ये तस्वीर सोशल मीडिया पर बीते 24 घंटे से वायरल है, कई लोगों के दिमाग में ये सवाल है कि भारत में इतनी अच्छी-अच्छी चीजें खाने के लिए हैं, तो फिर जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा को गोलगप्पे ही क्यों खिलाए गए, और लस्सी ही क्यों पिलाई गई. तो भइया मोदीनीति में कोई भी बात यूं ही नहीं होती, ये तो सब जानते हैं इसीलिए हमने जब इस तस्वीर के पीछे का मैसेज समझने की कोशिश की तो कई शानदार बातें पता चली, फूमियो किशिदा की प्लेट में दिख रहे एक-एक गोलगप्पे में कई मैसेज छिपे हैं.

सबसे पहला- जापान में स्ट्रीट फूड काफी फेमस है, आटे से बनी ताकोयाकी नाम का फूड वहां घूमने जाने वाले लोग अक्सर खाते हैं, वो बिल्कुल वैसा ही है जैसे इंडिया में लोग गोलगप्पे और मोमोज खाते हैं, अब अगर पीएम मोदी जी7 की बैठक में जापान जाएंगे तो हो सकता है ताकोयाकी खाते हुए फोटो सामने आए.

पीएम मोदी(pm modi street food culture) इंडिया में स्ट्रीट फूड कल्चर को बढ़ावा देते हैं
दूसरा- पीएम मोदी अक्सर अपनी संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं, ये भी एक ऐसी ही कोशिश है, जिससे इंडिया में स्ट्रीट फूड के कल्चर को और बढ़ावा मिले, लॉकडाउन के बाद स्ट्रीट फूड का चलन काफी कम हुआ था, जिसे एक बार फिर बढ़ावा देने की कोशिश है.

मोदी ने और जापान के प्रधानमंत्री के साथ केमिस्ट्री कैसी है
तीसरा- मोदी जिनपिंग को झूला झूलाते हैं, पुतिन से दोस्ती निभाते हैं और अब फूमियो किशिदा को गोलगप्पा खिलाकर ये बताना चाहते हैं कि जापान के प्रधानमंत्री के साथ भी हमारी केमिस्ट्री अच्छी है. ये न सिर्फ मोदी बता रहे हैं बल्कि खुद जापान के पीएम भी कहते हैं कि मोदी हमारे

जापान से ही भारत की बुलेट ट्रेन की डील चल रही है
चौथा- जापान के साथ भारत का संबंध सिर्फ कूटनीतिक तौर पर ही बेहतर नहीं है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर भी भारत उनके लिए अहम है, वहां की करीब 35 प्रतिशत आबादी बौद्ध है, जो अपने जीवन में एक न एक बार भारत आना चाहते हैं, जापान से ही भारत की बुलेट ट्रेन की डील चल रही है, इसलिए दोनों देशों के नेता अपने संबंधों को अब अलग लेवल पर ले जाना चाहते हैं.

पांचवां- दोनों नेताओं के बीच फूड एंड हेल्थ सिक्योरिटी यानि खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे पर कई बैठकों में चर्चा होनी है, ऐसे में मोदी ने चाय पर चर्चे की बजाय गोलगप्पे पर चर्चा को चुना. इसके अलावा एनर्जी ट्रांजिशन से लेकर इकोनॉमिक सिक्योरिटी तक के मुद्दे पर भारत-जापान के बीच भी बातचीत होनी है.

इसिलिए पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री से मुलाकात हैदराबाद हाउस में की, लेकिन तुरंत ही बुद्ध जयंती पार्क में जाकर लकड़ी के बेंच पर बैठकर बातचीत की, गोलगप्पे खिलाए और लस्सी पिलाकर कहा कि हिंदुस्तान के आवभगत का तरीका हर बार अलग होता है. जापान के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को जी7 की बैठक के लिए न्यौता देने आए थे, लेकिन उससे पहले फूमियो किशिदा एक बार और इंडिया आएंगे, जहां जी20 की बैठक में हिस्सा लेंगे. मतलब दो देशों के नेताओं के बीच कोई भी बात यूं ही नहीं होती, चाहे वो जिनपिंग को झूला झूलाना हो या फिर पाकिस्तान में नवाज शरीफ के घर जाना, वो अलग बात है कि हर बार आपको सामने से वैसे ही रिएक्शन नहीं मिल पाता, कुछ लोग दोस्ती के काबिल नहीं होते, पर भारत अपनी तरफ से यही कोशिश करता है कि दुनिया के सामने हम शांति का संदेश दें, शायद इसीलिए मोदी को शांति का नोबेले पुरस्कार देने की तैयारी भी चल रही है, दो बड़े देशों के नेताओं की इस तस्वीर पर आप क्या कहेंगे, कमेंट में बता सकते हैं.