द्रविड़ क्या मोहम्मद शमी से बोलेंगे सॉरी? रोहित क्यों मांगने वाले हैं माफी?
मोहम्मद शमी की कमी ऑस्ट्रेलिया में जाते ही खलने लगी. पिच देखकर होश उड़ गए हैं, रोहित और राहुल द्रविड़ के प्लान A और B में शमी का नाम ही नहीं था, पर कहते हैं न डर जितना करीब आएगा, सुरक्षा के लिए इंसान उतनी तेज़ी से भागेगा! पिछले एक साल में किसी भी T-20 में शमी को मौका नहीं दिया गया है. जिसका सीधा मतलब है राहुल द्रविड़ के प्लान में शमी का नाम था ही नहीं, ये मानकर चल रहे थे कि शमी के बिना ही खेलने जाएंगे, लेकिन वक्त ऐसा घुमा कि द्रविड़-रोहित को शमी की बेकदरी के लिए माफी मांगनी पड़ सकती है.

मोहम्मद शमी पहले दो ओवर में एक विकेट दिला सकते हैं, अगर विकेट नहीं दिलाया तो प्रेशर डाल सकते हैं जिससे दूसरी तरफ से गेंद कर रहे अर्शदीप को विकेट मिल जाएगा, शमी ने अगर लाइन पकड़ ली तो रन बनाना मुश्किल होगा, बाउंसर गेंद है उनके पास, सबसे बड़ी बात है, रिवर्स स्विंग है उनके पास जो दुनिया के कुछ गेंदबाज़ों के पास होती है!
द्रविड़ के प्लान-A,प्लान-B, में नहीं थे मोहम्मद शमी, फिर कैसे बनेंगे पिलर?
टी 20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुटे शमी इन दिनों रिहैब के लिए बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानि NCA में हैं. यहां से उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वो लोगों को प्यार नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. वीडियो रील में उन्होंने लोगों से कहा कि ‘प्यार मत करना’. शमी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसका मतलब क्या निकाला जा सकता है आप कमेंट में बता सकते है.

मोहम्मद शमी अगर टीम में शामिल हो जाते हैं तो भारत की गेंदबाज़ी भी सधी हो जाएगी, अर्शदीप के चार ओवर, शमी के चार ओवर, हर्षित पटेल के चार ओवर, चार ओवर स्पिनर के और चार ओवर पांड्या के होंगे, ऐसे में पांचवें गेंदबाज़ की कमी भारत को खलेगी, इसलिए भारत दो स्पिनर के साथ मैदान पर उतरेगा, जिसमें एक नाम अक्षर पटेल का पक्का और दूसरा चहल या अश्विन का होगा. अगर हुड्डा को खिलाते हैं तो एक स्पिनर को बैठा भी सकते हैं, लेकिन हुड्डा की गेंदों पर रोहित भरोसा करेंगे ऐसा लगता नहीं है.

शमी को नहीं चुनना रोहित-राहुल की भूल,अब सुधार की होने लगी है तैयारी
टूर्नामेंट की डिफ़ेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को इस बार भी ख़िताब जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इसके पीछे कई वजहें हैं. इस बार टी20 वर्ल्डकप ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर खेला जा रहा है. ऐसे में कंगारू खिलाड़ी सभी मैदानों के हालतों से भली-भांति परिचित होंगे, जो उन्हें मुकाबलों के दौरान अनुमान लगाने में काफी मददगार साबित होगा. इसके अलावा एरोन फिंच वर्तमान समय में कंगारू टीम का बेहतरीन नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने वनडे प्रारूप से सन्यांस ले लिया है. ऐसे में वे अपना पूरा फोकस टी20 क्रिकेट पर लगा रहे होंगे. ऑस्ट्रेलिया में कुल चार ऑलराउंड खेलेंगे जिसका फायदा उन्हें मिलेगा.. डिम डेविड जैसे तेज़ खेलने वाले बल्लेबाज़ है, ऑस्ट्रेलिया की फिल्डिंग भी अच्छी है. और दर्शक ऑस्ट्रेलिया के ज्यादा होंगे तो हर हाल में भारत को अच्छा खेलना होगा. भारतीय टीम को 15 साल बाद विश्वकप जीतना ही होगा. धोनी की कप्तानी में जब जीत मिली थी उस वक्त कितने गांवों में लाइट नहीं थी. लोग फाइनल नहीं देख पाए थे, हम खुद फाइनल का मैच नहीं देख पाए थे, पूरा देश एक बार फिर से टीवी पर कप उठाते देखना चाहता है. भारतीय टीम अगर गलती नहीं करेगी तो जीत जाएगी.. ख़ास तौर से बॉलिंग पर ध्यान देना होगा. विकेट से ज्यादा लाइन पर गेंद रखना होगा, दबाव में खुद बल्लेबाज़ गलती करेगा, जिसमें शमी मास्टर है,. बड़ा ग्राउंड है तो दबाव वाली नीति ज्यादा कारगर होगी.