हिंदुस्तान के टीवी चैनल्स पर बैठकर जो पाकिस्तान को दिन-रात खरी-खोटी सुनाते हैं, क्या उनके पास वो वाला जिगरा है कि वो लाहौर में बैठकर उससे कहें कि हम तुम्हें आज निरमा पाउडर से धोने आए हैं, अगर नहीं तो फिर ये शेर-ए-जिगर की बात बेमानी है. पर हम आपको उसी शेर-ए-जिगर से मिलवाने वाले हैं, जिन्होंने लाहौर में बैठकर ऐसा डंके की चोट पर किया है, और उनका ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, पहले आप उनकी बात सुनिए, फिर आपको बताते हैं पूरी कहानी क्या है.

हम तो बंबई के लोग हैं, हमने देखा हमारे शहर पर कैसे हमला हुआ था। वो लोग (आ’तंकी) नॉर्वे से तो नहीं आए थे, ना इजिप्ट से आए थे. वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं. तो ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए.

ये बात हर पाकिस्तानी को चुभ रही है, पर चुभनी नहीं चाहिए, क्योंकि जो आपने किया है उसे सुनने की क्षमता भी होनी चाहिए.मजेदार बात ये थी कि जावेद अख्तर ने ये बातें तब कही जब फैज फेस्टिवल में उनसे एक महिला ने पूछा कि क्या आप हिंदुस्तान में लोगों को जाकर ये बताते हैं कि पाकिस्तान कितना फ्रेंडली, लविंग और पॉजिटिव मुल्क है, किसी भी देश के लोग बुरे नहीं होते पर कुछ गलत होता है तो पूरी आवाम बदनाम होती है, आज पाकिस्तान में क्या हो रहा है, ऐसी आर्थिक तंगी आई है कि वो दीवालिया हो चुका है, वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब इंडिया आकर मदद की भीख मांगना चाहते हैं, 17 जनवरी को ही शहबाज शरीफ ने कहा था भारत से तीन युद्ध में हमें सबक मिल चुका है, अब हम शांति चाहते हैं, यहां तक कि सीमा पर जो पाकिस्तान पहले हरकतें करता था, उसमें भी कमी आई हैं, ऐसी कई रिपोर्ट सामने आईं हैं, तो क्या ये अचानक से हुआ. इसे समझने के लिए आपको थोड़ा फ्लैशबैक में चलना होगा.

पीएम मोदी जब प्रधानमंत्री बने, पाकिस्तान ने बहुत उछल-कूद किया, तब मोदी वैश्विक स्तर पर भारत को मजबूत करते रहे
ब्रिटेन, अमेरिका, रूस सबको ये एहसास दिलाया कि भारत के साथ आए तो फायदा है, बिजनेस ही नहीं छवि भी हमारी अच्छी है
जब ये एहसास हो गया तो फिर एक झटके में कश्मीर से 370 हटाया, फिर पाकिस्तान को अलग-थलग करना शुरू कर दिया
अजीत डोभाल ने पाकिस्तान से लेकर पीओके तक की पूरी ख़बर ली, जयशंकर ने हर देश में जाकर उसकी पोल खोलनी शुरू कर दी
ऐसे में हुआ ये कि छवि खराब हुई तो कर्जा मिलना भी बंद हो गया, जो चीन बराबर कर्ज दे रहा था, उसने भी हाथ पीछे खींच लिए, अब पाकिस्तान बेचारा ऐसा अकेला पड़ा कि उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि करें तो करें क्या, तो आजकल वो अटल बिहारी वाजपेयी की वो लाइन दोहरा रहा है कि अपने दोस्त तो बदल सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं और इमरान से लेकर कई बड़े नेता तक शहबाज को यही सलाह दे रहे हैं कि अगर तरक्की करनी है तो फिर हिंदुस्तान की तरह ही सोचना होगा, उससे उलझना नहीं होगा. जिन्हें लग रहा है कि पाकिस्तान अब भी नहीं बदला तो उन्हें पिछले दौर का इतिहास पढ़ना चाहिए और फिर मोदीराज के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब हुए शायरीकल स्ट्राइक से ये अंदाजा लगाना चाहिए कि भारत का कद कहां पहुंच चुका है, हालांकि कुछ लोग जावेद अख्तर की इस बात पर खुश नहीं भी हैं, वो कह रहे हैं कि जावेद अख्तर ने सच ही तो बोला है कौन सा हमने पाकिस्तान से कोई जंग जीत लिया, तो वैसे लोगों से ये जरूर कहना चाहेंगे कि अगर ये इतना ही आसान काम है तो वो भी करके दिखाएं.आप वैसे लोगों को क्या कहना चाहेंगे.