सर्वे करने गई टीम को ज्ञानवापी में जो मिला उसको देखने के बाद वहां सर्वे टीम के मुलाकात साक्षात भोलेनाथ से हो गई! सर्वे में जो साक्ष्य मिलें वो बताएं उसके पहले ताला खोलने के वक्त जो ड्रामा हुआ वो सुनिए…सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ लोग ताला खोलने नहीं देना चाहते थे, भाई जब ताला खुलेगा नहीं तो सच्चाई बाहर कैसे आएगी! 4 अगस्त को ही ASI की टीम तहखाने में जाना चाहती थी, लेकिन मस्जिद के केयरटेकर चाबी लेकर चले गए, बाद में पता चला ये किसी को अंदर घुसने ही नहीं देना चाहते, ये बात वाराणसी के डीएम-एसपी और योगी तक भी पहुंची, उसके बाद मुस्लिम पक्ष के वकील को साफ-साफ कहा गया सर्वे में बाधा मत बनिए, कहिए ताला-चाबी लाएं या फिर हम कोई और विकल्प सोचें.
ASI अधिकारियों का रौद्र रुप देखकर सब डर गए, तुरंत केयरकेटकर एजाज अहमद चाबी लेकर पहुंचे और ताला खोला. उसके बाद जो चमत्कार हुआ वो हैरान करने वाला था. सर्वे करने गई टीम ही बैठकर पूजा करने लगी. जैसे ही ये ख़बर बाहर आई सेक्युलर पत्रकारों की नींद उड़ गई. अंदर जो दिखा पहले वो सुन लीजिए फिर बताते हैं ओवैसी, अखिलेश, सोनिया, राहुल जैसे सेक्युलर नेता अब क्या कह रहे हैं.

तहखाने के एक कोने में चार फीट की मूर्ति रखी थी, जब उससे आगे बढ़े तो करीब दो फीट का एक त्रिशूल मिला, मतलब ये मूर्ति भगवान गणेश, माता पार्वती या नंदी की हो सकती है. फिर ASI की टीम ने एक स्पेशल लाइट मंगवाई, जिन्हें दीवारों पर जलाकर देखा तो पांच कमल के निशान और कलश बने हुए दिखे. जो ये बताता है कि तहखाने में सनातन सभ्यता के राज छिपे हैं.
अब वो तथाकथित सेक्युलर पत्रकार और ज्ञानवापी में सर्वे का विरोध करने वाले लोग क्या कहेंगे. अभी बल तीन दिन का सर्वे ही पूरा हुआ है,, करीब 5-6 दिन सर्वे और चल सकता है, तो समझ जाइए कि कितने बड़े सबूत हाथ लग सकते हैं, पर इस बात पर भी कइयों के पेट में अभी से दर्द शुरू हो गया होगा, वो कह देंगे ASI ने सर्वे ठीक से नहीं किया, ये मूर्तियां इन लोगों ने रखवा दी या फलां-ठिकना कुछ भी. क्योंकि बेवजह सवाल उठाने वाले कुछ भी बोल सकते हैं. अभी से ही ओवैसी मियां कहने लगे हैं
ओवैसी ज्ञानवापी पर कहा

हमें डर है कि 23 दिसंबर या 6 दिसंबर जैसी घटनाएं न हो. हम नहीं चाहते बाबरी जैसे और मामले खुलें. जब सर्वे रिपोर्ट आएगी तो बीजेपी एक नैरेटिव सेट करेगी.
यानि ओवैसी को भी अब सच खुलते ही डर लगने लगा है. लेकिन सच ये है कि पर महादेव के त्रिशूल ने बता दिया है कि ज्ञानवापी में उनका वास है, था और रहेगा. पहले दीवारे ही चिल्ला-चिल्लाकर कह रही थीं कि मंदिर के ऊपर मस्जिद बनी है, और अब तहखाने से भी आवाज आने लगी है, मूर्तियां मंदिर में स्थापित होनी चाहिए. सावन के महीने में ये हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है, कई लोग ASI की उस टीम को देवदूत मानने लगे हैं, जिन्होंने सालों से छिपा हुआ रहस्य सबके सामने लाकर रख दिया.
तहखाने के अलावा ज्ञानवापी हॉल से भी कई चीजें मिली हैं
पश्चिमी दीवार, बाहरी दीवार और सेंट्रल के मैप तैयार किए गए हैं
ताकि ASI की टीम ये पता लगा सके इनका इतिहास क्या है
अब जब सच खुलने लगा है तो अंजूमन इंतजामिया कमेटी जो ज्ञानवापी की ओर से केस लड़ रही है, उसके वकील भी कहने लगे, हमें कोई आपत्ति नहीं है. तो क्या सर्वे के बाद ही मुस्लिम पक्ष योगी की शर्त मान लेगा. या फिर अयोध्या मामले की तरह इसका भी लंबा केस चलेगा. सीएम योगी ने इस सर्वे से कुछ दिन पहले ही कहा मुस्लिम पक्ष को मान लेना चाहिए ऐतिहासिक गलती हुई है, जिस पर बवाल भी मचा. पर अब जब तहखाने वाला राज खुल चुका है तो क्या होना चाहिए, आप कमेंट कर जरूर बताइए.