ये तस्वीर अगर सीएम योगी तक पहुंची तो IAS नेहा जैन का प्रमोशन पक्का है, IAS अधिकारियों के प्रमोशन में उनका काम और व्यवहार दोनों देखा जाता है, काम के मामले में नेहा कई बार विवादों में रही हैं, पर इस व्यवहार ने सबका दिल जीत लिया, एक चिट्ठी ने नेहा जैन के दिलो-दिमाग पर ऐसा असर किया कि वो कुर्सी छोड़कर खड़ी हो गईं,

सामने बैठी बूढ़ी मां को गले लगाया और फिर हाल-चाल पूछने लगीं. उस चिट्ठी में ऐसा क्या था, पहले वो सुनिए फिर बताते हैं नेहा जैन ने उसके बाद ऐसा क्या किया कि सब उनकी तारीफ कर रहे हैं.
बूढ़ी मां ने डीएम बिटिया से लगाई मदद गुहार

मेरी प्रिय डीएम बिटिया को मेरा ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद, सविनय निवेदन है कि मैं कुसुम सिंह पत्नी स्वर्गीय श्री छविनाथ सिंह, कानपुर देहात की निवासी हूं. मेरे पति कोलकाता में नौकरी करते थे, कैंसर की वजह से साल 1981 में उनकी मौत हो गई. मेरी यहां पर 6.7 बीघा जमीन है, जो नियमानुसार बेटे के नाम पर हो गई. प्रिय बिटिया मेरी उम्र 77 साल है, मेरे बेटा-बहू मुझे खाना भी नहीं देना चाहते, कुछ समय बाद मुझे पता चला कि मेरे पति की थोड़ी सी जमीन गिरदो गांव में है, वहां का लेखपाल हरिराम है, जो टालमटोल कर रहा है, मैं चाहती हूं वो जमीन मेरे नाम पर ट्रांसफर हो जाए ताकि कुछ सहारा मिल जाए और मोदी की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ मिल जाए. मैं आपकी महानता के बारे में सुन चुकी हूं कि बुजुर्गों और बेसहारा की बहुत मदद करती हैं, मदद के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया
आम तौर पर डीएम को संबोधित करते हुए चिट्ठी लिखी जाती है, लेकिन बूढ़ी मां ने जैसे ही नेहा जैन को प्रिय बिटिया लिखा, सुंदर राइटिंग के साथ पूरी बात समझाई, डीएम साहिबा अवाक रह गईं, उठते ही बूढ़ी मां को गले से लगाया और पूछा आप क्या खाएंगी, उसके बाद बूढ़ी मां ने जो जवाब दिया वो और दिल जीत लेने वाला था, 77 साल की बूढ़ी मां ने कहा मैं रोटी और चटनी लेकर आई हूं, भूख लगने पर वही खा लूंगी, बस आप मेरा काम करवा दीजिए, उसके बाद डीएम साहिबा ने सीधा ड्राइवर को बुलाया, चपरासी ने गेट खोला और एसडीएम के पास इस आश्वासन के साथ भेज दिया कि वहां आपका काम हो जाएगा. हालांकि डीएम नेहा जैन ने जब इतना किया था तो उन्हें ये भी जरूर पूछना चाहिए था कि इन्हें बुजुर्गों वाली पेंशन की राशि मिल रही है या नहीं, यूपी सरकार हर जरूरतमंद बुजुर्ग को पेंशन के तौर पर एक हजार रुपये महीना देती है, जिसके लिए आप समाज कल्याण विभाग में आवेदन दे सकते हैं या sspy-up.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अगर आपके घर के आसपास कोई बेसहारा बुजुर्ग है, तो आप उन तक ये जानकारी जरूर पहुंचाएं. 77 साल की बुजुर्ग महिला की पूरी कहानी भावनात्मक है, लेकिन एक जो सबसे बड़ी बात समझने वाली है वो है पीएम मोदी की योजना की दूरदर्शिता.
किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर उस गरीब किसान को साल में 10 हजार रुपये मिलते हैं जिसके नाम जमीन है
गांवों में रहने वाली बुजुर्ग महिलाएं 500-1000 रुपये में पूरे महीने का खर्च चलाने का जुगाड़ करती हैं, किसी तरह दिन बीताती हैं
इस हिसाब से देखें तो ये गरीबों के लिए बड़ी मदद है, इसके अलावा बुजुर्गों को पेंशन से लेकर और भी कई तरह की योजनाएं चल रही हैं.
बावजूद इसके देश में ऐसे लाखों बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष हैं, जिन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी नहीं है, वो उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों की ये जिम्मेदारी बनती है कि उन तक इसका लाभ पहुंचाएं. नेहा जैन जैसी अधिकारी जो कुछ दिनों पहले तक विवादों में थीं, कानपुर देहात में बुलडोजर पर झोपड़ी चलने की वजह से हुई दीक्षित परिवार की मौत से लेकर कई घटनाओं से नेहा जैन की छवि जितनी खराब हुई थी, वो इस एक तस्वीर ने काफी हद तक बदलकर रख दी है. आप इस दिल जीत लेने वाली तस्वीर पर क्या कहना चाहेंगे, कमेंट कर बता सकते हैं.