दुनिया जब नए साल के जश्न से निकलकर अपने पूरे साल के प्लान बना रही है. तब अफगानिस्तान के क्रिकेटर रो रहे हैं. वो भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वो परेशान हैं, जिसकी वजह तालिबान है. तालिबानों ने ही उनकी जिंदगी में जहर बो रखा है. उसी की नजह से दुनिया में किसी के सामने मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचे हैं. अपने सबसे बड़े दोस्त भारत की तरफ अब वो देख रहे हैं. राशिद खान अपने प्यारे क्रिकेट को बचाने के लिए पीएम मोदी की तरफ देख रहे हैं. रहमानुल्ला गुरबाज अपील कर रहे हैं. लेकिन क्या अब भी भारत मदद करेगा. क्या पीएम मोदी हस्तक्षेप करेंगे. क्योंकि हम अफगानिस्तान की मदद करना चाहते हैं लेकिन तालिबान की नहीं. हम आतंक को पोसना नहीं चाहते बल्कि अफगानिस्तान में अफगानी लोगों की सरकार चाहते हैं, लोकतंत्र चाहते हैं.

फिलहाल मामला क्रिकेट से जुड़ा है, दरअसल मार्च में अफागनिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को सीरीज खेलने जाना था जो यूएई में होनी थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलने से इनकार कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया ने अपने इस फैसले के पीछे तालिबान को बताया है. उनका कहना है कि तालिबान ने लड़कियों के लिए स्कूल बंद कर दिये. इसलिए हम ऐसे देश के साथ नहीं खेल सकते.

ठीक बात है तालिबान कर तो गलत ही रहा है. और अफगानी खिलाड़ी फिलहाल एक तरीके से तालिबान को ही रिप्रजेंट करते हैं लेकिन इसको लेकर अफगानिस्तान के खिलाड़ियों का कहना है कि राजनीति को क्रिकेट से अलग रखना चाहिए. राशिद खान ने इसको लेकर एक कड़ा बयान दिया है.

मैं यह जानकर निराश हूं कि ऑस्ट्रेलिया ने मार्च में हमारे खिलाफ सीरीज से हटने का फैसला लिया है. मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने पर बहुत गर्व है और हमने विश्व स्तर पर काफी प्रगति की है. राशिद खान ने कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का निर्णय हमारे लिए पीछे जाने की तरह है. अगर अफगानिस्तान के खिलाफ खेलना ऑस्ट्रेलिया के लिए इतना ही असहज है, तो मैं बिग बैश लीग में अपनी मौजूदगी से किसी को असहज नहीं करना चाहूंगा. ऐसे में मैं टी20 लीग में खेलने को लेकर विचार करुंगा.

राशिद खान ने एक तरीके से ऑस्ट्रेलिया को धमकी दी है कि अगर आप हमारे साथ सीरीज नहीं खेलोगे तो मैं बिग बैश लीग नहीं खेलूंगा. जैसे भारत में आईपीएल होता है वैसे ही ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग होती है. इसके अलावा एक और अफगानी खिलाड़ी रहमानुल्लाह गुरबाज ने कहा है कि

राशिद के फैसले से पहले अफगानिस्तान के तेज गेंदबाज नवीन उल हक ने भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की टी20 लीग बिग बैश लीग से हटने का फैसला किया है. नवीन इस समय बिग बैश लीग में सिडनी सिक्सर्स का हिस्सा हैं. उन्होंने दो मैचों में दो विकेट लिए हैं.
नवीन-उल-हक ने ट्वीट किया,

‘यह कहने का वक्त आ गया है कि जब तक वे ऐसे बचकाने फैसले लेना बंद नहीं करते तब तक मैं बिग बैश में हिस्सा नहीं लूंगा. उन्होंने एकमात्र टेस्ट मैच के लिए भी ऐसा किया और अब वनडे सीरीज में भी ऐसा कर रहे हैं. जब एक देश में इतना कुछ हो रहा हो उसका साथ देने के बजाए आप उनसे खुश होने का एकमात्र मौका भी छीन लेना चाहते हैं.
इसके अलावा रहमनुल्लाह गुरबाज, रहमत शाह सहित अफगानिस्तान के कई खिलाड़ियों ने ट्वीट पर अपनी नाराजगी जताई है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने फैसले में साफ कहा है कि वे तालिबान सरकार के लड़कियों पर लगाई गई पाबंदियों से नाखुश हैं, जिसमें कहा गया है कि लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती हैं, पार्क में नहीं जा सकती हैं और ना ही जिम कर सकती हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले से उनकी टीम को बड़ा मुकसान होगा क्योंकि ये तीन वनडे की सीरीज ICC वनडे सुपर लीग पॉइंट सीरीज के आधार पर प्रस्तावित थी, लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले के बाद सभी 30 पॉइंट अफगानिस्तान को दे दिए जाएंगे.
बहरहाल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले ने क्रिकेट की दुनिया में भूचाल ला दिया है, क्योंकि वैसे ही गिने-चुने देश क्रिकेट खेलते हैं वो भी इस तरह आपस में लड़ेंगे तो कैसे काम चलेगा. भारत-पाकिस्तान पहले ही आपस में नहीं खेलते हैं. अब ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान से खेलने से इनकार कर दिया. आप बताइए क्या इस मामले में भारत को अफगानिस्तान की मदद करनी चाहिए. या जब तक तालिबान है तब तक हमें भी सख्त रुख अपनाना चाहिए.