28 मार्च साल 2012 को मुकेश अंबानी ने सचिन के 100 शतक के जश्न में एक पार्टी रखी थी…उस पार्टी में सचिन के सम्मान में बॉलीवुड की हर हस्ती मौजूद थी, भारत के सभी खिलाड़ी थे, उसी दौरान सचिन ने खुद कहा था…मुझसे आगे निकनले वाले का नाम विराट कोहली है! उस वक्त सलमान ख़ान ये बात मानने को तैयार नहीं थे, हालांकि आज कहानी बदल गई है?

तो क्या सच में सचिन से आगे विराट खड़े हो गए है ? बेस्ट प्लेयर की बात होगी तो महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी आता है? तो क्या सचिन पीछे छूट चुके है? लड़ाई विराट और धोनी में है? जिन्हें भारत की जीत अच्छी नहीं लगी उनका दावा है ICC ने भारत के पक्ष में फैसला लिया और ग़लत नो बॉल देकर मैच जिताया पर वो लोग भूल रहे है बादशाह हमेशा बादशाह होता है? इससे पहले 17 बार विराट कोहली फिल्ड पर खड़े रहे 17 बार भारत जीता! फिर इस बार हार कैसे हो जाती? सचिन कई बार ये काम नहीं कर पाए! कई कहानियां हमारी इस रिपोर्ट में है जो साबित कर सकती है क्रिकेट का असली भगवान कौन है?
सचिन से ज्यादा महान विराट कोहली क्यों है इसके कई सबूत क्रिकेट की डायरी में मिल जाते है…विराट कोहली का कोई मैच क्या ऐसा याद है जब उन्होंने अपने लिए खेला ? या शतक या अर्धशतक पूरा करने के लिए धीमी गति से खेला ? शायद नहीं लेकिन सचिन तेंदुलकर की एक पारी का किस्सा आपको याद होगा…साल था 2012, 2011 विश्वकप में सचिन के बल्ले से अफ्रीका के ख़िलाफ़ एक शतक निकला था, उसके बाद 100वें शतक के लिए एक साल का इंतज़ार हुआ, साल 2012 में एशिया कप में भारत और बांग्लादेश का मुकाबला हुआ, सचिन ने 147 गेंदों में मात्र 114 रन की पारी खेली थी, यानि 25 ओवर में सचिन ने 114 रन बनाएं जबकि बाकी के 25 ओवर में इंडिया ने 150 रन बनाए थे…यानि सचिन से कहीं तेज़ बाकी की टीम खेली, उस मैच में भारत की हार हो गई थी, 290 रनों का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने भारत को हरा दिया था, पर विराट कोहली शेर की तरह खेलते है, खेलते खेलते कब शतक पूरा होता है, कब अर्धशतक पूरा होता ये बात पता तक नहीं चलती है! कुछ ऐसी ही कहानी है साल 2004 की…भारत और पाकिस्तान के बीच मैच था, दर्शक जीत की उम्मीद में थे लेकिन सचिन का बल्ला चला तो भारत हार गया था,

16 मार्च 2004 को जब भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी…तब रावलपिंडी में दूसरा ओडीआई मैच हुआ…पाकिस्तान इस मैच को 12 रनों से जीत गया था…पहले बल्लेबाजी करते हुए 329 रन पाकिस्तान ने बनाए थे. भारतीय टीम 317 रन ही बना पाई थी. इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने 141 रन तो बनाए थे लेकिन उन्होंने 135 गेंद खेली थीं….हार के जिम्मेदार सचिन थे लेकिन तब भी उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा गया
हालांकि साल बदला पर सचिन के पीछे से ये सवाल नहीं हटा, साल 2005 का था, पाकिस्तान की टीम भारत आई थी, भारतीय टीम ने 48 ओवर में 315 रन बनाए, सचिन ने 130 गेंदों में 123 रन ही बनाए थे, नतीजा भारत ये भी मैच हार गया था, उस वक्त भी हार की वजह सचिन की स्लो पारी थी लेकिन किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया था, क्योंकि तब तक सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा था

वीरेंद्र सहवाग विराट के दिवाने हो गए, वो सचिन को अपना गुरू मानते हैं लेकिन विराट के लिए जो कहा वो बताता है कि क्रिकेट का असली भगवान कौन है? विराट ने पहले ट्विट में लिखा मैंने ज़िंदगी में कभी भी रनों का पीछा करते हुए ऐसी जीत नहीं देखी, दूसरे ट्विट में मोदी की फोटो लगाई जिसमें मोदी की फोटो लगाते हुए लिखा है मैं पड़ोसियों से अपील करता हूं कि वो रोए नहीं, जबकि तीसरे ट्विट में एक पाकिस्तानी फैंस का वीडियो शेयर किया है जिसमें वो टीवी फोड़ता है…PM मोदी ने अपने ट्विट में विराट की पारी का जिक्र किया….कहानी यहीं खत्म नहीं होती है…एक किस्सा और है जो सुन लेना चाहिए…विराट और सचिन में सबसे बड़ा फर्क क्या है ? सचिन तेंदुलकर जीवन दान पर खेलने वाले खिलाड़ी थे, यानि जिस मैच में शतक लगा हो उस मैच में एक दो बार जीवनदान मिल जाता था, लेकिन विराट आउट होने का मौका नहीं देते है…न कैच देते न स्टंप में गेंद घुसने देते है, विराट ने ऐसी जीत दिलाई की गावस्कर नाचने लगे और इरफान भावुक हो गए…इसलिए अब आप तय करिए विराट धोनी और सचिन में सबसे ग्रेट कौन है ? और क्रिकेट का असली भगवान कौन है ? सचिन या विराट कोहली