बागेश्वर धाम सरकार का बिहार में लगा पंडाल 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे
तो क्या बागेश्वर सरकार उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां से वो बाला साहेब ठाकरे की तरह बाहर बैठकर सरकार चलाएंगे? या फिर वो सियासत की हवा बदलने का दम रखते हैं? बागेश्वर सरकार बिहार गए पर पीछे बहुत कुछ छोड़कर आए हैं…नरेंद्र मोदी बेशक चुप रहते हैं पर बागेश्वर सरकार पर क्या सोचते हैं इसकी पूरी सच्चाई हम बताने जा रहे हैं…एक बिहारी 100 पर भारी की कहावत सुनी थी पर एक बाबा पूरे बिहार पर भारी पड़ गया पहली बार देखा है! जो बिहार जातियों की गहराई में खण्ड-खण्ड बंटा है, उसको एक बाबा ने एक पल में भर दिया, बागेश्वर बाबा के धाम में एक साथ 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे, पुलिस को लाठी तक नहीं उठानी पड़ी, ये भीड़ आप दो जगह ही देख सकते हैं, नरेंद्र मोदी बड़ी रैली में या फिर बागेश्वर सरकार की कथा में! पर भीड़ तो तेजस्वी और अखिलेश यादव की रैली में भी आती है फिर बाबा में ऐसा क्या ख़ास है कि वो बाला साहेब ठाकरे की तरह सियासत के सरकार भी बन गए हैं, और बीजेपी नेता उनके चरणों में बैठकर अनुसरण में लगे हैं! इसकी शुरूआत होती है, दिल्ली के PMO और गृहमंत्रालय के उस कमरे से जहां अमित शाह बैठते है! मोदी-योगी वाली बीजेपी की सोच और कथा कहने वाला बाबा की सोच में ख़ास फर्क नहीं है! बीजेपी का एजेंडा सालों से रहा है हिन्दू राष्ट्र, सनातन का प्रसार, राष्ट्र का निर्माण, और सावरकर की जय-जयकार!
बागेश्वर सरकार हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए बीजेपी को क्या कर सकते हैं सपोर्ट?

बागेश्वर सरकार के मन में भी यही सवाल है…यही कारण है कि बीजेपी नेताओं को शाह का आदेश मिल चुका है कि वो बागेश्वर सरकार के कदमों में बैठ जाए…बिहार में जब बाबा गए तो नीतीश कुमार को लगा, ठीक है ऐसे बाबा आते-जाते रहते हैं, पर पंडाल में हिन्दू राष्ट्र का राग छोड़कर बिहार की जातिगत राजनीति को बागेश्वर सरकार ने ललकार दिया…सूत्र यहां तक कहते हैं कि फिलहाल बीजेपी के 2 टॉप नेताओं की बात बाबा बागेश्वर से सीधी होती है, और बाबा हिन्दू राष्ट्र के लिए बीजेपी को खुलकर सपोर्ट करने को तैयार भी हैं…इस बात को और पुख्ता करती है…ये ख़बर…
मीडिया में ख़बर है बागेश्वर सरकार का प्रवचन उन राज्यों में ज्यादा होगा जहां इस साल के अंत में चुनाव हैं…या जहां लोकसभा चुनाव में हिन्दुत्व के नारे से बीजेपी को फायदा हो सकता है! जैसे बिहार में बाबा के कथा पंडाल ने सियासत का नक्शा बदल डाला है…मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव है जहां बीजेपी की जीत पक्की नहीं है, ऐसे में क्या बाबा साथ आ गए हैं, और बीजेपी की जीत की पर्ची काट दी है?
सियासत में बाबाओं का सिक्का भारत में हमेशा चला, हाल फिलहाल कोई ऐसा ताकतवर बाबा नहीं दिखाई देता है जो सरकार बना और बिगाड़ सकता है, ऐसा भविष्य बागेश्वर सरकार में ही दिखता है, ज़ाहिर है, PM मोदी की टीम भी बाबा के हर कदम पर निगरानी रखती होगी…ख़बर तो ये तक हैं कि बाबा के हर बयान और हर माहौल की जानकारी पीएम मोदी खुद रखते हैं…BJP नेता और MP के CM शिवराज सिंह चौहान कदमों में है, क्योंकि चुनाव है! तो बाबा से बेशक तेजस्वी यादव मुलाकात करने नहीं गए पर अंजाम क्या होगा उन्हें पता होगा! सिर्फ 26 साल की उम्र में जिसका इतना प्रताप हो उसे योगी जैसे नेता भी समझ लेते हैं, भारत में अगर कुछ बड़ा होगा तो न तो बिना बागेश्वर सरकार के साथ होगा और न ही ऐसे ताकतवर लोगों को दूर रखा जा सकता है, मोदी-शाह समझ चुके हैं बाबा अकेले नहीं हैं बल्कि कई करोड़ लोग ऐसे हैं जो बाबा के कहने पर एक व्यक्ति को वोट दे सकते हैं, वो व्यक्ति जो भारत को हिन्दू राष्ट्र की पथ पर लेकर चलेगा! सवाल कई हैं पर जवाब क्या हो सकता है आप खुद तय करिए ! बिहार में बाबा को जेल में डालने की प्लानिंग थी, पुलिस का प्लान फुस्स हो गया तो बाबा की गाड़ी का चालान काटकर ही पुलिस खुश है, पर न तो पुलिस को पता न ही बिहार सरकार को, सत्ता से चालान काटने का आशीर्वाद बाबा बिहार में जनता को दे आए हैं!