वो रानी कोहिनूर जड़ा मुकुट पहनती थी,इंडिया आई तो माफी मांगी लेकिन कोहिनूर वापस नहीं किया
ब्रिटेन की महारानी की मौत के बाद कोहिनूर वापस लाने की मांग, भारत को मिलेगा बेशकीमती हीरा?
कहां मिला, कैसे लंदन पहुंचा, कितना वजन है और कहां रखा है,जानिए कोहिनूर से जुड़ी काली सच्चाई

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपने जीवन में तीन बार हिंदुस्तान आईं और तीनों बार ये कोशिश की कि माफी मांगकर हिंदुस्तानियों के गिले-शिकवे दूर कर दें, लेकिन कभी कोहिनूर पर बात नहीं की. ये वो कोहिनूर था जिसे अंग्रेज यहां से धोखे से ले गए और वहां की रानी को गिफ्ट कर दिया. अब 96 साल में महारानी ने दुनिया को अलविदा कहा तो ये चर्चा उठ रही है क्या कोहिनूर भारत को वापस मिल सकता है क्योंकि कोहिनूर रानी के मुकुट में ही था, और वो नहीं है तो फिर उस कोहिनूर का क्या होगा. इसका जवाब हम आपको बताएं उससे पहले कोहिनूर की काली सच्चाई सुनिए, ये कैसे लंदन पहुंचा.
सबसे पहली और खास बात तो ये है कि कोहिनूर को कोई पुरुष नहीं रख सकता, चाहे वो कितना शक्तिशाली हो, अगर रखा तो समझिए कि उसके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे, इसिलिए ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में उसे लगाया गया था. दूसरी बात कोहिनूर कहां से आया इसकी कहानियां कईं हैं. कहते हैं महाभारत में अश्वश्थामा के पास स्यंदक मणि, जिसकी चमक इतनी थी कि हम-आप उसे देख भी नहीं पाते. जब अश्वशथामा को अर्जुन ने मारा तो भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर उसके माथे वो मणि निकाल ली, युधिष्ठिर के बाद वो मणि कई राजाओं तक पहुंची. इसी मणि को बाद में कोहिनूर कहा गया. अशोक से लेकर चंद्रगुप्त तक ने वो मणि रखी. 1306 में ये मालवा के राजा के पास देखी गई, उसके बाद मुगल शासकों ने युद्ध में इसे जीत लिया. हालांकि दूसरी कहानी ये कहती है 1100-1300 के बीच आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे जो दुनिया की इकलौती हीरा खादान थी, वहीं मिला था. जिसे कोहिनूर का नाम बाबर ने अपनी किताब बाबरनामा में पहली बार दिया.

शाहजहां ने अपने राजसिंहासन में कोहिनूर लगवाया था लेकिन उसे कोहिनूर से ज्यादा दूसरे रत्न पसंद थे
शाहजहां को कोहिनूर ज्यादा पसंद होता तो शायद ताजमहल में भी कहीं पर आपको कोहिनूर दिखाई देता
मुगलों के आखिरी शासक मुहम्मद शाह के राज में नादिरशाह ने जब दिल्ली को लूटा, तो कोहिनूर ले गया
उस वक्त 700 हाथी,4000 ऊंट, 12,000 घोड़े पर नादिरशाह खजाना लेकर गया,उसी ने इसे कोहिनूर कहा
हालांकि नादिरशाह को उसके सैनिक ने मार दिया, फिर उसके खानदान में भी उथल-पुथल के हालात हो गए
नादिरशाह का पोता शुजा शाह दुरानी कोहिनूर लेकर पंजाब भागा,राजा रणजीत सिंह ने उससे कोहिनूर लिया
राजा रणजीत सिंह की मौत के बाद अंग्रेजों ने रानी को जेल में बंद कर दिया और प्रिंस को लंदन भेज दिया
प्रिंस दलीप सिंह और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच समझौता हुआ जिसके तहत कोहिनूर लंदन भेजा गया था

