भोजपुरी इंडस्ट्री, आकाक्षा दुबे के मौत पीछे कौन है जाने!
क्या भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री भी बॉलीवुड की राह पर चल पड़ी है. और वहां भी गैंग बन गए हैं, जो नए कलाकारों का शोषण करते हैं. काम के नाम पर बंधुआ बना लेते हैं. भोजपुरी एक्ट्रेस अकांक्षा दुबे की मौत के बाद ऐसे ही कई सवाल उठने लगे हैं. अकांक्षा दुबे की मां ने सिंगर समर सिंह और उनके भाई संजय सिंह पर अकांक्षा को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वो किसी और के साथ काम नहीं करने देता था और उसके करोड़ों रुपये दबाये बैठा था. लेकिन क्या ये एक अकांक्षा दुबे का ही मामला है, या भोजपुरी इंडस्ट्री में भी गैंग बने हैं जो अकांक्षा दुबे जैसी एक्ट्रेसेस को लील रहे हैं. सुशांत सिंह राजपूत के साथ भी शायद यही हुआ था. उन्हें इतना दबाया गया कि, जीवन मुश्किल लगने लगा. फिर भी वो आत्महत्या कही गई और इसे भी शायद आत्महत्या कह दिया जाये, लेकिन क्या ये सच है. अकांक्षा दुबे के दिमाग में जो चल रहा था उसकी जांच कौन और कैसे करेगा. आखिरी इंस्टाग्राम लाइव में बिना कुछ बोले रोने वाली अकांक्षा बहुत कुछ कह गई.
भोजपुरी इंडस्ट्री, का काला सच

ये भोजपुरी इंडस्ट्री का ऐसा सच है, जो अभी तक आम जनता से दूर था, लेकिन आज कलई खुल जाएगी. आप बताइए रानी चटर्जी मनोज तिवारी के अलावा किसी और के साथ ज्यादा काम क्यों नहीं कर पाई.

एक्ट्रेस कनक पांडे ने 2020 में कहा था कि भोजपुरी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म नहीं गैंग सिस्टम चलता है. अक्षरा जब पवन सिंह से अलग हुई तो उन्होंने कहा था कि पवन सिंह मुझे किसी के साथ काम ही नहीं करने देते थे. तो बताइए ये गैंग किसके हैं. इनके सरगना कौन हैं.

अपवाद छोड़ दीजिए लेकिन, निरहुआ के साथ केवल अम्रपाली काम करती हैं. एक वक्त में पवन सिंह के साथ सिर्फ अक्षरा काम करती थीं. खेसारी लाल यादव के साथ ज्यादातर काजल रगवानी काम करती हैं.

क्या से सिर्फ संयोग मात्र है, या फिर कहानी कुछ और है. वर्चस्व की इसी लड़ाई में क्या अकांक्षा दुबे की बलि ले ली गई.
भोजपुरी इंडस्ट्री का एक और सच ये है कि वहां भी बहुत सारे छुटभैया टाइप सिंगर आ गये हैं. गानों के नाम पर गंदगी गा रहे हैं और विजुअल के नाम पर फूहड़ता परोस रहे हैं. इनके सोशल मीडिया पर करोड़ों व्यूज आते हैं लेकिन इनके गाने 8-10 शब्दों पर ही टिके हैं.
इनका कोई गाना बिना घाघरा, चोली, लहंगा, पेटीकोट, सामान, जीजा, देवर और भौजाई के पूरा नहीं होता है.
ये सारे वो लोग हैं जो खुद तो लाखों रुपये लेते हैं लेकिन नई आने वाली लड़कियों को चंद पैसों में साइन करते हैं और फिर सालों साल तक उनका शोषण होता है. भोजपुरी गानों में जिस तरह के डांसिंग स्टेप और इशारों का इस्तेमाल होता है. क्या कोई भी सिंगर या एक्टर अपने बच्चों के साथ बैठकर उन्हें देख सकता है. अब इन्हीं गानों पर बारात में जब बीच सड़क पर लड़कियां डांस करती हैं तो सोचिए फूहड़ किस्म के लोग क्या सोचते होंगे.
आम लोगों को छोड़िए ये स्टार्स उन लड़कियों के बारे में क्या सोचते हैं. अकांक्षा दुबे की मौत के मामले को ही उठा लीजिए, अगर उनकी मां के आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो एक कलाकार की मौत का जिम्मेदार कौन होगा. कोई एक सिंगर या फिर पूरा गैंग सिस्टम, जिसने समाज में गानों के नाम पर फूहड़ता को जन्म दिया और इंडस्ट्री के नाम पर गैंग बना दिया.