कोका कोला (Coca cola) थमसअप (thums up) और पेप्सी (Pepsi) हर दिन महंगी होती जा रही थी और टेस्ट भी पहले जैसा नहीं रहा था. लेकिन अब इनकी मोनोपली खत्म होने वाली है. जो पहले भी हो चुका है, 80 के दशक में कैंपा कोला ने कोका कोला को देश से बाहर का रास्ता दिखाया था फिर 90 के दशक में कोका कोला ने वापसी की और कैंपा कोला के पतन की शुरुआत हो गई. अब कैंपा कोला एक बार फिर नए अवतार में बाजार में उतर आई है और इसको कामयाब बनाने की कमान एशिया के सबसे अमीर इंसान ने थामी है. जिस तरह टाटा ने गाड़ियों में विदेशी कंपनियों की मोनपली खत्म की, उसी तरह का प्लान मुकेश अंबानी के पास भी है. वो भी विदेशी कंपनियों का भारतीय बाजार में एकाधिकार खत्म करने वाले हैं. हालांकि उनसे पहले कई भारतीय कंपनियों ने अपनी कोल्ड ड्रिंक निकाली लेकिन कोई बहुत ज्यादा कामयाब नहीं हो सकी. पर मुकेश अंबानी ने कैंपा कोला को खरीदा है. जिसे पेप्सी और कोका कोला से 33 फीसदी कम दामों में और नए फ्लेवर में बाजार में उतार दिया है. जिसके फौरन बाद कोका कोला ने अपने रेट कम कर दिये हैं.

सॉफ्ट ड्रिंक (soft drink) को लेकर बाजार में छिड़ी बहस
तो क्या कोल्ड ड्रिंक बाजार का हाल भी नेटवर्क बाजार के जैसा होगा, और कैंपा कोला जियो साबित होगी. हालांकि कैंपा कोला और कोका कोला में लड़ाई पहली बार नहीं हो रही है.
अब ये बाजार 74 हजार करोड़ का हो गया है. जिसमें प्राइस वॉर छिड़ गई है. रिलायंस ने 2022 में मात्र 22 करोड़ रुपये देकर 50 साल पुराना कैंपा कोला ब्रांड खरीदा था. जो बाजार से गायब हो चुका था, लेकिन आज भी उन लोगों को टेस्ट याद है जो 90 के दशक में पैदा हो चुके थे. कैंपा के डर से कोका कोला ने अपनी 15 रुपये वाली बोतल 10 रुपये की कर दी है. इसके अलावा विक्रेताओं से क्रेट के लिए लिया जाने वाला डिपोजिट भी अब नहीं लिया जाएगा.

कैंपा कोला (Campa cola market) की बाजार में जोरदार वापसी
1949 से 1970 तक कोका कोला इकलौता सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड भारत में होता था. उसके बाद द ग्रेट इंडियन टेस्ट, टैगलाइन के साथ कैंपा कोला ने भारतीय बाजार में दस्तक दी और कोका कोला को मार्केट से बाहर कर दिया लेकिन 90 के दशक में फिर से कोका कोला ने वापसी की और कैंपा कोला को मार्केट से बाहर कर दिया अब फिर से कैंपा कोला बाजार में वापस आ गया है तो क्या कोका कोला को भारत छोड़कर जाना होगा. ये तो वक्त बताएगा लेकिन कोल्ड ड्रिंक का बाजार भारत में कितना बड़ा है. इसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते.
मौजूदा वक्त में हर साल भारत में करीब 74 हजार करोड़ यानी 9 बिलियन डॉलर का बिजनेस सॉफ्ट ड्रिंक्स कंपनियां करती हैं. जो 2030 तक 17 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

कोका कोला और पेप्सी की भारतीय बाजार में मोनोपली हो गई थी. क्योंकि इन दोनों ही कंपनियों की सॉफ्ट ड्रिंक के बाजार में करीब 90 फीसदी हिस्सेदारी है. नेल्सन के आंकड़ो के मुताबिक कोका कोला की भारतीय बाजार में 56.7 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि पेप्सी की 34.31 प्रतिशत हिस्सेदारी सॉफ्ट ड्रिंक के बाजार में है.
सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में मुकेश अंबानी ने रखा कदम
तो बताइए बाकी कंपनियों के लिए जगह ही कहां बची है. लेकिन मुकेश अंबानी जानते हैं कि बाजार में कैसे जगह बनानी है और फिर वहां जमना है. जियो ने ये करके दिखाया है. इससे पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को भी बल मिलेगा. वैसे भारत की कंपनियां अब सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपने पैर पसार रही हैं. बजाज और होंडा का अफ्रीकी देशों में बड़ा कारोबार है. अडानी भी विदेशों में कई कंपनियां चलाते हैं और टाटा ने देश का बाजार संभाल रखा है.
ब्यूरो रिपोर्ट न्यूज फ्लैश