ये घटना है, दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर हिसार की, 7वीं पास एक मैकेनिक रोज की तरह जब अपने घर पहुंचा तो उसका अंदाज बदला हुआ था, वो सबको कह रहा था अब मैं अरबपति बन गया हूं, लेकिन राज की बात किसी को नहीं बता रहा था, खास बात ये थी कि उसके खाते में न तो अचानक से पैसे आए थे, और ना ही उसने सुरंग बनाकर मनी हाइस्ट वेब सीरीज की तरह कोई चोरी की थी, इसलिए पड़ोसी भी परेशान थे कि ताले-चाबी का काम करने वाला मैकेनिक 24 घंटे में अरबपति कैसे बन गया, तो इसका खेल सुनिए.

हिसार रेलवे रोड पर एसबीआई का ब्रांच है, जिसके मैनेजर ने इस सातवीं पास मैकेनिक को फोन कर बुलाया, जिले के सभी मैनेजर के साथ उसका उठना-बैठना था, इसलिए उसे चाय-पानी भी पूछा और सीधा बैंक के लॉकर रूम में ले गए, वहां उसे बताया कि कुछ लॉकर खराब हैं, ये मास्टर चाबी भी लो, और सारे चेक करके सही कर दो, तब तक मैं अपना काम करता हूं, उसने भी पूरी ईमानदारी के साथ काम किया, काउंटर पर जाकर मैनेजर साहब को चाबी सौंपी, कहा- सारे लॉकर ठीक हो गए हैं और फिर निकल गया.

लेकिन उसी बीच लॉकर वाली एक महिला बैंक में आ पहुंची और उसने देखा तो पता चला उसके लॉकर से 70 तोला सोने और 3 डायमंड सेट हीरे के गहने गायब हैं. उसने मैनेजर को कहा तो मैनेजर साहब बोले आप 10 नवंबर 2022 को जब लॉकर लेने आईं थी, तभी मैंने कहा था इसकी जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती, आखिर में मामला पुलिस के पास पहुंचा, बैंक से सीसीटीवी खंगाले गए तो कोई चोरी दिखी ही नहीं, अब सारा शक उस मैकेनिक पर था, बैंक मैनेजर से पूछताछ हुई तो पता चल मैकेनिक कृष्णा सोनी को लॉकर ठीक करने के लिए बुलाया गया था, वो चूंकि 20-25 साल से यही काम कर रहा है, कई बार लॉकर रिपेयर कर चुका है, इसलिए उसकी कोई वीडियोग्राफी नहीं करवाई, जबकि नियम ये है कि वीडियोग्राफी होनी चाहिए, और इसी का फायदा शायद उसने उठाया.

मैनेजर के बाद बैंककर्मियों से पूछताछ हुई तो सबने यही बताया कि कृष्णा सोनी इन कामों में माहिर है, वो 3-4 दिनों तक बैंक में रुका था, लेकिन जब बैंक से गया तभी उसने बैग में लॉकर से सोने और हीरे उठाकर डाल लिए थे, चूंकि मामला यकीन का था तो किसी ने उसका बैग चेक नहीं किया, और यहीं सबसे बड़ी गलती हो गई, इसीलिए अगर आप बैंक में लॉकर लेते हैं, तो इस बात का विशेष ख्याल रखिए कि आपका सामान सुरक्षित है.
9 साल पहले हरियाणा में ही एक ऐसी ही घटना हुई थी, जिसे अब तक की सबसे बड़ी बैंक लूट कहा जाता है, उसमें एक नहीं बल्कि 86 लॉकर लूटे गए थे और किसी को भनक तक नहीं लगी थी, अगर वो किस्सा आप सुनना चाहते हैं, तो हमें कमेंट कर बता सकते हैं, लेकिन उससे भी जरूरी बात और इस घटना की कहानी आपको सुनाने का उद्देश्य ये है कि आप बैंक लॉकर में रखे सामान को सबसे सुरक्षित समझने की भूल न करें.

जब आप लॉकर लेने जाएंगे तो बैंक मैनेजर आपको समझाएंगे कि आपका कीमती सामान हम वहां रखेंगे, जहां हमारा कैश रखा होता है, उस लॉकर की एक चाबी आपके पास और एक हमारे पास होगी, लेकिन हमें इस बात से कोई मतलब नहीं होगा कि आप लॉकर में क्या रखते हैं, क्या ले जाते हैं. इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी.
इतने के बावजूद भी आप उसे सुरक्षित समझने की भूल करते हैं तो फिर उसका अंजाम भी भुगतना पड़ेगा, क्योंकि जिसके साथ बीतती है वही जानता है कि पूरी जिंदगी की जमा पूंजी गंवाने का दर्द क्या होता है. हो सकता है इस घटना के बाद आरबीआई ये आदेश सख्ती से लागू करे कि लॉकर रिपेयर के वक्त वीडियोग्राफी हो, लेकिन ऐसे लोगों का क्या करेगी, जो पहले विश्वास जीतते हैं, फिर चकमा दे देते हैं.