हर हार के बाद ईवीएम पर हल्ला तय है, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड चुनाव के बाद भी यही होने वाला था, कांग्रेस ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय पार्टियां भी इस तैयारी में थीं कि हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहेंगे ईवीएम ने हरवाया, पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने उनकी तैयारी ही फेल कर दी, अब 2024 में चुनाव होंगे तब भी कोई ये नहीं कह पाएगा कि ईवीएम या वोटिंग में ग़ड़बड़ी की वजह से हारे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति जो अब तक सिर्फ केन्द्र सरकार करती थी, अब उन्हें सीबीआई डायरेक्टर की तर्ज पर नियुक्त किया जाएगा, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई का पैनल राष्ट्रपति को नाम भेजेगा उसके बाद राष्ट्रपति मंजूरी देंगे.

इसका मतलब ये हुआ कि चुनाव करवाने वाले सबसे बड़े अधिकारी विपक्ष की सहमति से भी चुने जाएंगे, उसके बाद भी अगर कोई नेता ये कहे कि चुनाव आयोग हमारी नहीं सुन रहा, तो फिर ये तर्कसंगत नहीं लगता, इधर ये फैसला जैसे ही आया, उधर त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के चुनावी नतीजे भी घोषित हो गए.
60 सीटों वाली त्रिपुरा विधानसभा में बीजेपी को 34 सीटें मिलीं, माणिक साहा दोबारा सीएम बनेंगे
60 सीटों वाली नागालैंड विधानसभा में बीजेपी गठबंधन को 39 सीटें मिलीं, नेफ्यू रियो दोबारा सीएम बनेंगे
जबकि 60 सीटों वाली मेघालय विधानसभा में बीजेपी गठबंधन बहुमत से दूर है, यानि हंग असेंबली होगी

हालांकि इतना जरूर है कि बीजेपी गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश करेगी, ऐसा कहा जा रहा है कि मेघालय बीजेपी चीफ अर्नेस्ट मावरी ने जैसे ही कहा कि यहां बीफ पर कोई प्रतिबंध नहीं, मैं भी बीफ खाता हूं, तो ये बयान पार्टी के खिलाफ चला जाएगा, जिसका असर चुनाव नतीजों में दिखा, मेघालय में अभी कोनराड संगमा की सरकार है और वो दावा ठोंक रहे हैं कि सरकार हम ही नबाएंगे, पर सियासत में कब कैसे गेम पलट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता, तो फिर सवाल ये है कि नॉर्थ ईस्ट का गेम पीएम मोदी ने पलटा कैसे.

ये तीन तस्वीरें देखिए, पहली तस्वीर शिलॉन्ग की है, जिसमें पीएम मोदी वहीं की वेशभूषा में दिख रहे हैं, और वहां के लोगों से फुटबॉल की भाषा में कहते हैं जैसे फुटबॉल के खेल में खिलाड़ी जब खेल भावना के खिलाफ जाता है तो उसे रेड कार्ड दिखाया जाता है, ऐसे ही यहां के विकास में बाधा बनने वालों को हम रेड कार्ड दिखा रहे हैं,

जबकि दूसरी तस्वीर पीएम मोदी के नागालैंड दौरे की है, जिसमें वो पारंपरिक वेशभूषा पहने लोगों से कहते हैं कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों को एटीएम की तरह समझा, जनता तक न योजनाएं पहुंची, न पैसा, जबकि हम इन्हें अष्टलक्ष्मी मानते हैं, पीएम मोदी का ये बयान लोगों की दिमाग में ऐसा घुसा कि कहानी ही पलट गई, जबकि तीसरी तस्वीर मेघालय दौरे की है, जहां पीएम मोदी ने लोगों से कहा आपका एक-एक वोट अनमोल है, त्रिपुरा पर मां त्रिपुर सुंदरी का आशीर्वीद है.

सियासत में ये एक बात बड़ी काम आती है कि आप जहां जाएं वहीं की बात करें, जहां जरूरत हो वहीं विपक्ष पर निशाना साधें, लोगों को अब सवाल उठाने वाले नहीं, विकास करने वाले पसंद आते हैं, अमित शाह ने जिस कदर गृह मंत्री रहते नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में शांति बहाली की कई कोशिशें की, उसका भी फायदा इस चुनाव में बीजेपी को भरपूर मिला, बाकी वामपंथियों को जिस भाषा में जवाब सीएम योगी ने दिया उसकी चर्चा भी त्रिपुरा से लेकर मेघालय तक खूब हुई, जो लोग ये नारे लगा रहे थे कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी, उन्हें इन राज्यों की जनता ने ये बता दिया कि मोदी तेरा कमल खिलेगा, ऐसा बयान खुद पीएम मोदी ने भी दिया, इसीलिए ये भी कहा जा रहा है कि चुनावी नतीजों से पहले राहुल गांधी लंदन चले गए और विपक्ष को 2024 चुनाव से पहले इतना बड़ा झटका लगा कि अब अपना इलेक्शन प्लान बदलना होगा, फारुख अब्दुल्ला ये कहते हैं कि पीएम बाद में तय करना पहले चुनाव जीतो, नीतीश कहते हैं गठबंधन बनाओ, पर कांग्रेस लगता है फिर से निश्चिंत मोड में है,जिसका खामियाजा शायद उसे 2024 चुनाव में उठाना पड़े, क्योंकि चुनाव जीतना है तो मोदी-शाह की तरह दिन-रात मेहनत करना होगा, जनता के दिल में उतरना होगा.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी