कहते हैं लक्ष्य आपके सामने होता है पर आप लक्ष्य तक इसलिए नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि आपकी रणनीति पक्की नहीं है…आज आपको एक ऐसी रिपोर्ट दिखाएंगे जिसके बाद आप कहेंगे टीम इंडिया की हार की सबसे वड़ी वजह यही है, धोनी का मूल मंत्र यही था…धोनी के पास कोई जादू की छड़ी नहीं थी बल्कि यही वो आईडिया था जिससे भारत हर फॉर्मेट में किंग बना था…जब धोनी को कप्तान बनाया गया तब धोनी की सिर्फ एक मांग थी..उन्हें 3D चाहिए, यानि जो बॉलिंग करता हो, जो फिल्डिंग में रन बचाता हो, जो बैटिंग करता हो, इसलिए वीरेंद्र सहवाग और पुरानी खिलाड़ियों को बाहर करने को लेकर धोनी ने टीम से दुश्मनी तक ली…धोनी का मानना था अगर रैना, युवराज, रविंद्र जडेजा रन नहीं बनाएंगे तो फिल्डिंग में 10 से 20 रन बचाएंगे, तीनों गेंदबाज़ी करके विकेट भी निकाल सकते हैं, और बैटिंग पर कोई सवाल ही नहीं था, यानि एक ही खिलाड़ी में दो खिलाड़ी को देखना धोनी का प्लान था…मान लेते हैं, रैना ने 10 रन बनाए, 15 रन फिल्डिंग से बचाए, मुश्किल कैच भी पकड़े, ज़रूरत पड़ने पर एक विकेट भी दिलाया, रैना अकेले ही दूसरी टीम पर भारी पड़ेंगे…इसलिए हमने पुरानी कुछ तस्वीरों को निकाला.. आपको दिखाते हैं आपको जरूर अच्छा लगेगा….साल 2009 में एक मैच हुआ था…जिसमें श्रीलंका ने 171 रन बनाए थे फिर जो हुआ वही धोनी का आईडिया था..इसलिए जडेजा के चोटिल होने पर पूरी टीम बिखर गई है

श्रीलंका ने 20 ओवर में 171 रन बनाए, ओपनिंग वीरेंद्र सहवाद और गौतम गंभीर ने की!
1 रन बनाकर सहवाग आउट हुए तो 13 रन बनाकर गौतम गंभीर भी विकेट गवा देते हैं!
सुरेश रैना 27 गेंद पर 35 रन बनाते हैं तो युवराज सिंह भी 21 गेंद पर 32 रन बनाते हैं
धोनी 17 रन बनाकर आउट हुए तो टीम पर संकट दिखने लगा लेकिन अभी गेम बाकी था
रविंद्र जडेजा 11 रन तो रोहित शर्मा ने 11 गेंदों पर चार रन बनाए, स्कोर 115 पर 7 था
भारत के सात विकेट गिर चुके थे, धोनी से लेकर बड़े-बड़े धुरंधर आउट होकर जा चुके थे !
फिर भी टीम इंडिया हारी नहीं, यहां धोनी का आईडिया काम कर गया, नया इतिहास लिखा
युसुफ पठान और इरफान पठान मैदान पर आए, 29 गेंद पर 59 रनों की ज़रूरत अभी थी
युसुफ आठवें नंबर पर बैटिंग करने आए तो इरफान पठान 9वें नंबर पर बैटिंग करने आए
धोनी की टीम में 9वें नंबर का बल्लेबाज़ भी मैच अपने दम पर जिता कर दिखा देता था !
युसूफ पठान ने 10 गेंदो पर 22 पन बनाए तो इरफान पठान ने 16 गेंदों पर 33 रन बनाए
पठान बंधुओं के दम पर भारत ने मुकाबला, तीन विकेट से जीत लिया, लेकिन खेल बाकी था

गेंदबाजी के दौरान ज़हीर खान की पांचवीं गेंद पर इरफान पठान से एक आसान कैच छूट गया, पठान 3D खिलाड़ी थे, एक जगह उनसे गलती हो गई लेकिन जब बॉलिंग का मौका मिला तब सनथ जयसुर्या को आउट किया, और जब मैटिंग का मौका मिला तो 16 गेंद पर 33 रन बनाकर मुश्किल मैच को एक तरफा बना दिया…आपको लगता होगा ये बात उतनी सही नहीं है, लेकिन ये बात आज के क्रिकेट में भी है, और इसी आईडिया से ऑस्ट्रेलिया ने पहले मुकाबले में भारत को हरा दिया था, ऑस्ट्रेलिया के ओपनर कैमरून ग्रीन की तीन गेंदों पर हार्दिक पांड्या ने लगातार तीन छक्का मारा, कोई बात नहीं बॉलिंग में कैमरून ग्रीन फेल हो गए लेकिन जब ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ओपन करने आए तो उन्होंने उमेश यादव की चार लगातार गेंद पर चार चौका लगाया और 30 गेंद पर 61 रन बनाकर भारत से मैच जीत लिया, यही बात रोहित और राहुल द्रविड़ को समझ में नहीं आ रही है….राहुल द्रविड़ ऑलराउंडर को मौका नहीं दे रहे हैं…23 सितंबर को न्यूज़ीलैंड A और भारत A के बीच मैच था, शार्दुल ठाकुर ने चार विकेट भी ली ज़रूरत पड़ने पर रन भी बना सकते है, सुरेश रैना, युवराज सिंह, युसुफ पठान, इरफान पठान, रविद्र ज़डेजा, आर अश्विन के इसी किरदार के दम पर धोनी विश्व के महान धोनी बन गए, टीम में पांच बल्लेबाज़, 6 ऑलराउंडर और चार गेंदबाज़ के साथ धोनी उतरते थे, फिल्ड पर 11 खिलाड़ी ही दिखते थे, लेकिन उनमें 15 से 20 खिलाड़ियों की क्षमता थी…जबकि आज हार्दिक पांड्या अकेले ऐसे आउराउंडर है जो खेल को अपने दम पर पलट सकते है, रविद्र जडेजा चोटिल है, टीम की फिल्डिंग बेहद ख़राब है….इसलिए कहते है, धोनी का ये आईडिया लेना ही होगा और टीम में कई ऑल राउंडर भरने होंगे…श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान तीनों मैच में भारत को हराने वाले कोई बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ नहीं था बल्कि ऑलराउंडर थे