2024 चुनाव का एजेंडा इतने चुपके से सेट हुआ कि सियासी पार्टियों को भी भनक नहीं लगी, आप वोट देने जाएंगे तो किसे वोट करेंगे, ये आपका मसला है, लेकिन बीजेपी ने ये प्लान बना लिया है कि जो वोटर्स उनसे नाराज हैं, उनके नुकसान की भरपाई कैसे हो, ये प्लान तैयार 16 जनवरी को हुआ था, लेकिन पूरी कहानी अब सामने आई है. जिसे समझना आपके लिए बेहद जरूरी है.

16 जनवरी को जब दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तब पीएम मोदी ने योगी को सीक्रेट मंत्र दिया, जिसका मतलब था 80 और 20 की कहानी छोड़नाी होगी और 20 में बंटवारे का खेल शुरू करना होगा, यहां 20 का मतलब मुस्लिम आबादी से है, यानि ये हिंदुस्तान की इतिहास में पहली बार होगा जब हिंदू एकजुट होंगे और मुस्लिमों में बंटवारा होगा, और इसके सबसे बड़े सूत्रधार होंगे योगी के मंत्री दानिश अंसारी, जिन्हें मोहसिन रजा की जगह योगी ने इसलिए मंत्री बनाया ताकि 2024 में सिर्फ अपनी जीत का रास्ता तय न हो, बल्कि विपक्षी पार्टियों की कहानी कांग्रेस की तरह हो जाए.
हिंदुस्तान का सियासी इतिहास यही कहता है कि अब तक हिंदुओं का वोट ब्राह्मण, राजपूत, बनिया और यादव में बंटा था, जबकि मुस्लिमों का वोट एकमुश्त जाता था, पर अब कहानी पलटने वाली है. जिससे बीजेपी को तगड़ा फायदा मिलने वाला है.

कभी किसी ने सोचा नहीं था मुस्लिम और यादव बीजेपी को वोट करेंगे, पर ऐसा हुआ, जिससे रामपुर-आजमगढ़ में सपा का किला ढह गया
मुरादाबाद समेत कई मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अंसारी और बरेलवी ने खुलकर योगी का समर्थन किया, यानि पसमांदा का दिल पसीजा
2022 के चुनाव में बीजेपी को 8 फीसदी मुस्लिम वोट मिला, जो कभी सपा, कांग्रेस, और बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का हुआ करता था

लेकिन अब साल 2024 में बीजेपी इससे कई कदम आगे की सोच रही है, काशी, मुरादाबाद, सहारनपुर, संभल, और गोरखपुर समेत कई जिलों में पसमांदा सम्मेलन होने वाला है, जिससे ये संदेश जाएगा कि योगी ने बुलडोजर चलाए पर गरीब मुसलमानों को घर से लेकर शौचालय, रोजगार और शिक्षा तक में फायदा भी पहुंचाया. अब चूंकि इससे कोर वोटर्स नाराज न हों, इसलिए योगी ने सनातन राष्ट्र का मुद्दा भी उछाल दिया है. इसिलिए अखिलेश से लेकर ओवैसी तक ये समझ नहीं पा रहे हैं कि जवाब में करें क्या, तो रामचरितमानस का मुद्दा लेकर आए और शुद्र पॉलिटिक्स में उलझ गए, ओवैसी के दिल्ली वाले घर पर हमला हुआ तो कहने लगे कि हमारे खिलाफ साजिश हो रही है, लेकिन सच ये है कि बीजेपी ने जो प्लान बनाया है, उसमें अब जाति और धर्म की सियासत का अंत होने वाला है, अब गरीबों की सिर्फ बात ही नहीं होगी, बल्कि उनका विकास भी होगा.
मजेदार बात ये है कि इधर योगी पसमांदा पर फोकस कर रहे हैं, तो उधर मोदी सबसे अमीर वोहरा समुदाय से लगातार मिल रहे हैं, जिसका संदेश ये है कि पूरा मुसलमान बीजेपी के खिलाफ नहीं है, बल्कि कुछ लोग ही विरोध कर रहे हैं, एक सर्वे के मुताबिक सिर्फ 8 फीसदी मुसलमान ही बीजेपी को पसंद करते हैं, जबकि सबसे ज्यादा पकड़ इनके बीच ओवैसी और सपा की है, ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इन्हें साध लिया तो इस बार 2019 चुनाव से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी, आपका अनुमान क्या कहता है, बीजेपी को कितनी सीटें अगले चुनाव में मिलेंगी, कमेंट कर बता सकते हैं.