भारत-न्यूजीलैंड के बीच पहला टी20 मुकाबला देखने महेन्द्र सिंह धोनी भी बड़े शौक से पहुंचे थे, उन्हें उम्मीद थी कि हार्दिक पांड्या की कप्तानी वाली टीम शानदार खेलेगी, लेकिन 19वें ओवर में कुछ ऐसा हुआ कि कैप्टन कूल धोनी को भी गुस्सा आ गया होगा. 19वें ओवर तक मैच भी बिल्कुल टीम इंडिया के कंट्रोल में था, न्यूजीलैंड की टीम ने 6 विकेट के नुकसान पर 149 रन बनाया था, तभी पांड्या ने आखिरी ओवर के लिए अर्शदीप को गेंद थमा दी. अर्शदीप का कॉन्फिडेंस पहले से ही लो दिख रहा था, क्योंकि वो पिच तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी नहीं थी, जैसे ही पहली गेंद फेंकी, उस पर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेरी मिचेल ने छक्का जड़ा, लेकिन अंपायर ने उसे नो बॉल करार दे दिया, और न्यूजीलैंड का स्कोर पहुंच गया 156 रन. जबकि आखिरी ओवर की छह गेंदें अभी बाकी थी. उसके बाद अर्शदीप ने अगली गेंद डाली तो मिचेल ने फिर छक्का जड़ा, मतलब एक ही गेंद पर अर्शदीप ने 13 रन लुटा दिए, ये सिलसिला यहीं नहीं थमा, अब आगे की कहानी सुनिए.

ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का और तीसरी गेंद पर मिचेल ने चौका जड़ा, इसे देखते ही कप्तान हार्दिक पांड्या झल्ला गए, विकेट के पीछे से ईशान किशन ये बताने लगे कि बॉल कैसे डालनी हैं, लेकिन अर्शदीप पर इसका कोई फर्क ही नहीं पड़ा, चौथी गेंद उन्होंने यॉर्कर डाली, जिसे मिचेल ढंग से खेल नहीं पाए, वरना वो भी सीमा रेखा के बाहर होती, आखिरी के दोनों गेंद पर मिचेल ने दो-दो रन दिए, इस तरह से न्यूजीलैंड का स्कोर 19वें ओवर में जो 149 था, वो 20वें ओवर में 176 पहुंच गया. टी20 वर्ल्ड कप से पहले 19वें ओवर का संकट इंडिया पर पहले से ही था, लेकिन अब 20वें ओवर में इतना रन लुटाना चिंता की बात है.

अर्शदीप सिंह के पास स्विंग नहीं है, न वो इरफान पठान की तरह स्विंग कर सकते हैं न ही ज़हीर ख़ान की तरह रिवर्स स्विंग कर सकते है, बीच के ओवरों में बिल्कुल भी फिट नहीं है, अभी उनकी उम्र 23 साल हैं तो उन्हें NCA में ट्रेनिंग कर भुवनेश्वर कुमार जैसे काबिल गेंदबाज़ों से स्विंग सिखना चाहिए, आने वाले टाइम पर वनडे वर्ल्ड कप है, इस हालात को देखकर लगता नहीं है कि अर्शदीप को टीम में रखना चाहिए. अर्शदीप ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ कई नो बॉल फेंकी जिसपर ख़ूब रन लुटाए, न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ T-20 में अर्शदीप ने फिर नो बॉल फेंका, क्रिकेट में गेंदबाज़ अगर इतना नो बॉल फेंके तो फिर सोचना पड़ेगा, क्योंकि एक नो बॉल के कारण एक ही गेंद पर 13 रन बन गए…यही कारण है कि अर्शदीप सिंह T-20 में हर ओवर में लगभग साढ़े आठ रन देते है, जबकि वनडे में भी सात रन पर ओवर खर्च करते है…मेन गेंदबाज़ का इतना रन लुटाना ठीक नहीं माना जाता है! तीन वनडे मैच खेले चुके अर्शदीप ने 79 गेंदे फेंकी है पर एक भी विकेट नहीं मिला है, जबकि T-20 में 23 मैच में 36 विकेट हो चुके है, यानि हर 12 गेंद पर विकेट…आंकड़े अच्छे हो सकते है पर टैलेंट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है…पांड्या की नाराज़गी बताती है अर्शदीप का T-20 से लगभग पत्ता साफ है

इस मैच में हार्दिक पांड्या ने युजवेन्द्र चहल, मुकेश कुमार, पृथ्वी शॉ और जीतेश शर्मा को बेंच पर बिठाए रखा, जबकि पृथ्वी शॉ और युजवेन्द्र चहल को मौका दिया जा सकता था. अगर चहल को खिलाया होता तो शायद न्यूजीलैंड की टीम इतना आगे नहीं बढ़ पाती, और 150 के अंदर ही सिमट जाती.

रांची की ये पिच तेज गेंदबाजों के लायक नहीं थी, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव और शिवम मावी ने इस मैच में विकेट लिए.लेकिन उमरान मलिक ने एक ही ओवर फेंका और 16 रन लुटा दिए, अर्शदीप के साथ भी कुछ ऐसा ही लगा, उन्होंने एक विकेट तो लिया, पर रन इतने लुटा दिए कि वो किसी भी टीम को महंगा पड़ सकता है. क्या अर्शदीप और उमरान जैसे गेंदबाजों को मौके देकर वर्ल्ड कप के लिए तैयार किया जा रहा है. अगऱ ऐसा है तो फिर सुधार की जरूरत है.