Neet Exam 2023: औलाद अगर निकम्मी निकल जाये तो माता-पिता क्या करें. इसकी मिसाल उत्तर प्रदेश के एक 69 साल के बुजुर्ग ने पेश की है. सोचिए जिस उम्र में इंसान सोचना छोड़ देता है उस उम्र में एक बुजुर्ग ने नीट की परीक्षा दी. अलीगढ़ के रहने वाले इस बुजुर्ग का जज्बा तो काबिलेतारीफ है, जानिए जब 69 साल का बुजुर्ग परीक्षा के लिए सेंटर पर पहुंचा तो कर्मचारी छात्रों को एंट्री दे रहे थे, तभी एक बुजुर्ग भी लाइन में आ गए। कुर्ता पाजामा पहने, सिर पर गांधी टोपी लगाए ये शख्स एडमिट कार्ड देते हुए बोले कि मेरा भी पेपर है। दरवाजे पर एंट्री दे रहे कर्मचारियों को कुछ समझ नहीं आया तो उनको दफ्तर भेजा गया। दफ्तर में उनके एडमिट कार्ड और रिकॉर्ड चेक किया गया। इस पर पता चला कि 69 साल मोहन लाल कोई मजाक नहीं कर रहे बल्कि सच में परीक्षा देने आए हैं। इसके बाद उनको पेपर में बैठने की इजाजत दे दी गई बुजुर्ग खुद स्टूडेंट थे, फिर क्या था आसपास भीड़ लग गई. बच्चे भी सब देखने लगे.
मोहन लाल ने कहा,’69 की उम्र तो क्या, मैं भी डॉक्टर बनूंगा’

तब मोहन लाल ने बताया कि उनके चार बच्चे हैं. जिसमें एक लड़का और तीन लड़कियां हैं. लेकिन लड़का नशे में पड़ गया और उसे कोई सुध नहीं रहती. लड़कियां भी पढ़ना नहीं चाहती थी. तो उन्होंने सोचा कि जब बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं तो मैं खुद ही पढ़कर सपना पूरा कर सकता हूं. मोहनलाल का कहना है कि बुढ़ापे में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. और अक्सर डॉक्टर की जरूरत होती है. मैं चाहता था कि मेरा कोई बच्चा डॉक्टर बने, लेकिन वैसा नहीं हो सकी. इसलिए अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मैंने खुद डॉक्टर बनने का फैसला किया और नीट की परीक्षा दी.
हालांकि मोहनलाल गोला पहले से भी पढ़े लिखे थे. उन्होंने उस जमाने में एमए किया था और ऑडिट अधिकारी के पद से रिटायर हुए थे. वो अलीगढ़ के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक दादो के रहने वाले हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए डोरी नगर कॉलोनी के गांधी पार्क में आकर घर बनाया था. मोहनलाल गोला कहते हैं कि बच्चों ने पढ़ने से इनकार कर दिया लेकिन मेरी बचपन से ही पढ़ने की आदत रही है. मेरी जेब में अगर पैसे होते हैं तो मैं खाने से पहले किताब खरीदकर पढ़ने की सोचता हूं. मेरा आधा घर किताबों से भरा हुआ है.
तभी कहते हैं कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, अगर जज्बा और लगन है तो आप किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं. यही मोहनलाल ने भी साबित किया है. वो नीट की परीक्षा पास करें या ना करें, लेकिन इरादों में वो फर्स्ट डिवीजन से पास हो गए हैं. और हो सकता है पिता का जज्बा देखकर बेटा भी सुधर जाए और लड़कियों को भी अक्ल आ जाये.