ये आंकड़े और काम पहुचाएंगे योगी को पीएम की कुर्सी तक
योगी आदित्यनाथ के विरोधियों ने उनकी ऐसी इमेज बनाई है कि वो बुलडोजर और एनकाउंटर जैसी कार्रवाई से पब्लिक को खुश करके सरकार में वापस आए हैं और धर्म के सहारे अपनी सरकार चला रहे हैं. या फिर योगी आदित्यनाथ जनहित के लिए भी कुछ और काम कर रहे हैं. जिसकी वजह से जनता ने उन्हें दोबारा सरकार दी और उसी के सहारे उन्हें पीएम बनाने की मांग हो रही है. इस रिपोर्ट में हम आपके सामने दो आंकड़े रखेंगे. उन्हें देखकर आप खुद फैसला कीजिए और बताइए कि सारे मुख्यमंत्रियों में कौन सबसे बेहतर है. क्योंकि उत्तर प्रदेश से ऐसे चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं जो योगी के लिए ही आगे के रास्ते आसान नहीं करेंगे बल्कि पीएम मोदी के लिए भी 2024 में राहें हमवार करेंगे. क्योंकि विपक्ष जिस बेरोजगारी को सबसे बड़ा हथियार बनाकर पीएम मोदी से लड़ने चला है, उस पर उत्तर प्रदेश से आये आंकड़े दिल्ली को भी राहत देंगे. यूपी से एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक वहां के लोगों का मनरेगा मजदूरी से मोहभंग होने लगा है.
उत्तर प्रदेश के 65 फीसदी लोगों ने अपने नरेगा कार्ड योगी सरकार को वापस कर दिये हैं. चालू वित्त वर्ष में 65 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने मनरेगा के तहत काम ही नहीं मांगा.
इसका मतलब क्या है, जरा देखिए-

- लखनऊ में 1,77,924 जॉब कार्ड में से 1,35,962 कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं.
- प्रयागराज में 5,33,707 में से 3,67,400 नरेगा कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं.
- गोरखपुर में 5,07,683 नरेगा कार्ड में से 3,74,253 कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं.
ये किस ओर इशारा करता है. यूपी में लोग नरेगा का काम क्यों नहीं करना चाहते हैं. एक कारण तो ये है कि कोरोना के वक्त में लोगों के काम छूट गए थे और अपने गांव में आकर नरेगा के तहत ही काम कर रहे थे.

अब वो शहरों में अपने कामों पर वापस लौट गए हैं. इसके अलावा एक और आंकड़ा देखिए और समझिये कि यूपी में योगी के आने के बाद से बेरोजगारी कैसे कम हुई है और बाकी राज्यों का हाल क्या है.
सितंबर 2022 में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ो के मुताबिक
- राजस्थान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी. वहां बेरोजगारी दर 23.8 है.
- दूसरे नंबर पर हरियाणा में 22.9 प्रतिशत
- उत्तर प्रदेश में मात्र 4 फीसदी बेरोजगारी दर थी
- जबकि दिल्ली में 9.6 फीसदी बेरोजगारी दर थी.
तो दिल्ली जैसे छोटे राज्य में यूपी से ज्यादा बेरोजगारी दर है, इसका क्या मतलब है? कांग्रेस शासित राजस्थान राज्य में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है तो ये किस मुंह से कहेंगे कि हम बेरोजगारी दूर कर देंगे. क्या अरविंद केजरीवाल को ये आंकड़े नहीं देखने चाहिए और समझना चाहिए कि ऐसी क्या वजह है जो यूपी इतना बड़ा राज्य होने के बावजूद बेरोजगारी को कंट्रोल करने में कामयाब रहा है. केजरीवाल हर जगह कहते हैं कि हमारे स्कूल सिस्टम से सीखें तो अगर किसी दूसरे राज्य में कुछ अच्छा हो रहा है तो वो क्यों नहीं सीखते.
अब सोचिए नरेगा ही लोग छोड़ रहे हैं. इसका मतलब है कि उससे ज्यादा आमदनी उन्हें दूसरी जगह कहीं मिल रही है. क्योंकि कोरोना के वक्त मजदूरी मिलनी भी बंद हो गई थी. इसलिए बड़ी संख्या में लोग नरेगा की तरफ मुड़े थे जो अब वापस हो गए हैं.
2024 चुनाव से पहले ये आंकड़े योगी सरकार और मोदी सरकार दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं क्योंकि विपक्ष बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है.