडकरी बनवा रहे हाइवे,मोदी लाए 5G, आप कीजिए 2030 का इंतजार
जापान की कंपनी टोयोटा, सुजुकी, सुबारू, देहात्सु और माजदा एक साथ मिलकर कनेक्टेड कार तकनीक विकसित कर रही हैं. इसे V2V यानि व्हीकल टू व्हीकल तकनीक कहा जाता है. ये ऐसी तकनीक होगी जिससे इन कंपनियों की कार आपस में जुड़ी होंगी, आप रिमोट के जरिए इन कार को आसानी से कंट्रोल कर सकेंगे.
जैसे बच्चे रिमोट वाली कार चलाते हैं, वैसे ही बड़े लोग भी चला सकेंगे. यहां तक कि उड़नेवाली कार का प्रयोग अब तक जो असफल रही है, वो सफल हो सकती है. कंपनियां आजकल कारों में एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम लगा रही है, जिससे कार में लगे कैमरे और रडार आपको गाड़ी के आगे-पीछे क्या है, इमरजेंसी ब्रेक कब लगाना है, सेल्फ पार्किंग कैसे होगी इन चीजों पर काम कर रही है, लेकिन इंडिया का ट्रैफिक सिस्टम और इंटरनेट की स्पीड इतनी अच्छी नहीं थी कि ये वाली तकनीक काम कर सके, क्योंकि ऐसे सिस्टम के लिए कार में जो डिवाइस लगी होती है उसे मिली सेकेंड में ही जारी जानकारी चाहिए होती है, 5जी में जब स्पीड 100 गुणा तेज हो जाएगी तो ये काम बिल्कुल आसान हो जाएगा. अभी कई गाड़ियों में एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल सिस्टम होता है, जिसकी मदद से आप आसानी से लॉन्ग ड्राइव पर जा सकते हैं, रडार सेंसर के जरिए कार खुद ही ट्रैफिक की स्थिति देखेगी, खुद ही स्पीड तय करेगी और आपको एक्सीडेंट से बचाएगी और ये सब होगा 5जी तकनीक के जरिए. अब तक कार में V2X यानि व्हीकल टू एवरीथिंग ऑप्शन बहुत कम होता है, क्योंकि सेफ्टी सेंसिटिव एप्लीकेशन से कार को जोड़ने के लिए तेज इंटरनेट का होना जरूरी है, आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि पोर्श नाम की कंपनी डिजिटल ट्विन सिस्टम तकनीक पर काम कर रही है जिससे कार आपको खुद बताएगी कि उसकी सर्विसिंग कब करवानी है, उसके टायर में हवा है या नहीं, उसे लॉन्ग ड्राइव पर लेकर जाएंगे तो क्या-क्या दिक्कत आ सकती है, मतलब तकनीक इतना आगे बढ़ने वाला है कि आप कार को नहीं बल्कि कार आपको चलाएगी. ऐसी स्मार्ट कार में बैठने के बाद न तो आपको एक्सीडेंट का डर होगा और ना ही थकने का, आप बैठे-बैठे काफी कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे, हालांकि इसमें अभी एक दशक का वक्त लगने वाला है.