रोहित-धोनी में क्या फर्क है, शमी के चयन की INSIDE STORY सुनकर समझ जाएंगे!
धोनी ने कहा था हम शमी के बिना मैच नहीं खेलेंगे, रोहित न कहा हमें नहीं चाहिए!
दुनिया बोली भारत का वक्त खराब,हीरे को कूड़ा समझा, शमी को न खिलाना बड़ी भूल!

कहते हैं जौहरी को हीरे की पहचान होती है, जिस लगंड़े घोड़े को लोग देखकर कहते हैं वो क्या रेस जिताएगा, धोनी उसी लंगड़े घोड़े पर ही दांव लगाते थे…साल 2015 विश्वकप का सेमीफाइनल मुकाबला था, मोहम्मद शमी को घुटने में चोट लगी थी, शमी का खेलना लगभग नामुमकिन था…हालांकि धोनी ने टीम मैनजमेंट से साफ कहा कि इतना बड़ा मैच हम किसी नए गेंदबाज़ के साथ नहीं खेल पाएंगे, हम शमी के साथ जाएंगे. बेशक ओवर कम देंगे…शमी उस मैच में गए, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले और उस मैच में शमी ने 10 ओवर में 68 रन दिए, कोई विकेट नहीं मिला, दर्द की दवा खाकर मैच खेला, और पूरी देशभक्ति दिखाई, लेकिन आज क्या हो रहा है? रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को लगता है शमी बेकार हैं…अब हम आपको बताते हैं, शमी का जब नाम आया तो रोहित और द्रविड़ ने क्यों कहा कि हमें नहीं चाहिए…

एक अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि बीसीसीआई की बैठक में शमी को टीम में न शामिल करने का फैसला कोच और कप्तान का था. मीटिंग में बीसीसीआई के सारे मेंबर, कोच और कप्तान बैठे हुए थे, तभी एक बीसीसीआई मेंबर ने कहा कि हमें शमी को वर्ल्ड कप की टीम में जगह देना चाहिए, तभी दूसरे सदस्य ने कहा कि शमी को आर अश्विन से रिप्लेस कर देते हैं, लेकिन ये बात कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा को अच्छी नहीं लगी, उन्होंने कहा कि शमी से बेहतर हमारे लिए अश्विन ही हैं.
हर्षल पटेल भी शानदार हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पिच पर अगर हर्षल और मोहम्मद शमी में से किसी एक को चुनना हो तो दुनिया के 99% दिग्गज मोहम्मद शमी को अपनी टीम में रखते, हर्षल पटेल चालाक हैं, लेकिन शमी बहुत तेज गेंद फेंकते, ऑस्ट्रेलिया के पिच पर बाउंस अच्छा मिलता है, और वो आपको विकेट दे सकते थे…हवा में स्विंग कराने की क्षमता शमी में आज भी है, तभी तो गुजरात टाइटंस की तरफ से बॉलिंग करते हुए सबसे ज्यादा विकेट लिए, IPL में कभी थके नहीं, ऐसा लगा वो अभी 10 साल और खेल सकते हैं, फिर क्या धोनी से करीबी होना ही भारी पड़ गया? शमी के बारे में क्यों कहा जा रहा है वो एक बंदा विश्वकप दिला सकता था…शमी में ऐसा क्या है जिसके लिए दुनिया पागल है?
शमी एक ही जगह पर 50 गेंद भी एक साथ फेंक सकते है, हवा में स्विंग है, हार्ड पिच पर उछाल ज्यादा है
गेंदों की लेंथ काफी अच्छी है, जिससे बाउंसर अच्छा होता, विदेशी खिलाड़ी लंबे होते हैं तो आउट नहीं होते हैं
शमी के पास अनुभव है, विश्वकप में प्रेशर होगा और उस वक्त कला नहीं अनुभव ही आपको बचा सकती है
रोहित शर्मा को या तो खुद पर ज्यादा भरोसा है, या शमी जैसे गेंदबाज़ों की क्षमता का अंदाजा उन्हें नहीं है
पूर्व खिलाड़ी श्रीकांत ने कहा शमी का ना होना, हार का संकेत है, हरभजन भी शमी के नाम से चौंक गए हैं
पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो एक बात बहुत गलत हो रही है, पहला जब कोई कप्तान नया आता है तो वो अपनी मनमानी करता है, जैसे विराट आए तो उन्होंने भी कुछ ऐसा किया, रोहित आए तो अब ऐसा ही हो रहा है…कप्तान को जिताने वाला खिलाड़ी नहीं बल्कि ये देखता है कि कौन किसका सगा है, जैसे शमी धोनी के ख़ास हैं तो हम उन्हें नहीं खिलाएंगे…अब सोचिए….ये बात सुनकर आप कहेंगे…मारो मुझे मारो….विश्वकप से पहले ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ मैच होना है. शमी को वहां मौका मिला, लेकिन विश्वकप में क्यों नहीं ? यानि शमी को लॉलीपॉप दिया गया, बेटा खिला तो रहे हैं, बस विश्वकप में नहीं खिलाएंगे…हद तो इस बात की है कि विश्वकप ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है, दुनिया का कोई भी बेवकूफ कप्तान शमी के चार ओवर को मिस नहीं करता फिर रोहित ने क्यों किया ये वो खुद बता सकते हैं? फिलहाल देश तो इतना कहता है, शमी को खिलाना था…ये कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, न ही किसी घर का झगड़ा है, ये देश के सम्मान की बात है, इसलिए मुसलमानों से ज्यादा हिन्दुओं को दुख है कि शमी को क्यों नहीं खिलाया जा रहा है