मैं 20 रुपये का डॉक्टर साहब बोल रहा हूं, आपको डेंगू-मलेरिया, टायफायड या हाथ पैर में चोट की बीमारी हो तो फौरन इस पते पर पहुंच जाइए, हम आपको पता बताएं उससे पहले अपने काम की दो बातें और जान लीजिए. जिस दौर में बड़े-बड़े अस्पताल मरीजों की जान जाने के बाद भी लाखों का बिल थमा रहे हैं, वायरल फीवर होने पर डेंगू-मलेरिया की जांच लिख रहे हैं, उस दौर में एक डॉक्टर ऐसा भी है जिसे आप दिल से धरती का भगवान कहेंगे, वो फीस के नाम पर आपसे सिर्फ बीस रुपये लेता है, चाहे आपको डेंगू-मलेरिया हो या फिर हाथ-पैर में गंभीर चोट हो, इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, बीते 51 साल से हफ्ते में 6 दिन रोजाना 200 मरीजों का इलाज करना उनका काम है, 26 जनवरी की सुबह भी वो क्लिनिक जाने के लिए ही तैयार हो रहे थे, तभी फोन की घंटी बजी, उधर से आवाज आई.

हैल्लो, डॉ. एस डावर जी से बात हो रही है, बधाई हो, आपको पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है, लेकिन अभी आप किसी को बताना मत, क्योंकि माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री विजेताओं के नाम का ऐलान करने वाली हैं.

खुद डॉ. डावर बताते हैं कि मैं इतनी बड़ी बात ज्यादा देर तक छिपा नहीं सका और मैंने अपने बेटे को बता दिया. जबलपुर से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद सेना में गया. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हमने सैकड़ों घायल सैनिकों की जान बचाई, उसके बाद रिटायरमेंट लेकर समाज की सेवा में लग गया, अक्सर गुरुजी कहा करते थे बेटा डॉक्टर बनने के बाद किसी को निचोड़ मत लेना, मेरे लिए 20 रुपये की फीस ही काफी है. साल 1972 में मैंने दो रुपये फीस लेना शुरू किया था, उसके बाद तीन रुपये लिया, फिर पांच रुपये, फिर दस रुपये और अब साल 2020 से 20 रुपये फीस ले रहा हूं.
आज एक तरफ देश के प्राइवेट अस्पतालों में लूट मची है, सरकारी अस्पताल खस्ताहाल हैं, तो दूसरी तरफ डॉक्टर साहब जैसे लोग भी देश में भी हैं, जो बिना कुछ सोचे समझे जनता की सेवा कर रहे हैं, अघर घर में कोई बीमार पड़े या फिर आपको कोई गंभीर बीमारी हो औऱ डॉक्टर्स की फीस जमा करने के पैसे न हों , इनके पास चले जाएं, आपकी मर्ज कोई भी हो ये फीस के तौर पर सिर्फ बीस ही रुपये चार्ज करते हैं. गूगल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक जबलपुर के प्रेम नगर में House NO.1457/2, 12A, 482002 पर पुहंचकर आप डॉक्टर साहब से इलाज करवा सकते हैं. इनके बारे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते है

डॉ. साहब ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी, रोजाना इनके यहां सैकड़ों मरीज इलाज करवाने आते हैं, जिनमें से कई तो ऐसे हैं, जिनकी तीन-तीन पीढियों का इलाज डॉक्टर साहब कर रहे हैं, पीएम मोदी ने जब इनकी कहानी सुनी तो पद्म श्री से सम्मानित करने का फैसला किया, मोदीराज में पुरस्कार चेहरा देखकर नहीं बल्कि काम देखकर दिया जा रहा है.

और यही होना भी चाहिए, इस बार बिहार के सुपर 30 वाले आनंद कुमार से लेकर सांप पकड़ने वाले दो दोस्तों, और पेटिंग बनाने वाले कई कलाकारों को सम्मानित किया है, जो ये बताता है कि अगर आपके अंदर टैलेंट हो तो फिर सरकार आपको सम्मानित करने से पीछे नहीं हटेगी, डॉ साहब कहते हैं ऐसे सम्मान से हिम्मत मिलती है, आपको इनका अंदाज पसंद आया तो इस स्टोरी को घर-घर तक पहुंचाइए, ताकि डॉक्टर की फीस न होने की वजह से किसी को इलाज से अछूता न रहना पड़े.