एक साल में 60 हजार करोड़ रुपये मोदी सरकार सिर्फ आपके घर तक पानी पहुंचाने के लिए खर्च कर रही है, हर घर नल से पानी पहुंचे, किसी को दूर न जाना पड़े, गर्मियों में प्यासा न रहना पड़े और गांव का जीवन भी आसान हो इसके लिए एक योजना चल रही है जिसका नाम नल-जल योजना, आपको अगर नहीं पता तो ग्राम प्रधान या वार्ड मेंबर से इसके बारे में पूछिए, अगर आपके गांव में टंकी लगी है, और उसमें पानी नहीं आता तो सीधा अधिकारियों से शिकायत कीजिए, क्योंकि दिल्ली से लेकर यूपी तक अब सख्ती बढ़ने वाली हैं, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं उसकी वजह भी सुनिए.ये हैं बलिया से बीजेपी एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू भैया, जिन्होंने सीएम योगी के सामने ही विधानपरिषद में ये कहा कि

सरकार से हमारी मांग है कि हर एमएलसी को 100-100 हैंडपंप दिलवा दिया जाए, तभी विधानसभा अध्यक्ष कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा ये तो बात पुरानी हो गई, आज तो नल-जल योजना का लाभ सबको मिल रहा है, जिस पर पप्पू भैया बिफर गए और कहा माननीय अध्यक्ष महोदय, हर घर नल से जल केवल एक योजना भर ही है, इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है, इससे अच्छा तो हमारे लिए हैंडपंप ही है.

ये बात जब रविशंकर सिंह बोल रहे थे, तब सीएम योगी भी उस वक्त सदन में मौजूद थे, लेकिन योगी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, यहां तक कि कुछ दिनों पहले संसद में भी एक बीजेपी सांसद ने ये कहा था कि नल जल योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, उनका ये वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था.

मेरे पिताजी 4 बार सांसद थे, मेरे घर के सामने पानी की टंकी 20 साल से बनी है, लेकिन एक बूंद पानी सप्लाई नहीं हुआ, इसलिए हमारी ये व्यक्तिगत पीड़ा है, हम दूसरी बार सांसद हैं, पिताजी 4 बार सांसद हैं, पर अपने घर के सामने की टंकी का पानी चालू नहीं करवा पा रहे, मैं ये कहना चाहता हूं कि नगर पंचायत और ग्राम पंचायत में जो टंकियां बन रही हैं, उन्हें चलाने के लिए व्यक्तिगत स्टाफ भर्ती किया जाए, वरना जिस काम के लिए मोदीजी की ये योजना चल रही है, वो पूरा नहीं हो रही है.
मतलब दो हफ्ते में दूसरी बार ऐसा हुआ जब बीजेपी के सांसद और विधायक ही इस योजना पर सवाल उठाने लगे, खास बात ये है कि ये सांसद महोदय भी उत्तर प्रदेश के ही हैं, जिसका मतलब सीधा सा है कि कहीं न कहीं इस योजना में गड़बड़ी हो रही है और अब बात चूंकि मोदी से लेकर योगी तक पहुंच चुकी है तो फिर ये निश्चित है कि इसकी जांच भी होगी, कई लापरवाह अधिकारी नप भी सकते हैं और कार्रवाई का जो तरीका है उससे तो यही लगता है कि कई अधिकारियों और कर्मचारियों की सरकारी नौकरी की कहानी भी खत्म हो सकती है, हालांकि जांच के बाद ही ये पता चल पाएगा कि असल दिक्कत कहां आ रही है, आपके गांव में अगर पानी की टंकी लगी है और उसमें पानी नहीं आता या फिर क्या दिक्कत हुई वो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं, ताकि आपकी बात भी सरकार तक पहुंच सके, और जब जांच हो तो इसे आधार बनाकर एक ऐसी कार्रवाई हो जिससे इस योजना का लाभ जनता तक ढंग से नहीं पहुंचा पाने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी हो सके, क्योंकि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानि आपके खाते में सरकारी योजना का पैसा डायरेक्ट भेजने का दिमाग अगर पीएम मोदी लगा सकते हैं और इस योजना को सही ढंग से चलाने का दिमाग भी लगाना होगा, क्योंकि पैसा तो जनता का ही है, अगर योजना के नाम पर खर्च हो और उसका लाभ मिले ही न तो फिर ऐसी योजना का क्या फायदा.
ब्यूरो रिपोर्ट ग्लोबल भारत टीवी