ये तस्वीर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के पास की है, जैसे ही पुलिस ने अनाउंसमेंट शुरू की, ये इलाका खाली कर दीजिए, वरना हम बुलडोजर चलाएंगे, लोग हैरान हो गए, कई लोगों को लगा कि हाईअलर्ट पर रहने वाले मथुरा मंदिर के आसपास ऐसी क्या अवैध गतिविधि हो रही है कि सुबह-सुबह 500 जवान पहुंच गए, या फिर मंदिर के आसपास के इलाकों को प्लानिंग के तहत खाली करवाया जा रहा है, वो भी दर्जन भर बुलडोजर के साथ. एक तरफ इन जवानों का काफिला आगे बढ़ रहा था, दूसरी तरफ याकूब की धड़कनें तेज हुई जा रही थी, अब ये याकूब कौन है, पहले वो समझ लीजिए ताकि कार्रवाई क्यों हुई ये समझने में आसानी होगी

दरअसल श्रीकृष्ण जन्मभूमि से अमरनाथ विद्या आश्रम तक करीब 150-200 मकान बने हुए हैं, अगर आप मथुरा गए होंगे तो देखा होगा रेलवे लाइन के दोनों ओर ये बस्तियां बसी हुई हैं, और याकूब इन्हीं बस्तियों मे रहने वालों का रहनुमा है. इसीलिए जब इधर सरकार ने बुलडोजर भेजने का फैसला लिया तो याकूब बुलडोजर के आगे खड़ा हो गया और कहा हमने जज साहब से गुहार लगाई है, हमें बचा लीजिए, 21 अगस्त तक आपलोग रुक जाइए. लेकिन योगी की पुलिस ने साफ-साफ कह दिया हमें ये जमीन खाली करवाकर रेलवे को देना है.

अब सवाल है कि रेलवे को ये जमीन क्यों चाहिए, क्या रेलवे मथुरा में बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है, तो वो भी सुन लीजिए. रेलवे के अधिकारी कह रहे हैं कि इन बस्तियों को हटाकर हम मीटर गेज से ब्रॉड गेज में रेलवे लाइन को बदलेंगे. मीटर गेज का मतलब ये होता है कि पटरियों के बीच की दूरी 1 मीटर होती है, लेकिन ब्रॉड गेज में यही दूरी 1.676 मीटर हो जाती है, यानि पटरियां चौड़ी हो जाती हैं तो बड़ी और रफ्तार वाली ट्रेनें भी आसानी से चल जाती हैं. मतलब हो सकता है मथुरा में बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी हो. लेकिन कई लोगों का मानना है कि ये कार्रवाई एक प्लानिंग के तहत हो रही है, अब वो प्लानिंग क्या हो सकती है वो भी सुन लीजिए.

बीजेपी के एजेंडे में हमेशा से अयोध्या, मथुरा और काशी रहा है, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, काशी में ज्ञानवापी का केस कोर्ट में है, सर्वे हो रहा है, जबकि मथुरा वाला मामला ठंडा पड़ा है.
मथुरा का मामला भी कोर्ट में है, लेकिन चुनावी दौर में इस मुद्दे को हवा देने के लिए एक प्लानिंग के तहत बुलडोजर वाली कार्रवाई की गई होगी, लेकिन ये सिर्फ दावे हो सकते हैं.
क्योंकि जब भी कहीं बुलडोजर चलता है और खासकर रेलवे की जमीन पर तो उसमें सिर्फ सरकार की सहमति नहीं होती, बल्कि रेलवे बकायदा नोटिस जारी करती है, फिर जीआरपी की मदद लेती है और उसके बाद सरकार से भी सहयोग मांगती है, चूकि योगी सरकार का रूख शुरू से ही अतिक्रमण के खिलाफ रहा है, इसलिए उनकी हर बुलडोजर वाली कार्रवाई की चर्चा तेज हो जाती है, मथुरा और वृंदावन के इलाकों में रोहिंग्याओं के रहने की ख़बरें भी सामने आती रहती है, अब चूंकि हरियाणा के मेवात में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को आगे कर बहुत बड़ी घटना को अंजाम दिया जा चुका है तो योगी सरकार भी ऐसे किसी भी साजिश का पर्दाफाश समय से पहले करना चाहती है. आपको याद होगा जब भी कोई रिपोर्ट आती है, यूपी के कई जिले उसमें अलर्ट पर होते हैं और मथुरा एक संवेदनशील एरिया है, इसलिए यहां अवैध अतिक्रमण मतलब कई तरह का खतरा हो सकता है, अब योगी की इस कार्रवाई पर आप क्या कहेंगे, कमेंट में जरूर बताएं, क्या आप बुलडोजर के साथ हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी