हरियाणा के एक बड़े राजनेता ने राजस्थान के नागौर जिले में बन रहे तेजाजी की जन्मस्थली के मंदिर में करोड़ों रुपये का दान दिया. 17 किलो चांदी की ईंटे चढ़ाई. जिसे मंदिर की दीवारों में इस्तेमाल भी कर लिया गया लेकिन एक दिन काम के दौरान जब जेसीबी से एक ईंट टूटी तो सबकी आंखे खुली की खुली रह गईं. कयोंकि जो मंजर सामने दिख रहा था उस पर विश्वास कर पाना मुश्किल था लेकिन सब सच था जो खुली आंखो से दिख रहा था. ईंट पर केवल ऊपरी परत चांदी की थी बाकी उसमें शीशा भरा हुआ था. तुरंत मंदिर की कमेटी को बुलाया गय जिसने दान देने वाले राजनेता को फोन किया और बताया कि आपकी दी हुई चांदी की ईंट नकली निकली है.

ये सुनकर नेताजी ने कहा कि मैं आ रहा हूं. अभी आप कुछ मत कीजिए. लेकिन ये बात एक कान से दूसरे कान होते हुए पूरे गांव में फैल गई. तरह-तरह की बातें होने लगीं तो मंदिर समिति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि ये ईंटें हरियाणा के बड़े राजनीतिक चौटाला परिवार से आने वाले अजय चौटाला ने दी है. अजय चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला फिलहाल हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं और उनकी पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन है. लेकिन इस गठबंधन में दरार आ सकती है क्योंकि राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ये हमारे समाज के साथ धोखा है. लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई अजय चौटाला ने नकली चांदी की ईंटे दान में दी या पीछे की वजह कुछ और है.
चौटाला परिवार ने करीब 6 करोड़ रुपये मंदिर के निर्माण में दान दिये हैं. कमेटी को ये भी संदेह है कि चौटाला परिवार ने जिस व्यक्ति को ईंट बनाने की जिम्मेदारी दी थी या जिससे बनावाई उसने तो गड़बड़ नहीं कर दी. संस्थान के पदाधिकारियों का कहना है कि जिस स्तर पर भी चूक हुई है, उसकी स्थिति साफ होनी चाहिए. तेजाजी को मानने वाले जाट समाज की आस्था से खिलवाड़ ना हो, इसके लिए स्थिति स्पष्ट होने चाहिए. इसी मंशा से संस्थान के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता की है.

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रेस बयान में कहा कि जिस तरीके से मंदिर निर्माण कार्य के साथ खिलवाड़ किया गया है, वो ठीक नहीं है. मंदिर निर्माण करवाने के लिए यहां भी खूब नेता हैं. हरियाणा में इतने पैसे वाले हैं, तो वह पंजाब-हरियाणा में भी तेजाजी का मंदिर बनवाएं. उन्होंने हमारे समाज के साथ धोखा किया है. उनके लिए ये अच्छा नहीं है.
वीर तेजाजी राजस्थान के लोक देवता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं. राजस्थान के अलावा वीर तेजाजी महाराज की ख्याति मध्यप्रदेश और गुजरात में भी है. 29 जनवरी 1074 में उनका जन्म नागौर के खरनाल गांव में हुआ था. वंशावली के अनुसार तेजाजी का जन्म राजपूत परिवार में हुआ था. कुछ ऐसे भी तर्क हैं, जहां उनका जन्म जाट परिवार में होने के संबंध में जानकारी दी जाती हैं. लेकिन साल 2019 में खरनाल गांव में बने मंदिर में उनकी वंशावली पढ़ी गई थी, जिसमें यह जिक्र किया गया है कि वो खिंची राजपूत हैं. इन सभी बातों के बीच बड़ी बात ये है कि जाट और राजपूत समाज के आराध्य लोक देवता वीर तेजाजी राजस्थान के हर समाज के लोगों के बीच आस्था के बड़े केंद्र के रूप में जाने जाते हैं.
उन्हीं के मंदिर का निर्माण नागौर में हो रहा है. जिसके लिए दी गई ईंटें नकली निकली हैं.