शुभमन गिल का वनडे में दूसरा शतक, दुनिया के सब बल्लेबाजों को करियर के शुरू में ही छोड़ा पीछा. श्रीलंका के गेंदबाजों को धुना और लगातार लगाए चार-चार चौके. युवराज को कहते हैं सिक्सर किंग अब गिल बन चौकों के सरताज. और वनडे के बेताज बादशाह. शुभमन गिल ने अपने करियर का दूसरा वनडे शतक श्रीलंका के खिलाफ लगाया और वनडे में 500 से ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा औसत का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. शुभमन गिल की तकनीक बेहतरीन है, उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाती है. अंडर-19 के वक्त से ही शुभमन गिल के बारे में कहा जाता था कि ये लड़का एक दिवन रनों का अंबार लगाएगा. लेकिन जब श्रीलंका के खिलाफ ईशान किशन की जगह उनका चयन हुआ तो कुछ समर्थक इससे खुश नहीं थे क्योंकि ईशान किशन ने उससे पहले वनडे में दोहरा शतक लगाया था. इन आलोचनाओं का जवाब गिल ने अपने बल्ले से दिया.

गिल ने पहले वनडे में शानदार 70 रनों की पारी खेली. दूसरे मैच में ज्यादा रन नहीं बना पाए. लेकिन तीसरे मैच में शानदार शतक जड़ दिया. उन्होंने 97 गेंदों में 116 रन बनाए. जिसमें 14 चौके और 2 छक्के जड़े.

शुभमन की कहानी भी कहानी दृढ़ता, कड़े परिश्रम, शानदार कौशल और एक परिवार के अपने कंफ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलकर अपने बेटे के करियर को बनाने के लिए कई बलिदानों से भरी है. उनके पिता लखविंदर सिंह भारत-पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के गांव फ़ाज़िल्का में एक किसान हैं.

शुभमन गिल के पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी जिंदगी के 15 साल लगा दिये. रिश्तेदारों की शादियों में नहीं गए. गिल को पहले बैट उनके दादा ने बनवाकर दिया था. जो घर के पेड़ से बना था. गिल हर रोज सोने से पहले क्रिकेट खेलकर सोते थे. और बैट के अलावा उन्हें कोई खेल पसंद नहीं था. बेटे की लगन को देखकर पिता ने फाजिल्का छोड़ा और मोहाली में आकर बस गए. वहां करसन घावरी ने गिल को खेलते हुए देखा, तब उनकी उम्र 12-13 साल की रही होगी. तब बारिश हो रही थी और वो छोटा सा लड़का जबरदस्त शॉट्स लगा रहा था. यहां से गिल के करियर ने करवट ले ली.

शुभमन गिल की तकनीक और शॉट्स की वो रेंज आज भी दिखती है. कहते हैं कि अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आपको कुछ करना है तो आपको कट या पुल में से कोई एक शॉट पर महारत हासिल होनी चाहिए. लेकिन गिल के पास दोनों कही शॉट्स की बेहतरीन रेंज है. वो जबरदस्त कवर ड्राइव लगाते हैं और शॉर्ट आर्म जैप तो उनका कमाल का है.
शुभमन गिल की सफलता का राज इसमें भी छिपा है कि वो बचपन में सीमेंट की पिच पर प्रैक्टिस करते थे. उनके पिता, और चचेरे-ममेरे भाई उन्हें 16 यार्ड से तेज गेंदबाजी पर प्रैक्टिस करवाते थे. इस मैच से पहले गिल ने भारत के लिए 17 वनडे खेले थे. जिसमें 56 की एवरेज से 778 रन बनाए थे. इस दौरान उनका 101 का स्ट्राइक रेट रहा है. उन्होंने अब तक 5 अर्धशतक लगाए हैं और आज के शतक को मिलाकर दो शतक.

किसान के स बेटे ने भारतीय टीम में अब अपनी जगह पक्की कर ली है. आपको याद होगा पिछले साल ऑस्ट्रेलया के खिलाफ फेमस टेस्ट जीत में गिल ने शानदार 91 रनों की पारी खेली थी. वो टीम के लिए खेलते हैं और कई बार नाइंटीज में आउट हुए हैं. यही बात उन्हें बाकियों से अलग भी बनाती है. उनकी तकनीक की सारी दुनिया कायल है. इसीलिए गिल को दूसरा सचिन नाम दिया गया है.