कप्तान बनते ही क्या रोहित से छिन जाएगी कप्तानी, कोच बनते ही द्रविड़ पर भी मंडराया खतरा
रोहित शर्मा की वजह से हारी टीम इंडिया, महेन्द्र सिंह धोनी की एक तस्वीर ने खोल दी पूरी पोल
पांड्या, ऋषभ पंत और अर्शदीप सिंह हुए रोहित से नाराज, भारतीय टीम में हार के बाद मचा बवाल

बैटिंग से पहले हार्दिक पांड्या को ज्ञान देना, ऋषभ पंत पर चिल्लाना और अर्शदीप को आंखें दिखाना रोहित को भारी पड़ने वाला है. ये तीन खिलाड़ी ही नहीं बल्कि विराट कोहली और क्रिकेट के कई बड़े दिग्गज भी रोहित शर्मा के इस व्यवहार से नाराज हैं. मैच हारने के बाद ड्रेसिंग रूम में हार का जिम्मेदार अर्शदीप या भुवनेश्वर कुमार को नहीं बल्कि रोहित शर्मा को ठहराया गया, और उसी दौरान बार-बार धोनी का जिक्र हुआ, इसिलिए विराट से जब मैच के ठीक बाद पूछा गया तो उन्होंने भी एक बार धोनी का नाम लिया जो साफ इशारा था कि द्रविड़ की कुर्सी कभी भी जा सकती है….ये दावा इसलिए सही है क्योंकि कल रोहित शर्मा की हरकतों की वजहों से खिलाड़ी प्रेशर में आ गए? ड्रेसिंग रूम में हार्दिक पांड्या को बार-बार रोहित समझा रहे थे, ऐसा लग रहा था, जैसे उनका खेल बदलने के लिए दबाल डाल रहे थे…हार्दिक रोक कर खेलने वाले प्लेयर नहीं हैं, लेकिन जब लगातार विकेट गिरा तो रोहित ने हार्दिक पांड्या पर प्रेशर बनाया? नतीजा पांड्या गेंद को रोकने के चक्कर में जीरो पर आउट होकर चले गए? 13वें ओवर तक सब ठीक चला लेकिन फिर वो बार-बार विराट के पास मैसेज भी भेज रहे थे, रूक कर खेलने के लिए. विराट कोहली तक दबाव में आ गए, भुवनेश्वर कुमार जैसे सीनियर गेंदबाज़ को रोहित शर्मा ने हर गेंद पर समझाया, नतीजा वो भी अपना आत्मविश्वास खो बैठे! लेकिन अब हम जो बताने वाले हैं, वो बात अब तक आपको किसी ने नहीं बताई होगी? आधा खेल ग्राउंड पर होता है आधा गेम ड्रेसिंग रूम में होता है. जब रोहित आउट हुए तो वो राहुल को बोलकर गए तेज़ खेलते रहना, और राहुल भी आउट हो गए, फिर सूर्या पर दबाव बनाया कि तेज़ खेलना, सूर्या आउट हो गए, फिर जब लगा कि हालत खराब होने वाली है, तब पंत को ये कहकर भेजा कि संभल कर खेलना और नतीजा पंत भी प्रेशर में आए. विराट कोहली ने इस बात का खुलासा खुद किया, कि धोनी जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता है,रोहित चाहते थे ताबड़तोड़ बैटिंग हो, जबकि मैंने परिस्थिति के हिसाब से बैटिंग की. सौरभ गांगुली हों या सुनील गावस्कर या फिर कपिलदेव हर कोई हैरान है कि रोहित ने ऐसी कप्तानी क्यों की? भुवनेश्वर कुमार के साथ अर्शदीप का ओवर रोक कर अचानक हार्दिक पांड्या को गेंद थमाया, तब राहुल द्रविड़ भी हैरान हो गए, पांडया को पावरप्ले में ओवर देना सबसे बड़ा गलत फैसला था, पांड्या की पहली ही ओवर में तीन बाउंड्री आई और वहीं से मैच पाकिस्तान के पक्ष में मुड़ गया, विराट कोहली मैदान के बाहर बैठे रहे, रोहित शर्मा को एक बार भी नहीं लगा कि विराट को मैदान पर बुलाकर उनकी कप्तानी का भी अनुभव लेना चाहिए. जबकि जब विराट कप्तान बने तो वो धोनी की राय से ही चलते थे, अब आप धोनी की तस्वीर देखिए. धोनी स्टंप के पीछे से इशारा करते, चहल, जडेजा और कुलदीप यादव उन्हें विकेट लेकर देते, लेकिन रोहित बार-बार मैच रोककर गेंदबाज़ों को समझाते, नतीजा स्लो ओवर रेट पेनाल्टी भी लग गई. ये तस्वीर देखकर क्रिकेट के दिग्गज हैरान हैं, क्या रोहित कप्तानी के प्रेशर में खिलाड़ियों का सम्मान भूल गए? अर्शदीप से कैच छूट भी गया तो मैच हार नहीं गए थे, लेकिन रोहित ने ऐसे डांटा जैसे अर्शदीप की टीम में कोई वैल्यू ही नहीं है, यानि भारत पाकिस्तान के मैच में सबसे बड़ा दबाव रोहित का था. रोहित के दबाव से उनके व्यवहार से भारतीय खिलाड़ी प्रेशर में आए, जिसका जैसा खेल था उसको वैसा खेलने नहीं दिया गया, नतीजा रोहित शर्मा बौखला गए, बाहर राहुल द्रविड़ भी रोहित को रोक नहीं पाएं, अगर रोहित की जगह धोनी होते तो नतीजा कुछ और होता, जोगिंदर यादव को आख़िरी ओवर देकर भी धोनी ने पाकिस्तान को टी-20 विश्वकप में धूल चटा दी थी, लेकिन रोहित भुवनेश्वर और अर्शदीप जैसे बॉलर होने के बाद भी फेल हो गए, आपकी टीम कैसा कर रही है, इससे ज्यादा ज़रूरी है कप्तान क्या प्लान बना रहा है? आपको याद होगा, विश्वकप 2011 में भारत के दो विकेट जल्दी गिर गए, फिर धोनी खुद उपर आए, किसी खिलाड़ी पर कोई दबाव नहीं बनाया, खुद अच्छा खेला भारत को जिताया, जबकि रोहित शर्मा ने खुद अच्छा नहीं खेला, अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए, जब छोटी-छोटी गलती बड़ी हो गई तो सारा गुस्सा जूनियर खिलाड़ियों पर निकाल दिया. इसलिए रोहित से न सिर्फ खिलाड़ी नाराज़ हैं, बल्कि सौरभ गांगुली भी नाराज़ हैं, देश के दिग्गज भी नाराज़ है, अर्शदीप की वजह से सिख धर्म के लोग रोहित को ट्विटर पर अनफॉलो कर रहे हैं, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रेशर वाले मैच में जूनियर्स का सपोर्ट करना होता है, न कि उनपर चिल्लाकर उनका संतुलन खोना…इसलिए कहते हैं, रोहित एक मैच में दोहरा शतक लगा सकते हैं, तेज़ी से रन बना सकते हैं, लेकिन अच्छी कप्तानी की बात आएगी तो धोनी को ही याद किया जाएगा….