गांगुली की एक ग़लती की वजह से हारी टीम इंडिया, खुलासा सुनकर चौंक जाएंगे आप
धोनी से बड़ा कोई रणनीतिकार नहीं,उनसे ज्यादा कोई समझदार नहीं फिर क्यों है बाहर
आशीष नेहरा ने पहले धोनी को गाली दी, फिर राजनीति हुई, अब फिर खेल हो रहा है!

मैच ख़त्म होते ही विराट कोहली ने सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी का नाम क्यों लिया? क्या देश को महेंद्र सिंह धोनी की ज़रूरत है? अगर धोनी टीम के साथ होते तो वो न खेलते हुए भी रोहित शर्मा को वो गलती करने से रोक लेते जो उनसे हो गई! धोनी अगर बाहर बैठे होते तो रोहित को ऐसे चिल्लाना न पड़ता, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और सूर्या ऐसी गलती न करते? ये मैच भारत सिर्फ दो वजहों से हारा? पहला BCCI में राजनीति? दूसरा धोनी जैसा महान का खिलाड़ी टीम के साथ न होना, पिछले साल धोनी को लॉलीपॉप देते हुए टीम का मेंटॉर बनाया गया था, रवि शास्त्री कोच थे, धोनी जब से भारतीय टीम में आए हैं, तबसे साबित करना पड़ता है कि वो योग्य हैं, 17 साल पहले संयोग से वो मैच भी भारत-पाकिस्तान के बीच का ही था, धोनी से विकेट के पीछे एक कैच छूट गया, जिसके लिए नेहरा ने उन्हें गाली दी थी, जिसका वीडियो आज भी वायरल होता है, फिर धोनी के साथ जमकर सियासत हुई, लेकिन धोनी की प्रतिभा को कोई भी रोक नहीं पाया, हालांकि आज धोनी को रोका जा रहा है?

पिछले साल धोनी को कोच बनाने की तैयारी थी फिर सौरभ गांगुली ने द्रविड़ के लिए खेल कर दिया
गांगुली और धोनी में कुछ ख़ास नहीं बनती, सौरभ गांगुली के रहते धोनी का कोच बनना मुश्किल है!
दरअसल अमित शाह के बेटे जय शाह धोनी के बड़े फैन हैं, इसलिए वो चाहते हैं धोनी ही कोच बने!
जय शाह ने ही सौरभ गांगुली के ख़िलाफ़ जाकर धोनी को बतौर मेंटर टीम इंडिया के साथ जोड़ा था
जय शाह सचिव हैं, जबकि सौरभ गांगुली BBCI अध्यक्ष हैं, इसलिए आख़िरी फैसला गांगुली का होगा!
सौरभ गांगुली के होने के कारण द्रविड़ का कोच बनना कोई बड़ी बात नहीं है, जबसे कोच बने हैं तबसे कोई ख़ास प्रदर्शन नहीं रहा है, तो क्या कोच के लिए सही खिलाड़ी हैं महेंद्र सिंह धोनी? लेकिन उनको मौका नहीं मिलेगा? धोनी और राहुल द्रविड़ में बहुत फर्क है, धोनी के पास अभी काफी वक्त है, और वो एक ऐसी टीम खड़ी कर सकते हैं जिसको हराना किसी के बस की बात नहीं होगी…कल के मैच में अगर धोनी होते तो क्या नतीजा ये होता? कोच के तौर पर वो सबकुछ समझा कर रोहित को भेजते? टीम में चयन सही से होता, राहुल द्रविड़ का मानना था, कार्तिक को नहीं खिलाना चाहिए, अश्विन को नहीं खिलाने का फैसला भी राहुल द्रविड़ का था. जबकि धोनी होते तो चहल, अश्विन की जोड़ी विकेट दिलाती, तो कार्तिक की ताबड़ातोड़ बैटिंग रन बनाती, राहुल द्रविड़ महान खिलाड़ी हैं, लेकिन 20-20 के फॉर्मेट में बिल्कुल भी महान कोच नहीं बनेंगे? रवि शास्त्री के जाने के बाद टी-20 में धोनी का कोच बनना लगभग तय था, लेकिन आख़िरी वक्त में फैसला बदला, राहुल द्रविड़ कोच बन गए, अब आपको हैरानी होगी, राहुल अगर हट भी जाते हैं तो कोच धोनी नहीं लक्ष्मण बनेंगे, गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण की तिकड़ी धोनी की वजह से नाराज है! ऐसा इसलिए क्योंकि धोनी तो वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्वकप जिताने के लिए सौरभ गांगुली, लक्ष्मण, और राहुल द्रविड़ को टीम से बाहर कर दिया था, यहीं कारण है कि अब ये तिकड़ी धोनी को बाहर रखेगी, वक्त रहते अगर भारतीय क्रिकेट में सियासत खत्म नहीं हुए तो फिर भारत की हालत विश्वकप में इससे खराब होने वाली है, कल मैच के बाद विराट कोहली ने सिर्फ एक खिलाड़ी का नाम लिया, वो नाम था धोनी का. विराट ने रोहित की तारीफ नहीं की बल्कि धोनी की कर डाली, जिससे साफ पता चलता है कि कप्तान के तौर न सही कोच के तौर पर धोनी टीम के साथ जुड़ सकते हैं, महेंद्र सिंह धोनी की ही कप्तानी में भारत ने 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था. उस समय भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 5 रनों से मात दी थी. टीम इंडिया ने इसके बाद 2011 के 50 ओवर वाले वर्ल्ड कप में भी जीत हासिल की थी और उस वक्त भी टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे. आज जब भारत को एक समझदार कोच की ज़रूरत है, तब धोनी घर पर हैं, लेकिन दर्शक धोनी को कोच के तौर पर देखना चाहते हैं, सियासत न हुई होती तो आज वो कोच होते और ये मैच भारत नहीं हारा होता. धोनी ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें मैच खेलते हुए ही कोच बनाए जाने की बात चल रही थी, मतलब आप समझ सकते हैं धोनी को क्रिकेट के दिग्गज क्यों महान मानते हैं, और सिर झुकाते हैं….