लेकिन कोहिनूर जैसे ही लंदन पहुंचा वहां के राजा को किसी ने बताया कि आप इसे अपने पास नहीं रख सकते, अगर आपको दुनिया का किंग बने रहना है तो इसे अपनी रानी को दे दीजिए. कहते हैं कुछ मिथक कभी-कभी इतने सच्चे हो जाते हैं कि बड़े से बड़े लोगों को उस पर यकीन करना ही पड़ जाता है और कोहिनूर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है. नादिरशाह ने रखा तो उसका खानदान खत्म हो गया, रणजीत सिंह ने रखा तो उनका भी रूतबा ज्यादा दिनों तक नहीं रहा, ये वो लोग थे जो कोहिनूर को ब्रासलेट की तरह हाथों में पहनते थे. इसिलिए ब्रिटेन को भी इस पर यकीन करना पड़ा. कोहिनूर सबसे पहले ब्रिटेन की महारानी अलेक्जेंड्रिया की मुकुट में जड़ा गया और उसके बाद महारानी एलिजाबेथ के ताबूत पर इसे आखिरी बार देखा गया. फिर ये महारानी एलिजाबेथ द्वितीय तक पहुंची और अब कहा जा रहा है कि प्रिंस चार्ल्स की पत्नी कैमिला को अब ये कोहिनूर से जड़ा ताज मिलेगा, जिसकी कीमत करीब 4500 करोड़ रुपये है.
कहते हैं कि कोहिनूर का वजन पहले 186 कैरेट ग्राम था जिसे प्रिंस अल्बर्ट ने और खूबसूरत बनाने के चक्कर में करोड़ों खर्च कर तराशवाया तो उसका वजन घटकर 105.6 कैरेट ग्राम हो गया. 3.6 सेंटीमीटर लंबा, 3.2 सेंटीमीटर चौड़ा और 1.3 सेंटीमीटर ऊंचा कोहिनूर आज भी टावर ऑफ लंदन में रखा है, ये ब्रिटेन के शाही परिवार का सबसे सुरक्षित किला है और इसी में राजाओं के परिवार के सारे हीरे-जवाहरात भी रखे हैं. जिसे वहां से लाने की मांग कई बार उठ चुकी है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली गई लेकिन कोई बात नहीं बनी. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या इसे भारत वापस लाया जा सकता है तो ये भी जान लीजिए.

अगर आप भी मानते हैं कोहिनूर को अंग्रेजों ने चुराया है तो सही नहीं है,अंग्रेज समझौते के तहत उसे ले गए
इसलिए वापस लाना है तो भारत सरकार को बात करनी पड़ेगी,यूनेस्को कंन्वेंशन 1970 से बात बन सकती है
मोदी सरकार विदेशों से मूर्तियां और भारत की सांस्कृतिक धरोहर लाने में जुटी है, इसलिए लाया जा सकता है
सबसे बड़ी चुनौती ये है कि पाकिस्तान भी इस पर हक जताता है और तालिबान भी इसे वापस चाहने लगा है
चूंकि कोहिनूर अफगानिस्तान के रास्ते लाहौर होते हुए लंदन पहुंचा है इसलिए सब इस पर हक जताने लगे हैं
हालांकि आगे क्या होगा ये नहीं कहा जा सकता लेकिन कोहिनूर का ख्याल कभी दिमाग में आए तो राजाओं की बर्बादी भी याद कर लीजिएगा. हो सकता है भारत जब विश्वगुरू बने तो कोहिनूर उसके पास हो क्योंकि ये जिसके पास होता है वही दुनिया का राजा होता है, लेकिन कोहिनूर की श्राप को अगर सच मानें तो फिर भारत में किसी महिला को रानी बनाना पड़ेगा और पुरुषों से इसे दूर ही रखना होगा, ताकि भारत तरक्की की राह पर आगे बढ़ता रहे.