मेवात में धर्म की नहीं, सियासत के वर्चस्व की लड़ाई है! क्या बीजेपी मेवात के ज़रिए मुल्क कुछ ऐसा दिखाना चाहती है जो आपको खुली आंखों से दिखाई नहीं देता है! मेवात में क्या हो रहा है ये तो आपको सबने दिखाया पर क्यों हो रहा है ये कहानी कोई नहीं समझा पाया! अगर आप मेवात के ज़रिए हिन्दुस्तान में क्या होने वाला है समझना चाहते हैं तो अगले तीन मिनट ध्यान से सुनिए…फोन की आवाज़ तेज़ कर लीजिए….हरियाणा का ज़िला है मेवात, जिसे नूंह भी कहते हैं…ये शहर हिन्दुस्तान में मिनी पाकिस्तान, बांग्लादेश, या अफगनिस्तान के नाम से जाना जाता है…मेवात में करीब 500 गांव हैं…
मेवात में कुल गांव करीब 500 हैं
400 गांव मुस्लिम बहुल है
103 गांव में हिन्दुओं की आबादी है
यानि 80 फीसदी टोपी वाले हैं, 20 फीसदी टिका वाले हैं!
103 गांवों में 84 गांव ऐसे हैं जहां हिन्दू परिवारों की आबादी 10 प्रतिशत से कम है!
यहीं लड़ाई की नींव पड़ती है, कहानी का पेंच इस आंकड़े में फंसा है
मेवाती करीब 700 साल पहले सनातनी थे, जिसमें राजपूत, जाट, गुर्जर और अहीर जातियां थी
मेवाती बहादुर होते थे पर मुस्लिमों शासकों से हार के बाद सनातन छोड़ इस्लाम में तब्दील होते गए
जो परिवार टीका लगाने वाले बचे हैं, वो वही बहादुर परिवारों की पीढ़ी है, जिन्होंने कभी धर्म नहीं बदला
मेवात को समझने के लिए योगी का एक पुराना इंटरव्यू सुनना चाहिए! योगी ने करीब 7 साल पहले समझाया था…जहां जनसंख्या ज्यादा है वहां क्या हालात हैं योगी से समझिए…
योगी आदित्यनाथ ने कहा

देश के अंदर दंगों का जो ट्रेंड देखा गया है, पूरे देश के अंदर, वह स्पष्ट है. 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच जहां मुस्लिम आबादी है, वहां पर सांप्रदायिक झड़पें ज्यादा हैं. जहां पर 20 प्रतिशत से लेकर 35 से 40 प्रतिशत तक मुस्लिम आबादी है वहां सांप्रदायिक दंगे हैं, जहां 40 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है, वहां गैर मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है.
2011 की जनगणना के हिसाब से मेवात की आबादी करीब 10 लाख थी…आज 8 लाख से ज्यादा एक धर्म के लोग रहते हैं, जिसके कारण सरकार सबकुछ संभाल नहीं पा रही है…अब मेवात में असल में हो क्या रहा है वो समझिए, थोड़ा ध्यान से…

एक रिसर्च दावा करती है कि मेवाती जो मुस्लिम कंट्री में कमाने बाहर गए उनका एक बड़ा हाथ है! रिपोर्ट दावा करती है एक समुदाय के लोगों ने फंड जमा करके मस्जिद और मदरसे पर खूब काम किया, मदरसे का प्रभाव स्कूल से ज्यादा बढ़ा, उसी बीच तबलीगी जमात की एंट्री होती है, जो सुनियोजित तरीके से एक धर्म को गुमराह करके अपने पाले में लाने की प्रयोगशाला चलाते हैं…
मेवाती मुस्लिम फिलहाल OBC कटैगरी में आते हैं, ये पहले बुरका नहीं पहनते थे, शरीयत के कई नियम कायदें नहीं मानते थे, पर सउदी और मुस्लिम कंट्री के फंड ने सबकुछ बदल दिया…अब मेवात में जो हो रहा है, उसका कंट्रोल भारत से बाहर है…
अब ये समझना होगा कि BJP मेवात की सच्चाई पूरे देश को क्यों दिखाना चाहती है! कहते हैं बीजेपी उन सभी की आंखों से परदा हटाना चाहती है जो कहते हैं भारत सेक्युलर कंट्री है, यानि जहां हर धर्म के लोग शांति से रहते हैं…पर सच्चाई ये है कि भारत में शांति तो है, पर अगर कहीं एक खास समुदाय के लोग ज्यादा हैं तो वहां अशांति है…सच्चाई समझ में आई है तो रिपोर्ट आगे बढ़ाएं, नहीं तो आंखों पर पर्दा डालकर कह सकते हैं, मेरा क्या जो होगा देखा जाएगा! क्योंकि हालात को नहीं समझा गया तो फिर तस्वीर ऐसी सिर्फ मेवात की नहीं बल्कि आपके शहर की भी होगी…
ब्यूरो रिपोर्ट, GLOBAL BHARAT TV