राहुल गांधी की सदस्यता जाना के बाद अब इस नेता की हो रही है तैयारी
राहुल गांधी की सदस्यता जाना अगर आपको बड़ा फैसला लग रहा है तो तैयार रहिए देश में बहुत बड़े नेता की गिरफ्तारी हो सकती है. इसके पीछे पांच सबूत हैं जो दावा कर रहे हैं कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर छाती पीटने वालों का दुख बढ़ने वाला है. पीएम मोदी ने जांच एजेंसियों के अधिकारियों से बातचीत में कहा था कि नेता कितना भी बड़ा हो, भ्रष्टाचार किया है तो उसकी जगह एक ही है. 2018 के बाद से पीएम मोदी का नाम ना लेने वाले अरविंद केजरीवाल आजकल पीएम मोदी को नाम ले लेकर सुना रहे हैं. इसका मतलब क्या है, क्या उन्हें किसी बात का आभास हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बीजेपी मुख्यालय में भाषण दे रहे थे और कह रहे थे कि हम एक भी कदम पीछे नहीं हटाएंगे. ये सारे भ्रष्टाचारी एक साथ हो गए हैं, संसद नहीं चलने दे रहे हैं. लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा, देश का पैसा नहीं लुटने दूंगा. तब ईडी एक प्लान तैयार कर रही थी. उस प्लान में क्या है ये 5 सबूत आपको समझा देंगे.

- सबूत नंबर एक- जांच एजेंसी को वो डिजिटल सबूत मिल गए हैं, जिन्हें मिटा दिया गया था.
- सबूत नंबर दो- केजरीवाल के पास भले ही कोई मंत्रालय नहीं है लेकिन कैबिनेट का फैसला बिना सीएम के साइन के नहीं होता है.
- सबूत नंबर तीन- पीएम मोदी ने अपने भाषण में इशारा किया कि जांच एजेंसी दबाव में नहीं आएंगी और पीछे नहीं हटेंगी.
- सबूत नंबर चार- बाहर होने के बावजूद केजरीवाल को ईमानदार कहने वाले कुमार विश्वास ने भी कहा कि- सब सही हो रहा है. मतलब अंदर कुछ गड़बड़ है ये वो भी जानते हैं.
- सबूत नंबर पांच- अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी पर सीधे हमलावर हैं, उनके हाव-भाव बदलने लगे हैं.
केजरीवाल ने मोदी को कहा भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं.
अगर इस केस में बचे भी केजरीवाल ने अपने लिए एक कब्र और खोद ली है. उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर आरोप लगाया है कि,
अडानी तो फ्रंट है, सारा पैसा मोदी का लगा है. और मोदी भारत के अब तक के सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं.
अरुण जेटली और मजीठिया तक से माफी मांगने वाले केजरीवाल क्या इन आरोपों को साबित कर सकते हैं. या जेल का एक और दरवाजा खुलने वाला है.

कपिल मिश्रा ने क्यों कहा दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग जेल में होगी
या फिर अरविंद केजरीवाल को समझ आ गया है कि मौसम बिगड़ने वाला है. कभी आम आदमी पार्टी में रहने वाले कपिल मिश्रा ने एक बार कहा था कि, दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग जेल में होगी. तो क्या ये बात सच होने वाली है.
क्योंकि जब राहुल गांधी को सजा हो सकती है तो अरविंद केजरीवाल किस खेत की मूली हैं? अब जांच एजेंसियां ये नहीं देखती कि सामने कितना बड़ा नेता है, वो जमाना जा चुका है. अरविंद केजरीवाल आईएस अधिकारी रह चुके हैं और सारे हथकंडे जानते हैं, इसीलिए अपने पास कोई मंत्रालय नहीं रखते हैं, लेकिन सीएम तो वही हैं. बिना उनकी इजाजत के कोई घोटाला कैसे हो सकता है. कुछ फाइलें ऐसी होती हैं जो बिना मुख्यमंत्री के साइन के पास ही नहीं हो सकती है.

नई शराब नीति भी अरविंद केजरीवाल की सरकार ने ही बनाई थी, जिसे एलजी ने रोका और जांच की आंच में केजरीवाल के डिप्टी मनीष सिसोदिया जेल चले गए. उसके दो दिन बाद तक भी अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोद के खिलाफ कुछ नहीं कहा था. लेकिन फिर अचानक मोदी-मोदी करने लगे और बहुत आक्रामक हो गए.

राहुल गांधी के भी समर्थन में उतर गए. इसका क्या मतलब है? कुमार विश्वास के जानने वाले और उनके विश्वासपात्र अभी भी आम आदमी पार्टी में हैं और अगर वो कह रहे हैं कि दिल्ली में जो हो रहा है वो सही हो रहा है और भाई साहब के बुरे दिन आने वाले हैं तो कुछ इनपुट तो उनके पास भी आए ही होंगे. राहुल गांधी को सजा और फिर सदस्यता जाना बड़े-बड़े नेताओं को अल्टीमेटम था कि जो गलत करेगा वो बख्शा नहीं जाएगा. चाहें नाम कितना भी बड़ा क्यों ना हो.