अगर योगी पीएम होते तो क्या करते इसपर आए उससे पहले समझिए, अगर आपके सामने कोई हादसा हो जाएगा तो क्या आप ये कहेंगे कि मैं आता हूं कपड़े बदलकर, तैयार होकर, ताकि इवेंट बनाया जा सकें? या आप तुरंत जिस हालात में होंगे मदद के लिए हाथ बढ़ाएंगे? क्या मोदी से ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल हो गई है? जिस मोरबी की जनता ने चाय बेचने वाले, फटा पुराना कपड़ा पहनने वाले, दूसरों के घर में बर्तन धोने वाली मां के बेटे को पीएम बनाया क्या वो तैयार होकर उनका दर्द बांटने जाएगा? यही सवाल उठता है अगर योगी PM होते या गुजरात के सीएम होते या ये हादसा यूपी में हुआ होता तो अब तक क्या-क्या हो चुका होता, हमने रिसर्च करके एक लिस्ट बनाई है अगर आप सहमत होंगे तभी शेयर करिएगा. हम आपको बताएं कि योगी होते तो क्या होता उससे पहले सुनिए योगी ऐसे केस में करते है क्या हैं?

कुछ दिन पहले लखनऊ के एक होटल में आग लगी, कई लोगों की मौत हुई, आग सुबह लगी, दोपहर तक योगी अस्तपाल में थे, पीड़ितों से मुलाकात की, आदेश दिया बुलडोजर चलेगा, मालिकों के ख़िलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई, बैठक की, फिर आदेश दिया कोई बचना नहीं चाहिए, जो हादसा हो गया, वो हो गया पर उसे रोका कैसे जाए, दूसरी बार न हो इसके लिए क्या किया जाए ये इंपॉर्टेंट है. नतीजा आज हिन्दुत्व के नाम पर नहीं योगी को काम के नाम पर जनता पसंद करती है. लखनऊ के होटल अग्निकांड में चार की मौत हुई जबकि गुजरात में 140 से ज्यादा पर मोदी के पहुंचने से पहले अस्पताल का रंग रोगन किया गया जो ग़लत है.

कानपुर में श्रद्धालुओं से भरा ट्रैक्टर पलट गया था, जिसमें 20 से ज्यादा की मौत हुई तो योगी दूसरे दिन ही पहुंच गए, यानि नो इवेंट, नो मैनेजमेंट, और आदेश दिया कि अब ट्रॉली या माल ढोने वाली किसी गाड़ी में सवारी को बैठाया तो 10 हज़ार जुर्माना और जेल दोनों होगी. घटना के बाद लोग रहे थे पर योगी के कदम से उन्हें भरोसा हुआ.
गोरखपुर अस्पताल में ऑक्सीज़न खत्म होने से कई बच्चों की मौत हो गई थी, योगी तुरंत पहुंचे, विरोधी सियासत में व्यस्त थे पर योगी मैदान में डटे थे, फिरोज़ाबाद में तेज़ दिमागी बुखार से मौत के कई केस आए तो पिछले साल योगी तुरंत पहुंचे, कहते हैं ये इलाका सपा का गढ़ था, पर अखिलेश यादव नहीं गए थे, कोरोना के दौरान और कोरोना के बाद योगी लगभग हर ज़िले में गए और देखा

अगर गुजरात में योगी होते तो घड़ी बनाने वाली कंपनी का मालिक जेल में होता, जिस अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी को ठेका दिया गया था वो अब तक ब्लैक लिस्टेड हो चुका होता. मालिक के घर बुलडोजर चल रहा होता और योगी कई बार जा चुके होते, न सिर्फ अस्पताल में जाते बल्कि ऑपरेशन जहां चल रहा था, जहां लोगों को बचाया जा रहा था वहां भी जाते ?
GFX IN दोनों साइड लगाना है…पहले योगी को लगाएंगे फिर मोदी को लगाएंगे
योगी घटना के तुरंत बाद जाते हैं, अपनी हर कोशिश करते हैं तुरंत मदद पहुंचाएं
मोदी के जाने से पहले तैयारी होती है, गुजरात में चुनाव न होता तो शायद जाते भी नहीं!
योगी घटना पर सिर्फ दुख नहीं जताते हैं बल्कि नाप देते हैं, कोई भी हो बुलडोजर चलवाते हैं
मोदी अक्सर इस मामले में चूक जाते हैं बिहार में दिमागी बुखार से मौत पर ट्विट तक नहीं किया
यूपी में लखीमपुर कांड हुआ तो सीएम योगी आधी रात तक बैठक करते रहे, सुबह 4 बजे सोए
मोदी PM हैं पर वो एक्शन नहीं ले पाते हैं जो योगी लेते हैं, सिर्फ संवेदना से ही काम नहीं चलेगा
योगी अपना पराया, फायदा नुकसान कुछ नहीं देखते हैं, अपना कर्म निभाने की कोशिश करते हैं
मोदी की टीम फायदा नुकसान सबकुछ देखती है, इवेंट बनाने की कोशिश करती है जो गलत है

मोरबी में जिन लोगों ने तबाही मचाई क्या उन्हें छोड़ना चाहिए ? किसी पुल के टेंडर में सरकारी कर्मचारी, नेता विधायक, पार्षद और ठेकेदारों पर मोदी को अब तक क्या एक्शन लेना चाहिए था? गुजरात में जो हुआ उसपर देश को चिंता है, जीते जी तो सियासत होती है पर मौत के बाद इवेंट तो नहीं बनाना चाहिए.. राहुल गांधी से पूछा गया आप क्या कहते हैं, तो राहुल ने कहा हम सियासत नहीं करेंगे, आम इंसान की मौत हुई है और ये वीडियो वायरल हो गया. इसलिए आप मोदी के भक्त है, या समर्थक, या दीवानगी में पागल हो सकते है, पर दूसरों का घर उजड़ा है तो हंसिए मत, सवाल पूछिए इवेंट क्यों बनाया गया, योगी की तरह एक्शन क्यों नहीं लिया गया?