कहते हैं मेहनत इतनी ख़ामोशी से करो कि सफलता का शोर दुनिया को खुद सुनाई दे जाए…योगी आदित्यनाथ कौन हैं? उनमें ऐसा क्या है कि पूरी बीजेपी उनके सामने नतमस्तक है! मध्यप्रदेश में बवाल हुआ तो वहां योगी मॉडल लागू किया गया, अब हरियाणा सरकार जब थक-हार गई तो मीडिया के सामने आकर कहना पड़ा साहब हम भी अब योगी की तरह ही एक्शन लेंगे! पूरे देश में योगी मॉडल को मेवात में लागू करने की मांग की जा रही है! सोशल मीडिया पर योगी के रिकॉर्ड गिनाए जा रहे हैं, हरियाणा सरकार को इस बात का जब आभास हुआ कि अब बवाल सिर्फ बुलडोजर ही रोक सकता है तो उसे स्वीकारने में वक्त नहीं गंवाया.

यानि अब मेवात और गुरुग्राम के हर उस इलाके में बुलडोजर गरजने वाला है, जहां बवाल हुआ. मुंह में रुमाल बांधे जो लोग घर, मकान और दुकान तोड़ने पर तुले हुए थे, गाड़ियों को राख में बदलने में मिनट भी नहीं लगा रहे थे, अब पुलिस उनसे वसूली की तैयारी में है, और ये सब हम नहीं कह रहे बल्कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.
अब सवाल है कि 48 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि मनोहर लाल खट्टर को मीडिया के सामने आकर योगी आदित्यनाथ की तरह बोलना ही पड़ा? क्या बीजेपी के दिल्ली नेताओ का दबाव था? क्या अमित शाह या मोदी ने खट्टर की क्लास लगाई थी ? क्या कहानी में कोई और रंग है जो समझना ज़रूरी है? हरियाणा up का पड़ोसी राज्य है, योगी के कारण यूपी के अपराधी और माफिया हरियाणा में शरण लेते रहे हैं, कभी ये बात वहां के सीएम समझ नहीं पाए…दिल्ली से लेकर हरियाणा तक योगी मॉडल की मांग की जा रही थी, मुहर्रम तो यूपी में भी था, हरियाणा से ज्यादा संवेदनशील यूपी है लेकिन वहां कुछ क्यों नहीं हुआ? क्योंकि जिस दिन बाकी राज्यों के सीएम आराम से कुर्सी पर बैठे थे उस दिन योगी बुलडोजर वाली नज़र से मेहनत कर रहे थे, यही कारण है कि हरियाणा सरकार को हारकर योगी मॉडल लागू करना ही पड़ा. क्या योगी आदित्यनाथ की परछाई का असर बीजेपी में इतना है कि अब उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है! दिल्ली में बैठकों के दौर के बाद हरियाणा में योगी के नाम का जो डंका बजा वो बताता है कि योगी का कद क्या है ? यहां मनोहर लाल ने योगी वाला मॉडल लागू करने की तैयारी की तो योगी की वाह-वाही होने लगी, लेकिन कहते हैं नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत पड़ती है. और मनोहर लाल वो अक्ल लगाना ही भूल गए,
मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया से कहा

पुलिस सबकी सुरक्षा नहीं कर सकती, ढाई करोड़ आबादी में 60 हजार पुलिस है, हर किसी की सुरक्षा संभव नहीं,
अब सवाल है कि योगी 20 करोड़ आबादी वाला जिला संभाल रहे हैं, उन्होंने तो कभी ऐसी बात नहीं की, देश हो या प्रदेश हर जगह पुलिस और सेना की संख्या कम ही होती है, क्या हर इंसान के पीछे मनोहर लाल को पुलिस चाहिए, ये वो वाली बात हो गई कि आप अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा नहीं पाए और फिर कमियां गिनवाने लगे, सोशल मीडिया तो अब तक यही कहता था कि ये काम केजरीवाल का है, फिर मनोहर लाल ने ये कहां से सीख लिया, मनोहर लाल के इस बयान के बाद से लोग ये तक कहने लगे हैं कि योगी आदित्यनाथ से जब इन्होंने बुलडोजर मॉडल पर राय मांगी तो ये भी पूछ लेते कि मीडिया में जाकर क्या कहना है.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी