क्रिकेटर-एक्टर से भी ज्यादा संपत्ति का मालिक है अतीक माफिया!
सचिन तेंदुलकर के पास 1250 करोड़ की संपत्ति, विराट कोहली के पास 1010 करोड़ का माल, धोनी ने पूरी जिंदगी में कमाये 940 करोड़, सौरव गांगुली ने उम्रभर क्रिकेट खेला, बोर्ड में रहे, बिजनेस किया और पिता भी थे अमीर फिर भी कमाई 365 करोड़. फिल्मी एक्टरों में अजय देवगन के पास 295 करोड़ की संपत्ति, ऋतिक रौशन के पास 817 करोड़, अनिल कपूर के पास 134 करोड़, रणवीर सिंह पर 160 करोड़ और रणबीर कपूर के पास 350 करोड़ की संपत्ति, कपूर तो खानदानी अमीर हैं, लेकिन अतीक ना खानदानी अमीर है, ना कोई बिजनेस करता है फिर भी इन सबसे ज्यादा संपत्ति उसके पास है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आने के बाद से अतीक की 1166 करोड़ की संपत्ति तो जब्त कर ली है.

बाहुबली जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले प्रभास की नेटवर्थ 230 करोड़ ही है. केजीएफ के रॉकी भाई भी अतीक के सामने पैसों के माले में कहीं नहीं टिकते.
अजय देवगन की बीवी काजोल और उनकी बेटी के पास जितनी दौलत नहीं है उससे ज्यादा के तो अतीक की पत्नी के पास गहने हैं. उसके पास कई किलो सोना और कई किलो चांदी के जेवरात हैं. हाथ में हीरे की अंगूठी पहनती है.

अतीक कैसे बना यूपी का माफिया
माफिया अतीक के ऊपर 100 से ज्यादा केस हैं और उसे पहली बार अदालत से सजा मिली है. पत्नी और बेटा फरार चल रहे हैं. वकीलों ने भरी अदालत में पीटा है. लेकिन एक वक्त में उसकी तूती बोलती थी. उसने प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक, सरकारी जमीन कहीं नहीं छोड़ी. कोई बड़ा बिजनेसमैन हुआ तो रंगदारी वसूल ली. किसी ने जमीन खरीदी तो हिस्सेदारी मांग ली. नहीं दी तो सरेआम हत्या करवा दी या अपहरण कर लिया. यही अतीक का बिजनेस मॉडल था. सोचिए अतीक के पिता किसी जमाने में तांगा चलाया करते थे.
उसके पास कोई टैलेंट नहीं था, ना उसने पढ़ाई की, वोट बनने से पहले ही जुर्म की दुनिया में कदम रखा और नेताओं तक जा पहुंचा. यूपी में सरकार मायावती की रही या अखिलेश की, अतीक का पैसा बढ़ता चला गया. घर में गाड़ियों की लाइन लगती रही. बच्चा पैदा होने से पहले उसके नाम की गाड़ी आ जाया करती थी. जो नाबालिग बेटे अभी बाल सुधार गृह में हैं वो भी करोड़ों की हमर से चलते थे.
रुआब ऐसा था कि उसकी बड़ी-बड़ी आंखो में कभी कोई देखने की हिम्मत नहीं करता था.

17 साल की उम्र में पहली हत्या और 18 साल की उम्र में पहला अपहरण करने वाला अतीक मुलायम से लेकर अखिलेश और मायावती की सरकार में खूब फलता रहा.
अतीक गवाहों को भी धमका दिया करता था या मरवा दिया करता था तो मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे हर केस में जमानत मिल जाया करती थी. फिर योगी आदित्यनाथ की सरकार आई और 2017 में अदालत ने उसके सारे केसों की जमानत एक साथ रद्द कर दी. यहीं से अतीक के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई.

पहले जब उसे गुजरात की जेल भेजा गया तो बोला मैं नहीं जाऊंगा, पुलिस मार देगी. फिर अब जब गुजरात से यूपी बुलाया तब भी बोला नहीं जाऊंगा पुलिस एनकाउंटर कर देगी. ये डर है योगी राज में गाड़ी पलटने का. तभी जब गुजरात से अतीक को लेकर पुलिस चली थी तो उसका परिवार काफिले के पीछे-पीछे एक कार में चल रहा था. बहनें सुप्रीम कोर्ट बचाने पहुंच गई लेकिन एनकाउंटर नहीं हुआ और अदालत ने माफिया अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई.
जिस माफिया के डर से कभी लोग थर-थर कांपते थे. उसकी अकूत संपत्ति भी गई और रौब भी जमींदोज हो गया. क्योंकि योगी ने पहले ही कहा था, मिट्टी में मिला दूंगा.