केएल राहुल को मिलेगा ब्रेक,पांड्या-पंत का पत्ता साफ,सूर्या पर होगा मंथन,भुवी लेंगे संन्यास!
हरभजन ने रोहित की लगा दी क्लास,द्रविड़ को बताया थर्ड क्लास,बदलेगा कोच और कप्तान!
रोहित ने सुनी होती अर्शदीप की बात, लगाई होती अटैकिंग फिल्डिंग तो नहीं हारता भारत

रोहित ने अगर तीन गलतियां नहीं की होती तो भारत श्रीलंका से नहीं हारता, पाकिस्तान से हार के बाद न तो द्रविड़ ने सबक लिया और ना ही रोहित ने, नतीजा हम एशिया कप से बाहर होने की कगार पर हैं, अगर जैसे-तैसे फाइनल में पहुंच भी गए तो यही श्रीलंका की टीम फिर हरा सकती है, इसलिए हर मैच में फ्लॉप रहे राहुल को ब्रेक मिलेगा, लापरवाह खिलाड़ी पंत के साथ-साथ ओवर कॉन्फिडेंस वाले पांड्या का भी पत्ता साफ हो सकता है, अटैकिंग मोड में खेलने का जोश दिखाने वाले सूर्या को नसीहत दी जा सकती है और भुवनेश्वर कुमार संन्यास ले सकते हैं, क्योंकि ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने जीता-जीताया मैच हरा दिया. केएल राहुल ने तो एशिया कप के 4 मैच में सिर्फ 70 रन बनाए जबकि रोहित इसी मैच में 72 रन की पारी खेल गए.
श्रीलंका के खिलाफ भारत शुरू से ही नतमस्तक रहा. पहले राहुल दूसरी ओवर में आउट हुए, फिर पांड्या भी ज्यादा देर नहीं टिके, सूर्या ने थोड़ी ठीक-ठाक पारी खेली लेकिन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और पिछली मैच की तरह भुवनेश्वर कुमार ने तो एक ओवर में ही 14 रन दे दिया, जबकि भारत को उस वक्त विकेट और रन रोकने की जरूरत थी, भुवी देश के महान खिलाड़ियों में से एक हैं, टीम उन्हें खराब परफॉर्मेंस के आधार पर बाहर करे इससे पहले वो खुद संन्यास का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में भी भुवी ने एक ओवर में 19 रन दिया था, उस वक्त भी इंडिया संकट में थी, मतलब हर बार इंडिया अगर हारी तो उसमें कई सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका रही. रोहित भले ही मैच के बाद ये कहें कि सीनियर खिलाड़ियों से संतुष्ट हूं लेकिन जूनियर से सवाल होंगे, पर विराट इस बार भी जीरो पर आउट हो गए, अब तक सिर्फ पिछले मैच में चल पाए हैं.

अर्शदीप ने इस मैच में अच्छा कमाल दिखाया है, आखिरी ओवर में जब दबाव ज्यादा था तो वो रोहित शर्मा से कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे लेकिन रोहित ने इग्नोर कर दिया, इस बात पर भी रोहित लोगों के निशाने पर हैं, शायद अर्शदीप अटैकिंग फिल्डिंग लगाने की बात कर रहे थे लेकिन रोहित ने अनसुना कर दिया, नतीजा अर्शदीप की एक बॉल पर दो रन लेकर इंडिया जीत गई, विराट जैसे खिलाड़ी तक से मिसफिल्डिंग हुई है. हार के बाद हरभजन सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ी ने रोहित और द्रविड़ पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं. हरभजन का कहना है कि भारत ने 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से गेंद फेंकने वाले उमरान मालिक को टीम में क्यों नहीं रखा, स्विंग फेंकने वाले दीपक चाहर को जगह क्यों नहीं दी और दिनेश कार्तिक जैसे अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज को बाहर क्यों खिलाया. ये वो तीन गलतियां हैं जिनसे मैच का रूख बदल सकता था. दिनेश कार्तिक की जगह रोहित जिस पंत को लेकर आए वो पिछले मैच में गलत शॉट खेलकर आउट हो गए और इस मैच में न बैटिंग ढंग की कर पाए और ना ही विकेटकिपिंग, जब आखिर में बल्लेबाज को स्टंप करना था तो वो विकेट से दूर खड़े हो गए, वहां से थ्रो भी ढंग की नहीं फेंक पाए आखिर ऐसे खिलाड़ियों की टीम इंडिया में क्या सिर्फ विदेश टूर के लिए रखा जाएगा. कहा जा रहा है कि पंत को इसलिए जगह दी गई क्योंकि टीम इंडिया को बाएं हाथ के बल्लेबाज की जरूरत थी, जबकि सच ये है कि कार्तिक को जानबूझकर बाहर किया गया है, ऋतुराज गायकवाड़ और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों को जगह सिर्फ इसिलिए नहीं मिल रही है क्योंकि टॉप 15 में पंत जैसे कुछ खिलाड़ी भरे हुए हैं, जिनकी बीसीसीआई के बड़े-बड़े अधिकारियों से अच्छी बनती है लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक चला तो टीम इंडिया बर्बाद हो जाएगी.

इसिलिए जब विराट फॉर्म में लौटे तो उन्होंने सीधा धोनी का नाम लिया, इससे सीधा संकेत मिला कि टी-20 वर्ल्डकप के लिए सही लेकिन धोनी कोच बनकर टीम को संभाल सकते हैं, अगर धोनी कोच बने तो विराट दोबारा कप्तान बन सकते हैं, रोहित से कप्तानी छीन सकती है. टीम का बैटिंग ऑर्डर के साथ बॉलिंग ऑर्डर भी मजबूत होगा, टीम में दीपक चहर और यजुवेन्द्र चहल जैसे खिलाड़ी हो सकते हैं, नए खिलाड़ी की एंट्री सिर्फ आईपीएल का परफॉर्मेंस देखकर नहीं बल्कि पूरा मैच देखकर होगा, अगर ऐसा हुआ तो फिर भारत को हराना किसी टीम के लिए आसान नहीं होगा, आज इंडिया स्कोर तो ठीक-ठीक कर लेती है लेकिन अटैकिंग बॉलर न होने और मिस फिल्डिंग की वजह से हार जाती है, धोनी हर बारीकी पर बड़े ढंग से ध्यान देते हैं, इसिलिए उन्हें वापस बुलाने की मांग तेज हो चली है.