21 दिन पहले जब सीएम योगी अपने मंत्रियों के साथ बैठकर मोटे अनाज से बना पकवान खा रहे थे, यूपी में निवेश का प्लान बना रहे थे, तभी उनके पास एक ऐसा फोन आया, जिसे सुनते ही उनका पारा हाई हो गया, अगले ही दिन डीआईजी तलब हो गए और उनसे पूछा गया कि आपके रहते ये कैसे होने लगा, जब सही जवाब नहीं मिला तो वो हुआ जिसका अंदाजा किसी को नहीं था, सीधा डीआईजी से डिमोट कर साहब को एसएसपी बना दिया गया. ये तस्वीर उन्हीं साहब की है, जिनका नाम है शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय, इन्हें योगी सरकार ने डीआईजी जेल बनाया था, लेकिन इनके कारनामे ऐसे थे कि डिमोशन करना पड़ा. शैलेन्द्र कुमार मैत्रेयी को मथुरा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के पद से सीधा डीआईजी जेल बना दिया गया था. पर साल 2007 में जेल में नेताजी को पार्टी करवाना इनके लिए महंगा पड़ गया.

साल 2007 में जब शैलेन्द्र बस्ती के जेल अधीक्षक थे, तब सपा जिलाध्यक्ष रामृवक्ष यादव ने जेल में पार्टी की और केक काटा, जिसमें शैलेन्द्र दोषी पाए गए, सजा के तौर पर तीन बार वेतन नहीं बढ़ा, बाद में कमेटी बनी, उसके बाद शाइन सिटी से जुड़े धोखाधड़ी में भी इनका नाम आया, सालों जांच के बाद भी इन्हें डीआईजी जेल बनाया गया तब सवाल उठे और अब जांच के बाद ये कहा गया कि जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए ये कार्रवाई की है.

मतलब इनका इतिहास दागदार रहा है, हालांकि जांच के बाद ही सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा, पर डीआईजी जेल के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को चित्रकूट जेल में अब्बास अंसारी के ऐशो-आराम से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें डिप्टी जेलर तक को अरेस्ट कर लिया गया है, उसमें अधिकारियों की मिलीभगत ऐसी थी कि पूरा जेल ही अब्बास के इशारे पर चलने लगा था और ये बात जब योगी तक पहुंची तो उन्होंने लगातार कड़े एक्शन लिए, पहले अब्बास का जेल बदला, फिर डिप्टी जेलर जेल गईं और फिर उसके भाइयों के घर पर आज बुलडोजर चल गया. पर ये कार्रवाई सिर्फ इतने पर नहीं रुकने वाली है, अब आगे सुनिए मार्च-अप्रैल की गर्मी में कैसे वर्दी का रौब दिखाने वाले कुछ लोगों की वर्दी भी उतर सकती है.
23 फरवरी को सबसे पहले 15 आईपीएस और 8 आईएएस अधिकारियों का तबादला हुआ
उसके बाद 3 मार्च को 3 IPS अफसर के तबादले हुए,अपर्णा गुप्ता को महोबा भेजा गया है
बरेली से लेकर वाराणसी तक अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं,नई लिस्ट बन रही है
कुछ ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तैयार हो रही है, जो ड्यूटी में लापरवाही बरत रहे हैं

अगर आपकी भी कोई दारोगा नहीं सुन रहे या साहब शिकायत नहीं ले रहे तो सीधा सीएम योगी से शिकायत कीजिए, ताकि लापरवाह अधिकारियों की लिस्ट में आपके जिले का निकम्मा अधिकारी भी शामिल हो और उस पर गाज गिरे. क्योंकि सीएम योगी का फोकस फिलहाल यूपी के माफियाओं को मिट्टी में मिलाने पर है और ये तभी हो पाएगा जब अधिकारी मुस्तैद हों, ईमानदारी से काम करें, किसी कैदी की जी हुजूरी न करें, बल्कि उसके साथ सख्ती से पेश आएं क्योंकि कैदियों में खाकी का खौफ होना ठीक वैसे ही जरूरी है जैसे बुलडोजर का खौफ माफियाओं में अब भर चुका है, हालत ये है कि प्रयागराज केस के एक आरोपी अरमान ने यूपी की बजाय बिहार के सासाराम कोर्ट में सरेंडर किया है, ताकि बाबा के बुलडोजर के खौफ से बच जाए.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी