इन 3 सपनों को पूरा करना चाहते थे राजू श्रीवास्तव
कॉमेडी की दुनिया का वो किंग चेहरे पर मुस्कान लिए, लोगों को रुलाता छोड़ गया, आज कानपुर के किदवई नगर की गलियां सुनी हो गईं. जिसने भी सुना की राजू श्रीवास्तव ने 58 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा उसकी आंखें नम हो गईं, अपनी मिमिक्री के लिए मशहूर राजू श्रीवास्तव के तीन बड़े सपने अधूरे रह गए, जो पूरा हो जाता तो शायद उत्तर प्रदेश की तस्वीर कुछ और होती. हम आपको वो सपने बताएं उससे पहले राजू श्रीवास्तव की ये कहानी सुनिए.

करोड़ों की संपत्ति के मालिक होने के बावजूद राजू श्रीवास्तव जमीन से जुड़े हुए इंसान थे, बचपन के दिनों में जब शाम में लाइट कट जाती थी तो वो दोस्तों के साथ बैठकर कॉमेडी करते थे, फिर स्कूल और कॉलेज में कॉमेडी की लेकिन इसमें पैसा नहीं था तो मुंबई चले आए, कई दिनों तक दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां रहे, सबको लगा कि ये लोगों को हंसाकर क्या पैसा कमाएगा, तभी एक बैंड बाजा वाले ने राजू श्रीवास्तव को कहा कि अमिताभ बच्चन की आवाज निकालकर दिखाओ तो काम मिल जाएगा, यहीं से राजू की किस्मत पलट गई, उन्हें पहले इस काम के 50 रुपये मिले फिर वो बैंड वाला उन्हें दो साल तक 200-200 रुपये देता रहा, ये कहानी राजू श्रीवास्तव ने खुद एक शो में सुनाई थी.

वो अमिताभ के इतने बड़े फैन थे कि एक बार मिलने पहुंचे तो एक ही लाइन में अपनी पूरी कहानी बता डाली, ये भी कहा कि आप भी श्रीवास्तव और मैं भी श्रीवास्तव लेकिन बिग बी ने तब उनकी बात नहीं सुनी, उसके बाद जब राजू श्रीवास्तव फेमस हुए तो अमिताभ ने उनका ये कहकर परिचय करवाया कि दुनिया को लोगों ने लड़ाइयों से जीता, ताकत से जीता लेकिन हमारे इस कंटेस्टेंट ने दुनिया को हंसते-हंसाते जीता. इसलिए राजू को होश में लाने के लिए अमिताभ ने अपनी आवाज रिकॉर्ड कर भेजी लेकिन राजू जाग नहीं सके. अपनी कॉमेडी से लोगों का दिल जीत लेने वाले राजू को अपनी लव लाइफ शिखा का दिल जीतने में 12 साल का वक्त लग गया, जब राजू बड़े भाई की शादी में फतेहपुर गए तो वहीं शिखा को पहली बार देखा और दिल दे बैठे, वो इटावा में रहती थी तो पहले उसके भाइयों को इंप्रेस किया, फिर उसे चिट्ठी लिखने लगे लेकिन कभी दिल की बात नहीं कह पाए, आखिर में घरवालों से रिश्ता भेजवाया तब जाकर बात बनी.

राजू श्रीवास्तव का पहला सपना था ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लोगों के लिए एक नया कॉमेडी शो लेकर आना
अगर शो आता तो कपिल शर्मा की टेंशन बढ़ जाती,उनकी टीआरपी कम होने का खतरा मंडराने लगा था
राजू का दूसरा सपना नेता बनने का था,पहले सपा में गए फिर बीजेपी भी ज्वाइन की पर बात नहीं बनी
राजू श्रीवास्तव ने चुनाव से ठीक पहले सपा की टिकट लौटा दी थी, वो सांसद-विधायक बनना चाहते थे
राजू का तीसरा सपना यूपी में फिल्म सिटी शुरू होते देखना था, वो मुंबई में संघर्ष के दिन भूले नहीं थे

लेकिन कहते हैं मौत बताकर नहीं आती, इंसान इधर सपने संजोते रहता है और उधर उसकी जिंदगी की तारीखें कम होती रहती है, आज राजू श्रीवास्तव नहीं रहे लेकिन उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में बनी रहेगी. राजू श्रीवास्तव के बारे में एक बात बड़ी मशहूर थी कि वो कॉमेडी करते-करते सीरियस बात भी कह जाते थे तो सामने वाला उनकी बात का बुरा नहीं मानता था. लालू यादव और अमिताभ बच्चन के सामने तो राजू श्रीवास्तव उनकी ही कॉमेडी करने लगते थे, जो लोगों को खूब पसंद आता था. हालांकि राजू ने जब तक कॉमेडी की वो कॉमेडियन की तरह रहे लेकिन जैसे ही यूपी फिल्म बोर्ड विकास परिषद के अध्यक्ष बने देश और प्रदेश की बेहतरी की प्लानिंग करने लगे, यूपी में फिल्में बनने की बात हो या फिर यूपी को टूरिज्म के रूप में प्रमोट करना राजू ने सीएम योगी का हर कदम पर साथ दिया, तभी तो फिल्म रिलीज होते ही उसे प्रमोट करने अभिनेता और अभिनेत्री यूपी पहुंच जाते थे. पीएम मोदी भी राजू श्रीवास्तव को पसंद करते थे. देश के बड़े-बड़े दिग्गजों ने राजू के निधन पर शोक जताया है