नए कपड़े पहनकर क्यों भाग रहा था असद?
एनकाउंटर की INSIDE स्टोरी सुनकर आप कहेंगे ये काम सिर्फ योगी ही कर सकते है, राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना ये कदम नहीं उठाया जा सकता है! जब राजनीतिक इच्छा होती है तो पुलिस मज़बूत होती है, झांसी में ऐसा क्या हो रहा था कि असद को नया कुर्ता पहनना पड़ा! मुख्तार के पांच बेटों में असद का नंबर तीसरा था, अतीक हमेशा अपने बेटे असद को शेर बेटा कहता, पर अब योगी की पुलिस ने ढेर कर दिया है! INSIDE स्टोरी में सुनिए कैसे सबकुछ 11 अप्रैल को ही तय हो चुका था, और ये बात अतीक को भी पता थी, योगी को भी पता थी, और पुलिस को भी पता थी कि मिट्टी में किसे और कहां मिलाना है!

11 अप्रैल की रात को ही सबकुछ तय हो गया था, हमारे सूत्र कहते हैं कि एक सीनियर अधिकारी ने देर रात योगी को सूचना दी थी कि असद और UP पुलिस के बीच बेहद कम फासला बचा है, रात को ही असद की ज़िंदगी का आख़िरी आदेश टाइप हो चुका था…इस बात की भनक अतीक अहमद को भी थी, इसलिए अतीक ने 12 अप्रैल को ही मीडिया से कहा था कि मैं मिट्टी में मिल चुका हूं, मेरा परिवार बर्बाद हो गया है, अब तो बस रगड़ा जा रहा है, मेरे बच्चों को परेशान न किया जाए, क्योंकि ग़ुलाम और असद की जानकारी लगातार अतीक तक वकीलों के ज़रिए पहुंच रही थी, ये संपर्क 11 तारीख को टूट गया और अतीक मीडिया में ये बात बोल गया!
योगी का UP के माफियाओं को अंतिम संदेश, अपराध मुक्त होकर रहेगा प्रदेश

ये पहली बार है जब एनकाउंटर के बाद योगी ने तुरंत बैठक बुला ली हो, तो क्या कुछ और बड़ा होने वाला है? क्या अतीक के परिवार के साथ अभी और न्याय होना है? बड़े अधिकारियों के साथ योगी ने मीटिंग में क्या कहा होगा? तस्वीर हम आपको नहीं दिखा सकते पर गुलाम की पैंट आख़िरी वक्त में गिली हो गई थी, जब योगी जैसे सीएम का आदेश होता है तो यही होता है, कोर्ट रूम के भीतर वकीलों ने अतीक और उसके भाई को जूता फेंक कर मारा, एक वक्त में कैसे सबकुछ बदल जाता है, कभी प्रयागराज में अतीक का इतना खौफ था कि जज तक डरते थे, आज वकील जूते से बात करते है…अतीक जैसे अनुभवी माफिया से ऐसी कहां गलती हो गई कि योगी को ये कहना ही पड़ा कि मिट्टी में मिला दूंगा…
योगी मिट्टी में मिला दूंगा

कहते हैं जब अतीक दहशत की दुनिया में आया तब उसने सबसे पहली हत्या चांद बाबा की थी, वहीं से उसका साम्राज्य पनपा, उस वक्त मुलायम सिंह यादव और मायावती ने अतीक को गोद में बिठाया था, फिर साल 2006 में भाई अशरफ को खुद अतीक ज़रायम की दुनिया में लेकर आया, तब राजू पाल की हत्या करवाई थी, 17 साल बाद अतीक अपने बेटे असद की भी ज़रायम की दुनिया में एंट्री चाहता था, पर इत्तेफाक़ से CM योगी कुर्सी पर बैठे थे,
यहीं अतीक से एक बड़ी ग़लती हो गई, उसका परिवार ख़त्म हो गया, राजनीतिक समझ दावा करती है कि मोदी से योगी की कोई तुलना नहीं होनी चाहिए, बल्कि योगी का देश में कोई विकल्प नहीं है…अतीक जज साहब के सामने बेहोश हो गया, कोई लगाना चाहे तो फेक एनकाउंटर बताकर अर्जी लगा सकता है, पर ये मत भूलना ये न्याय योगी का नहीं है बल्कि भगवान का है, PM मोदी से लेकर अमित शाह तक योगी का नाम लेकर तारीफ करेंगे, BJP के दूसरे राज्य के CM तक योगी पर ट्वीट कर रहे है, कई बाहरी देशों के अख़बारों में योगी की पोस्टर छपेगी, क्योंकि जिस पुलिस से मायावती और अखिलेश ने अतीक का पैर दबवाया, उसी पुलिस से बाबा ने अतीक का पैर ज़रामय की दुनिया से हमेशा के लिए उखाड़ दिया है…अब तय आपको करना है, यूपी को बदलने वाला बाबा क्या देश को बदलने आएगा?
ब्यूरो रिपोर्ट, GLOBAL BHARAT TV