केजरीवाल ने अपने बंगले में कितना रुपया खर्च किया है, कहां-कहां से क्या-क्या मंगवाया है, इसकी पूरी रिपोर्ट केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास पहुंच चुकी है. जिसके आधार पर अमित शाह ने भरी संसद में ये कह दिया बंगले वाले भ्रष्टाचार की जांच होगी. पहले सुनिए कि अमित शाह ने संसद में क्या कहा, फिर बताते हैं उस रिपोर्ट में क्या-क्या लिखा है और अमित शाह के पास रिपोर्ट कैसे पहुंची.
अमित शाह के पास पहुंची केजरीवाल के बंगले की रिपोर्ट

समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है.
अब सवाल है कि केन्द्रीय गृहमंत्री ने इतनी बड़ी बात संसद में क्या किसी बिना रिपोर्ट के कह दी है, तो ऐसा नहीं है. शाह के इस बयान से ठीक पहले विजिलेंस डिपार्मेंट ने उपराज्यपाल को एक रिपोर्ट सौंपी थी, वहीं रिपोर्ट बाद में अमित शाह तक पहुंची होगी. जिसमें लिखा है

साल 2020 में तत्कालीन PWD मंत्री सत्येन्द्र जैन ने केजरीवाल के बंगले में बदलाव का प्रस्ताव रखा था. में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों के लायक डाइनिंग रूम बनना था. उसी बंगले में दूसरी मंजिल बनने का भी प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन सवाल ये उठा कि ये बंगला 80 साल पुराना है, इसलिए इसी परिसर में मजबूत नींव के साथ नया बंगला तैयार करना होगा. पहले प्रस्ताव पास हुआ और वित्त मंत्री सिसोदिया ने बजट जारी किया और 33.49 करोड़ रुपये में केजरीवाल का बंगला बनकर तैयार हुआ. बाकी के 19.22 करोड़ रुपये केजरीवाल के ऑफिस पर खर्च हुए, इन दोनों को मिला दें तो कुल रकम होती है 52 करोड़ 71 लाख.
केजरीवाल का शीशमहल

ये रिपोर्ट पढ़ने के बाद एलजी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से कैग ऑडिट की सिफारिश की, और कैग की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है, लेकिन अमित शाह ने संसद में जिस हिसाब से कहा कि केजरीवाल का मकसद बंगले के भ्रष्टाचार को छिपाना है वो यही बताता है कि अमित शाह के पास केजरीवाल के बंगले की पाई-पाई का हिसाब पहुंचा है, अब सवाल है कि जो अरविंद केजरीवाल खुद को आम आदमी बताते नहीं थकते, कहते हैं मैं मोदीजी से ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेकर आया हूं, क्या 9 साल के सियासत में ही उनकी नियत बदल गई. ऐसा नहीं है कि केजरीवाल सरकार के खिलाफ ये कोई पहला आरोप है.
केजरीवाल के मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ ईडी ने कितनी मुश्किल से कई सबूत जुटाए वो सबने देखा
केजरीवाल के मंत्री मनीष सिसोदिया पर लगे आबकारी घोटाले के बाद आप नेताओं ने कितने आरोप लगाए
लेकिन जांच एजेंसी ने ऐसे-ऐसे सबूत पेश किए कि मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल से अब तक नहीं निकल पाए
अब बाद में ये दोनों मंत्री 2जी घोटाले के आरोपियों की तरह निर्दोष साबित होकर बरी होंगे या लालू यादव की तरह सजा होगी, ये कोई नहीं जानता, लेकिन फिलहाल जनता के बीच केजरीवाल की कट्टर ईमानदार छवि को धक्का जरूर लग रहा है, और चुनावी दौर में केजरीवाल इस बात का मतलब अच्छी तरह जानते हैं, इसीलिए इसके खिलाफ एक अलग रणनीति तैयार करने में जुटे होंगे, हालांकि सियासत को छोड़कर केजरीवाल को दिल्ली की जनता के सामने ये रिपोर्ट जरूर रखना चाहिए कि बंगले में कितना लगा, पैसा कहां से आया और भ्रष्टाचार के आरोप कितने सच्चे या झूठे हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी