ये तस्वीर देखिए, माथे पर दुपट्टा, मुंह में मास्क, आंखों में चश्मा और गुलाबी सूट पहने एक महिला पुलिसवाले से कह रही है कि साहब हमारे साथ लूट हो गई, सुनसान रास्ते से होते हुए बाइक पर आ रही थी, तभी किसी ने हमारा पर्स, पैसा सबकुछ ले लिया, आप उन्हें ढूंढिए, पुलिस भी इस महिला की बात ध्यान से सुनती है, लेकिन जैसे ही चेहरे से मास्क और दुपट्टा हटता है, पुलिस वाले सलामी देने लगते हैं, ये औरेया की एसपी चारू निगम का अंदाज है, जो अपराधियों पर सख्ती के लिए लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हैं. दरअसल इन्होंने वेश बदलकर ये जानने की कोशिश की कि पुलिस का रिस्पॉन्स डॉयल 112 पर कैसा है.

हैल्लो मैं सरिता चौहान बोल रही हूं, दिबियापुर रोड पर प्लास्टिक सिटी के पास सड़क पर बाइक सवार दो लुटेरों ने तमंचा दिखाकर लूटपाट की है.

इतना सुनते ही पुलिस मौके पर पहुंची, और पूछताछ के बाद कार्रवाई की. हम आपको इनका एक और वीडियो दिखाएंगे, जिस पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, हम उन ट्रोल करने वालों से भी कुछ सवाल पूछना चाहते हैं लेकिन उससे पहले आपको इनके बारे में बताते हैं. ये हैं औरेया जिले की एसपी चारू निगम, जिनका एक वीडियो चार साल पहले सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से वायरल हुआ था कि आज भी गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूरे यूपी के लोग इन्हें भूले नहीं है, पिता की मौत से चारू कभी डिप्रेशन में चली गई थीं, लेकिन हिम्मत दिखाई, यूपीएससी की परीक्षा पास की और पिता के सपने को साकार किया, वो जानती हैं कि एक आईपीएस की क्या फर्ज है, जब कोई उन पर धौंस जमाने की कोशिश करता है तो भावुक तो होती हैं लेकिन फिर कड़े फैसले भी लेती हैं. ये तस्वीरें साल 2017 की हैं, बीजेपी विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल चारू निगम को ये कह रहे हैं

मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी, मैं एसडीएम साहब से बात कर रहा हूं, इसके सीनियर को बुलाइए- राधा मोहन दास अग्रवाल
मैं यहां की क्षेत्राधिकारी हूं, जो लॉ एंड ऑर्डर आपलोगों ने बिगाड़ रखा है, उसी के संबंध में आपसे बात करने आई हूं.

इसके बाद चारू निगम के आंखों में आंसू आ जाते हैं, वो रूमाल से उसे पोछती हैं, लेकिन उसके बाद घर लौटते ही फेसबुक पर लिखती हैं इस आंसू को कमजोरी मत समझिए, गरूर टूटेगा और सच्चाई सामने आएगी, इसके कुछ दिन बाद चारू का वहां से तबादला हो गया. गोरखपुर में चारू ने एक बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का 36 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया था, जिससे उनकी खूब वाहवाही हुई थी. उससे पहले झांसी में खनन माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी थी. फिर भी लोग उनके इस तरीके पर सवाल उठा रहे हैं, ये झूठी लूट की घटना से जुड़ा दूसरा वीडियो है,

जब वो बाइक पर बैठकर जा रही हैं, एक लड़का शूटिंग करता है, लोग कह रहे हैं कि एसपी साहिबा भी मोदीजी की तरह कैमरा मैन साथ लेकर चल रही हैं, मतलब पहले ही पूरी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी, उन्होंने ऐसा करके ये दिखाने की कोशिश की है कि उनके जिले में पुलिस टाइम पर पहुंच रही है, सबकुछ ठीक है, लेकिन एक एसपी अगर इतनी अलर्ट न हो तो यही लोग कहेंगे कि अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, एसी कमरे से निकलकर इस तरह की चेकिंग आम जनता में विश्वास पैदा करती है,भले ही कुछ लोग इसे न समझें लेकिन जो लोग कभी ऐसी घटनाओं का शिकार हुए हैं, उनसे पूछिए की पुलिस की पेट्रोलिंग कितनी मददगार साबित होती है और सीएम योगी के राज में पुलिस की छवि कैसे बदली हैं, जिनमें सीएम योगी के साथ-साथ तेजतर्रार अधिकारियों का भी बड़ा रोल रहा है, वरना यूपी में पुलिस घटना के कितने घंटे बाद आती थी सब जानते हैं.