मेन गेट पर हथियारबंद जवान सुरक्षा में मुस्तैद थे, अंदर सैकड़ों पुलिसकर्मी खड़े थे, कोई नहा रहा था, कोई ड्यूटी पर था, कोई वर्दी पहन रहा था, कोई यूं ही इधर-उधर टहल रहा था, उनकी आंखों के सामने एक 300 किलो का तोप रखा था, जो आज से नहीं बल्कि कई सालों से था, इस तोप की खासियत यही थी कि ये काफी पुराना था और इसे चोरों की नजर से बचाकर रखना था, लेकिन अगले कुछ घंटे में ही वहां से तोप गायब हो जाता है, अब तोप कोई कम वजन का तो था नहीं, उसका वजन था 300 किलो, यानि तीन क्विंटल, इसलिए उसे ऐसे ही नहीं ले जाया होगा, या तो पांच-6 लोगों ने मिलकर उस तोप का उठाया होगा, या कोई बड़ी गाड़ी आई होगी, जिसमें रखकर इसे ले जाया गया होगा. फिर सवाल ये है कि इन जवानों के सामने से तोप कैसे गायब हुआ, जिस बटालियन के सामने ये तोप गायब हुआ उसका इतिहास आप सुनेंगे तो कहेंगे चोरी तो छोड़िए कोई दुश्मन उनसे आंख मिलाने की भी हिम्मत नहीं कर पाता, ये जवान कभी संवेदनशील सीमाओं की सुरक्षा करते थे. कहते हैं
हथियारबंद जवान सुरक्षा में मुस्तैद लेकिन तोप चोरी हो गई

एसएसबी यानि सीमा सुरक्षा बल का जब गठन नहीं हुआ था, तब पंजाब सशस्त्र पुलिस के जवान ही सीमा पर ड्यूटी करते थे, इनकी 8 बटालियन पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर हैं, जिनमें से 82वीं बटालियन जिसका मुख्यालय चंडीगढ़ में है उसका काम सीएम समेत कई वीवीआईपी की सुरक्षा करना है.

अब पंजाब जैसे प्रदेश में जो एक संवेनदशील राज्य है, जहां की सीमाएं पाकिस्तान से लगती है, लॉरेंस से लेकर कई तरह के गैंगस्टर अपना गढ़ बनाए हुए हैं, वहां वीवीआईपी की सुरक्षा पुलिस के लिए कितनी बड़ी चुनौती है आप समझ सकते हैं, ऐसे में इस बटालियन के जवान काफी जोशीले और फुर्तीले होते हैं, तो इनके आंखों के सामने से कोई तोप कैसे गायब कर गया. तीन फीट लंबा और तीन क्विंटल के इस तोप को लेकर बटालियन के कमांडेंट पीपीएस बलविंदर सिंह का कहना है कि
ये तोप आजादी से भी पहले की थी, सेक्टर-3 थाना पुलिस में हमने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. उसमें लिखा है जीओ मेस के मुख्य गेट पर हेरिटेज तोप रखा हुआ था, 5/6 मई की रात को अज्ञात आरोपित ने वारदात को अंजाम दिया है. इसकी सूचना मिलने के बाद अपने स्तर से जांच की गई, इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस अधिकारी को दी.
हालांकि हैरानी की बात ये है कि अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, 25 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे जिस एरिया में ऐसी घटना हुई है, वो सेक्टर-1 वीवीआईपी एरिया है, यहां पर पंजाब और हरियाणा सचिवालय भवन भी है, ऐसे में पुलिस अपने ही घर में अगर कोई ऐतिहासिक धरोहर नहीं बचा पा रही है तो बाकी चीजों की सुरक्षा का क्या होगा. आप इस पर क्या कहेंगे कमेंट में बता सकते हैं, क्योंकि पंजाब हो चाहे हरियाणा या फिर देश का कोई और राज्य वहां की जो स्पेशल पुलिस होती है, उसकी ड्यूटी ही यही होती है कि मुश्किल वक्त में प्रदेश की सुरक्षा का ख्याल रख सके.