जब अतीक के बेटे और बीबी की करोड़ों की प्रॉपर्टी कोई कूड़े के भाव भी खरीदने को तैयार नहीं है तो वो माफिया कौन है जो अतीक के परिवार का हमदर्द बना हुआ है. उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से आने वाला ये माफिया योगी के आवास से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर हयात होटल, वैभवखंड में अपनी बुकिंग करवाता है, अशरफ की बीबी जैनब को वकील के जरिए ये मैसेज भिजवाता है कि

मैं आ रहा हूं, 12 करोड़ रुपए में प्रयागराज वाली जमीन की डील फाइनल हो जाएगी, आपलोग पैसे ले जाना, मैं जमीन पर कब्जा कर लूंगा.
ये खुलासा अतीक के वकील विजय मिश्रा से हुई पूछताछ में हुआ है. उसने जो बताया उसे सुनकर यूपी एसटीएफ की टीम खुद हैरान रह गई, विजय मिश्रा ने बताया
अतीक के वकील विजय मिश्रा ने बताया

यूपी का रहने वाला एक माफिया नेपाल से आने वाला था, उसी के साथ होटल में डील होनी थी, लेकिन सीमा हैदर ने सारा खेल बिगाड़ दिया, वो नेपाल के रास्ते हिंदुस्तान में आई, उसके बाद से एसएसबी ने उधर चौकसी बढ़ा दी.
मतलब सीमा हैदर की वजह से अतीक के परिवार की प्रॉपर्टी बिकते-बिकते रह गई. लेकिन सवाल है कि वो माफिया है कौन, क्या उसने अतीक की पत्नी शाइस्ता को भी नेपाल में ही छिपा रखा है, सूत्र बताते हैं कि उसका यूपी आना-जाना न के बराबर है, वो नेपाल में ही रहता है, वहीं से सबकुछ ऑपरेट करता है. शायद इसीलिए उसे बाबा के बुलडोजर का डर नहीं सता रहा है, पर वो ये भूल रहा है कि आईपीएस अमिताभ यश के कमांडो बाबा के आदेश पर नेपाल भी पहुंच सकते हैं. शाइस्ता के नेपाल में छिपे होने की आशंका के पीछे तीन बड़े कारण दिखाई देते हैं.

पहला- जब प्रयागराज वाला केस हुआ तो अपने बेटे असद को शाइस्ता नेपाल के रास्ते खाड़ी मुल्क में भेजना चाहती थी, जिसका मतलब ये हुआ कि शाइस्ता का कनेक्शन नेपाल में मजबूत है.
दूसरा- प्रयागराज केस के बाद कुछ आरोपियों के नेपाल भागने की ख़बर भी आई थी, जिसके बाद पुलिस ने नेपाल के एक व्यवसायी कय्यूम को पकड़ा था, जिसने आरोपियों के नेपाल भागने में मदद की थी. उसने भी अतीक के परिवार के नेपाल कनेक्शन के कई राज खोले थे.
तीसरा- अतीक की पत्नी शाइस्ता न तो अपने पति के जनाजे में आई, यहां तक कि लखनऊ वाली डील में भी अशरफ की बीबी जैनब पहुंची थी, ऐसी ख़बर आई, अगर शाइस्ता हिंदुस्तान में होती तो शायद वही जाती.
इसीलिए यूपी एसटीएफ अब पूरी ताकत से शाइस्ता का सुराग खोजने में जुटी है, और इसमें सबसे बड़ी ताकत आईपीएस अमिताभ यश का तेजतर्रार दिमाग है, जो माफियाओं और उनके मददगारों को पाताल से भी ढूंढकर निकाल सकता है. लेकिन बावजूद इसके अगर एक माफिया नेपाल में बैठकर अतीक के परिवार की मदद के बारे में न सिर्फ सोचता है, बल्कि पूरी प्लानिंग बनाता है और एक नेताजी भी कथित तौर पर इस डील में शामिल होने की कोशिश करते हैं, तो सवाल तो उठेंगे ही. क्या पुरानी फिल्मों की तरह कोई है जो सिस्टम को अच्छी तरह समझ रहा है और पुलिस के पहुंचने से पहले ही शाइस्ता को फरार करवा दे रहा है, जैसा पहले कई बार हुआ भी. आपको क्या लगता है 50 हजार की इनामी शाइस्ता कहां छिपी हो सकती है, अगर यूपी में है तो फिर यूपी एसटीएफ उसे ढूंढ क्यों नहीं पा रही और अगर यूपी से बाहर है तो कोई सुराग क्यों नहीं मिल रहा. कमेंट कर बताएं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी