अंबानी फैमिली अपनी पार्टी में शाहरूख, सलमान, आमिर सबको बुलाती है, लेकिन इनमें से कोई भी उनका फेवरेट एक्टर नहीं है, और इसका खुलासा अब एक नई फिल्म से हुआ है. दरअसल अंबानी के पीए ने एक फिल्म निर्माता को फोन किया और कहा एंटीलिया आवास में आपकी फिल्म की स्क्रिनिंग करवानी है, पूरा अंबानी परिवार ये फिल्म देखना चाहता है, जब फिल्म निर्माता ने ये सुना तो उन्हें अपनी कानों पर भरोसा ही नहीं हुआ, लगा किसी ने मजाक किया है, तभी मुंह से ये बात निकल पड़ी कि अगर आप सच में अंबानी के घर से बोल रहे हैं तो ऑफिशियल ईमेल कीजिए, जिसके थोड़ी देर बाद ही ईमेल मिला जिसमें लिखा था

ये ईमेल हमारे सीएमडी मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया में आपकी फिल्म दिल्ली दूर नहीं है कि स्क्रिनिंग को लेकर है. यहां के थिएटर में सारी मॉडर्न फैसिलिटी लगी हुई है, अंबानी परिवार ये सेलेक्टड फिल्म अपने घर के थिएटर में देखना चाहता है.

ये ईमेल फिल्म निर्माता इमरान जाहिद की टीम को मिला, जिसके बाद से पूरी टीम खुश है, खास बात ये है कि इनकी फिल्म दिल्ली दूर का बजट कोई भारी-भरकम नहीं है, बल्कि काफी कम बजट में बनी प्रेरणादायक फिल्म है, अगर आपको आईएएस-आईपीएस बनने के संघर्ष टाइप की स्टोरी पसंद है तो ये फिल्म जरूर पसंद आएगी. इस फिल्म में इमरान जाहिद ने जहां अपने रोल से सबका दिल जीत लिया है, तो वहीं महेश भट्ट का कैमियो और श्रुति सोढ़ी का दिलकश अंदाज भी दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है. फिल्म की कहानी बिहार के एक लड़के के दिल्ली आने, IAS की तैयारी करने, कई बार फेल होने, फिर प्यार में पड़ने और उसके बाद सफलता हासिल करने की है, एक रिक्शावाले के बेटे के आईएएस बनने की कहानी को फिल्मी पर्दे पर इतने शानदार तरीके से दिखाया गया है कि जब ट्रेलर रिलीज हुआ था तभी अंबानी परिवार ने ये फैसला कर लिया था कि इस फिल्म को अपने घर में देखेंगे. लेकिन यहां समझने वाली बात ये है कि अंबानी के पास वैसे तो एक मिनट की भी फुर्सत नहीं है, फिर वो तीन घंटे फिल्म के लिए कैसे और क्यों निकालेंगे.
मुकेश अंबानी की एक मिनट की कमाई 2.35 लाख रुपये है, मतलब जितनी देर में मूवी देखेंगे, उतनी देर में साढ़े 4 करोड़ कमा लेते हैं
नीता अंबानी भरतनाट्यम डांसर हैं, बहू राधिका भी क्लासिकल डांसर है, इनका फिल्मों से भी लगाव है, तो क्या इनके लिए स्क्रिनिंग रखी जा रही है
पूरा अंबानी परिवार अगर IAS-IPS की संघर्ष की स्टोरी बैठकर देख रहा है तो क्या अंबानी परिवार अपनी पीढ़ी में किसी को IAS-IPS बनाना चाहते हैं
क्योंकि आपको कोई कहानी तभी पसंद आती है, जब आप खुद को उससे जोड़ते हैं, अंबानी के पास जितना पैसा है, उनका जो भौकाल है, उसके आगे IAS-IPS कहीं नहीं टिकते, पर कहते हैं वर्दी का भौकाल अलग होता है, अंबानी परिवार जिस फिल्म को देखने वाला है, उसकी कहानी पूरे हिंदुस्तान के बच्चों को प्रेरणा देगी ये बात सच है लेकिन इस तरह की फिल्मों में एक बात ये भी है कि इससे तैयारी करने वालों की संख्या हर साल बढ़ जाती है. और ये एक तरह से युवाओं की ऊर्जा की बर्बादी है.
दिल्ली के मुखर्जी नगर से लेकर पटना के राजेन्द्र नगर तक में आपको लाखों स्टूडेंट UPSC की तैयारी करते मिलेंगे
इनकी जवानी तैयारी में निकल जाती है, हर साल 800-900 लोगों को सेलेक्शन होता है, बाकी खाली हाथ रह जाते हैं
ऐसे में बेरोजगारों की फौज बढ़ती जाती है, उन्हें अधिकारी के सिवा कुछ दिखता नहीं, जिससे कई दिक्कतें पैदा होती हैं
समाज आपको एक ज्ञानी के तौर पर नहीं असफल व्यक्ति के तौर पर देखता है, ऐसे में ये फिल्म देखें तो ये भी सीखें कि कि अगर सालों की तैयारी के बाद भी परीक्षा पास नहीं हुए, क्योंकि ये देश की सबसे कठिन परीक्षा है तो आगे कुछ ऐसा करना होगा जिससे समाज को आपके ज्ञान का लाभ मिल सके. शायद अंबानी परिवार भी अपने घर इस फिल्म को देखने के बाद कुछ ऐसा ही संदेश देना चाहे कि सरकारी नौकरी ही आपकी सफलता की पहचान नहीं है.