जब विराट का बुरा वक्त चल रहा था, जब उनके साथ कोई नहीं खड़ा था, जब बीसीसीआई भी उनके खिलाफ लग रहा था. जब सोशल मीडिया से लेकर जनता तक उन्हें टीम से बाहर करने की बातें कर रहे थे. जब विराट रन नहीं बना पा रहे थे, तब उनके साथ सिर्फ एक खिलाड़ी खड़ा था, वो थे महेंद्र सिंह धोनी. विश्व विजेता धोनी, ये खुद कोहली ने ही बताया था. लेकिन धोनी को क्या पता था कि अपने ही गिराएंगे नशेमन पे बिजलियां. जिसे कोई गैर नहीं झुका पाया उसे तो अपनों ने ही लूट लिया. जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब में बड़ा खुलासा किया है जिससे भारतीय क्रिकेट में भूचालस आ गया है.

आर श्रीधर ने अपनी किताब में 2016 का एक किस्सा लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब धोनी ने टेस्ट की कप्तानी कोहली को दे दी तो व्हाइट बॉल की कप्तानी भी वो हर हाल में जल्दी लेना चाहते थे. श्रीधर ने अपनी किताब में पेज नंबर 42 पर लिखा है कि,

2016 में एक समय आया, जब विराट कोहली टेस्ट के अलावा व्हाइट बॉल टीम के कप्तान बनने के लिए काफी उत्सुक थे. उनकी कई बातों से लग रहा था कि वे इस फॉर्मेट की भी कप्तानी चाहते हैं. इससे धोनी और उनके बीच रिश्ते बिगड़ने लगे थे. विराट की कप्तानी की चाहत साफ नजर आती थी.

जरा सोचिए धोनी को अब ये बात पता चलेगी तो उनके दिल पर क्या बीतेगी. उन्होंने अपने मन से सही वक्त पर कोहली को कप्तानी सौंप दी. सबसे ज्यादा भरोसा उन पर जताया. विराट कोहली का ये उतावलापन देखकर रवि शास्त्री भी खुश नहीं थे. आर श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा कि,

रवि शास्त्री ने विराट कोहली से कहा कि आपको टेस्ट टीम की कप्तानी मिल गई है. अभी धोनी व्हाइट बॉल टीम के कप्तान बने हुए हैं और आपको उनका सम्मान करना चाहिए. सही समय पर आपको धोनी व्हाइट बॉल टीम की कप्तानी भी दे देंगे. अगर आप उनका सम्मान करेंगे, तो जब आप कप्तान बनेंगे तो आपका भी कोई सम्मान नहीं करेगा. आपको कप्तानी के पीछे नहीं भागना चाहिए, आपको कप्तानी एक दिन मिलेगी ही कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी. रवि शास्त्री ने तभी कह दिया था कि आप जैसा करेंगे आपके साथ भी वैसा ही होगा. भले ही धोनी ने ऐसा कभी नहीं सोचा लेकिन जरा सोचिए कि हाल फिलहाल में जो विराट कोहली के साथ हुआ, वो क्या करमा था. आपको याद होगा 2021 टी20 वर्ल्डकप से ठीक पहले कोहली ने टी20 कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद उनसे वनडे की कप्तानी भी छीन ली गई थी और बाद में विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी. क्योंकि विराट कोहली कई साल से शतक नहीं लगा पा रहे थे.
उन्होंने अब सूर्यकुमार यादव के साथ किये एक इंटरव्यू में खुद खुलासा किया है कि मैं ये मानने को तैयार नहीं था कि मैं खराब क्रिकेट खेल रहा हूं. मैं एक तरीके से शैल में चला गया था. बहरहाल बुरा वक्त सबका आता है लेकिन उसके बुरे वक्त में कौन साथ खड़ा रहता है यही सबसे बड़ी बात होती है. विराट के बुरे वक्त में धोनी उनके साथ खड़े थे लेकिन क्या धोनी के साथ विराट खड़े थे. ये श्रीधर की किताब खुलासा कर रही है. कौन गलत और कौन सही ये फैसला अब जनता को करना है.